नाटो को तुर्की एवं आतंकियों में से एक को चुनना होगा – तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष की चेतावनी

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

अंकारा – ‘तुर्की यह नाटो का सदस्य देश है और नाटो के नियमों के अनुसार सदस्य देश पर हुआ हमला नाटोपर किया गया हमला साबित होता है| फिलहाल तुर्की की सुरक्षा के लिए आतंकी संगठनों से खतरा बना है| पर, ऐसी स्थिति में नाटो तुर्की के साथ खडी नही है| तब, तुर्की और आतंकी, इनमें से एक का चयन नाटो को करना होगा’, यह इशारा तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप तय्यीप एर्दोगन ने दिया है| साथ ही सीरिया में तय अपना उद्देश्य प्राप्त करने तक तुर्की हमलें बंद नही करेगा, यह भी राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने स्पष्ट किया है|

फ्रान्स, जर्मनी इन यूरोपिय देशों ने तुर्की को दी जा रही लष्करी सहायता बंद की है| साथ ही सीरिया में सेना उतारकर कुर्दों पर हमलें कर रहे तुर्की पर यूरोपिय महासंघ प्रतिबंध लगाए, यह मांग फ्रान्स और जर्मनी ने की है| यूरोपिय देशों की इस भूमिका पर तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने आलोचना की है| ‘नाटो’ के सदस्य देश के साथ यूरोपिय देशों का व्यवहार ‘चार्टर ५’ के नुसार नही है, यह आलोचना एर्दोगन ने की है|

सीरिया में नाटो की कार्रवाई यह आतंकवाद के विरोध में है, और नाटो के सदस्य देशों ने तुर्की को विरोध करके संगठन के नियम तोडे है, यह आरोप भी एर्दोगन ने रखा है| साथ ही नाटो ने तुर्की ने सीरिया में शुरू की हुई कार्रवाई को लेकर अपनी भूमिका स्पष्ट करनी होगी, ऐसा एर्दोगन ने कहा है| तुर्की एवं सीरिया के आतंकी, इनमें से एक का चयन नाटो को करना होगा, यह बात तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने स्पष्ट की है|

सीरिया में कुर्दों के विरोध में तुर्की ने शुरू की हुई कार्रवाई पर रशिया ने भी नाराजगी व्यक्त की है| वही, ईरान और अरब देशों ने भी तुर्की की कार्रवाई का विरोध किया है| लेकिन, तुर्की अभी भी सीरिया में कुर्दों के ठिकानों पर किए हमलों पर कायम है| सीरिया में सेफ झोन का निर्माण करना एवं कुर्द आतंकियों के ठिकाने तबाह करना, यही अपना उद्देश्य होने की बात एर्दोगन ने स्पष्ट की| लेकिन, तुर्की के हमलों में सीरियन नागरिकों की बलि जा रही है, यह जानकारी भी सामने आ रही है|

इसी बीच तुर्की ने सीरिया में की हुई लष्करी कार्रवाई को समर्थन दे रहे पाकिस्तान पर भारत में नियुक्त सीरियन राजदूत ने कडी आपत्ति जताई है| जो देश आतंकवाद का समर्थन कर सकता है, वही देश तुर्की का भी समर्थन कर

सकता है, यह फटकार सीरियन राजदूत रियाद कामेल अब्बस ने लगाई है| साथ ही तुर्की के हमलों पर भारत ने किए आलोचना का सीरियन राजदूत ने समर्थन किया है|

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