‘मिशन शक्ति’ के बाद भी नासा-इस्रो सहयोग बरकरार रहेगा – ‘नासा’ का ऐलान

नई दिल्ली/वॉशिंगटन – भारत ने उपग्रह विरोधी एंटी सैटेलाइट मिसाइल का परीक्षण करने के बाद अमरिका की अंतरिक्ष संशोधन संस्था ‘नासा’ ने इस परीक्षण पर कडी आलोचना की थी| साथ ही भारत की ‘इस्रो’ के साथ बना सहयोग खंडित करने की तैयारी भी नासा ने शुरू की थी| ऐसे में अब इस्रो के स्थापित सहयोग बरकरार रखने का ऐलान ‘नासा’ ने किया है| ‘व्हाईट हाउस’ की सूचना के नुसार ‘नासा’ को यह ऐलान करना पडा है, यह दावे हो रहे है| वही, भारत के जीस परीक्षण की वजह से अंतरिक्ष में कुडा निर्माण होने का आरोप नासा कर रही है, यह कुडा अपने आप ही नष्ट होगा, यह ‘इस्रो’ ने दुबारा स्पष्ट किया है|

भारत ने ‘एंटी सैटेलाइट मिसाइल’ का परीक्षण करके पुरी दुनिया को झटका दिया था| मिसाइल नष्ट करने की क्षमता रखनेवाले अमरिका, रशिया एवं चीन के बाद यह क्षमता प्राप्त करनेवाला भारत चौथा देश बना है| भारत के इस परीक्षण पर अमरिका की ‘नासा’ ने आपत्ति जताई थी| इस परीक्षण की वजह से अंतरिक्ष में कुडा निर्माण हुआ है और इससे ‘इंटरनैशनल स्पेस स्टेशन’ को खतरा बना है, यह चेतावनी नासा ने जारी की थी| लेकिन, भारत ने अपने इस परीक्षण की वजह से किसी भी तरह अंतरराष्ट्रीय नियमों का भंग नही हुआ है, यह ऐलान किया| साथ ही उपग्रह नष्ट करने से बना कुडा ‘लोअर अर्थ ऑरबिट’ में है और वह जलकर नष्ट होगा, यह खुलासा ‘इस्रो’ ने किया था|

इस दौरान, ‘नासा’ ने भारत के एंटी सैटेलाइट मिसाइल का परीक्षण होने के बाद ‘इस्रो’ के साथ बना सहयोग खंडित करने की तैयारी की थी| फिलहाल अमरिका अंतरिक्ष संशोधन क्षेत्र में भारत से सहयोग कर रही है और दोनों देश संयुक्त अंतरिक्ष मुहीम पर भी काम कर रहे है| ऐसी स्थिति में नासा ने अपनाई भूमिका दोनों देशों के सहयोग पर विघातक असर होने का कारण बन सकती थी| इसी लिए अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष के निवास स्थान एवं प्रशासकीय मुख्यालय रहे ‘व्हाईट हाउस’ ने इस स्थिति में हस्तक्षेप किया है| व्हाईट हाउस से हुई सूचना के नुसार नासा ने इस्रो के साथ बना सहयोग बरकरार होने का ऐलान किया|

अमरिकी रक्षा मुख्याल पेंटॅगॉन ने भी भारत की मिशन शक्ति पर नासा ने जताई आपत्ति पर नाराजगी व्यक्त की है| नासा ने जताई आपत्ति बचकानी है, यह आलोचना भी पेंटॅगॉन ने की थी|

पिछले कुछ हफ्तों से अमरिका में भारत विरोधी स्वर उमड रहे है| अमरिका के एक पत्रिका ने भारत ने पाकिस्तान का ‘एफ-१६’ विमान गिराया नही है और पाकिस्तान के बेडे में ‘एफ-१६’ विमानों की संख्या पहले उतनी ही है, उसमें कमी नही हुई है, यह दावा किया था| उसके बाद पाकिस्तान ने जोश से भरी प्रतिक्रिया देकर भारत का झुठ उजागर होने की बात कही थी| इसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री भी भारत पर आलोचना करके आखिरकार सच सामने आने का दावा कर रहे है| वास्तव में अमरिकी पत्रिका ने किया यह दावा झुठ है, यह बात भारतीय वायुसेना की सफाई के बाद सिद्ध हुई है| ‘एफ-१६’ गिराने के सबूत भारत ने अमरिका को सौंप दिए है| फिरभी ‘मिग-२१ बायसन’ जैसे लडाकू विमान ने अमरिका का ‘एफ-१६’ गिराया यह बात स्वीकार करना अमरिका के लिए काफी कठनाई भरा है और इससे अमरिका को व्यावसायिक झटका लग सकता है| इसीलिए अमरिका जाहीर तौर पर भारत के कहने में सच्चाई होने की बात स्वीकार नही कर सकती| इस स्थिति का लाभ अमरिका में मौजूद कुछ गुट उठा रहे है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.