अमरिका और यूरोप के बीच मतभेदों की वजह से ट्रांस अटलांटिक साझेदारी खतरे में – नाटो के प्रमुख स्टोल्टनबर्ग की चिंता 

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ब्रुसेल्स – ‘पिछले कुछ महीनों में अमरिका और प्रमुख यूरोपीय देशों के बीच निर्माण हुए मतभेदों की वजह से ‘ट्रांस अटलांटिक’ साझेदारी खतरे में पड़ी है|आने वाले समय में ट्रांस अटलांटिक साझेदारी और लष्करी सहकार्य टिकने की संभावना नहीं है’, ऐसी चिंता नाटो के प्रमुख स्टोल्टनबर्ग ने व्यक्त की है|

राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प की नीतियों की वजह से अमरिका और यूरोपीय देशों के बीच मतभेद बढने का दावा नाटो के प्रमुख ने किया है|इस वजह से अमरिका और मित्र देशों के बीच निर्माण हुई दरार इतनी जल्दी कम होने वाली नहीं है|ऐसा स्टोल्टनबर्ग ने कहा है|इसके लिए अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प की भूमिका जिम्मेदार होने का आरोप नाटो प्रमुख ने किया है|राजनीतिक तूफ़ान की वजह से नाटो के सदस्य देशों में तनाव बढने की चेतावनी नाटो प्रमुख ने ब्रिटन के एक दैनिक में लिखे लेख में दी है|

ट्रांस अटलांटिक

‘पिछले कुछ महीनों में ईरान का परमाणु अनुबंध, व्यापारी उत्पादनों पर कर और वातावरण बदलाव इन मुद्दों पर अमरिका और अन्य मित्र देशों के बीच मतभेद निर्माण हुए हैं| यह मतभेद एक रात में ही नष्ट होने वाले नहीं हैं|उसकी साथ ही ट्रांस अटलांटिक साझेदारी बहुत समय तक टिकेगी, ऐसा किसी भी पत्थर पर नहीं लिखा है| लेकिन इस साझेदारी का विभाजन इसके आगे अपरिहार्य है| इसे टालने के लिए हम कोशिश कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए सदस्य देशों ने एक होना आवश्यक है’, ऐसा आवाहन नाटो प्रमुख ने किया है|

दौरान, जर्मनी और फ्रान्स इन देशों ने शरणार्थी, ईरान का परमाणु अनुबंध और अमरिका की व्यापारी नीति इस बारे में पूरी तरह से विरोधी भूमिका अपनाकर ट्रम्प को अपना लक्ष्य बनाया था| इसके बाद ट्रम्प ने यूरोप से आयात किए जाने वाले फौलाद और अल्युमिनियम उत्पादनों पर कर बढ़ाया था| यूरोपीय देश भी चीन की तरह अमरिका के औदार्य का गलत फायदा उठा रहे हैं और व्यापारी लाभ लेते आ रहे हैं, ऐसी ट्रम्प आलोचना कर रहे हैं| लेकिन इसके आगे अमरिका इसे बर्दाश्त नहीं करेगा| अमरिका की तरफ से व्यापारी सहुलतें चाहिएं तो उसके बदले में यूरोपीय देशों को भी अमरिका को सहुलतें देनी पड़ेंगी, ऐसा ट्रम्प ने कहा है|

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