इजिप्त के भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष मोर्सी की हत्या हुई – ‘मुस्लिम ब्रदरहूड’ का आरोप

Third World Warकैरो: इजिप्त के भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष और मुस्लिम ब्रदरहुड इस कट्टरपंथी संगठन के नेता मोहम्मद मोर्सी इनकी सोमवार को कारागृह में मृत्यु हुई है| पर यह मृत्यु न होकर मोर्सी इनकी योजनाबद्ध हत्या करने का आरोप मुस्लिम ब्रदरहुड तथा अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवी संगठन ने किया है| दौरान मोर्सी के समर्थन में देशभर में प्रदर्शन किए जाए, ऐसा आवाहन मुस्लिम ब्रदरहुड ने किया है|

खाड़ी-इस्लामी देशों में वर्ष २०११ में हुए ‘अरब स्प्रिंग’ के आंदोलन में इजिप्त में सत्ता बदलाव हुआ था| लगभग चार दशक इजिप्त की सत्ता संभालनेवाले ‘होस्नी मुबारक’ इनका प्रशासन उठाकर मुस्लिम ब्रदरहुड ने इजिप्त की सत्ता का कब्जा लिया था| उस समय मुस्लिम ब्रदरहुड के वरिष्ठ नेता के तौर पर ‘मोहम्मद मोर्सी’ को राष्ट्राध्यक्ष घोषित किया गया था| रशिया, सौदी अरब द्वारा आतंकवादी घोषित किए इस संगठन ने इजिप्त की सत्ता हथियाने का वह पहला समय था|

पर लगभग २ वर्ष सत्ता पर होने के बाद इजिप्त के लष्कर ने नागरिकों की सहायता से बगावत करते हुए, मोर्सी को सत्ता से उतारा| भ्रष्टाचार तथा २०११ के आंदोलन में भीषण हिंसाचार के लिए मोर्सी इनके मुस्लिम ब्रदरहुड के ८०० लोगों को कब्जे में लिया गया था| २०१३ वर्ष से मोर्सी एवं ब्रदरहुड के नेता इजिप्त के कारागृह में कैद होकर उनपर हमास, हिजबुल्लाह इन आतंकवादी, गाजापट्टी एवं लेबनान की आतंकवादी संगठनों को सहायता करने का आरोप किया गया है|

इजिप्त की सरकारी यंत्रणा ने घोषित किए जानकारी के अनुसार सोमवार को कारागृह में होते हुए मोर्सी इनकी दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हुई है| उनके मृत्यु पर कतार, तुर्की तथा संयुक्त राष्ट्रसंघ ने शोक व्यक्त किया है| पर मानव अधिकार संगठन ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल’ और मुस्लिम ब्रदरहुड ने मोर्सी के मृत्यु पर आशंका उपस्थित की है| मोर्सी को काली कोठरी में रखा गया था| उन्हें अन्य किसी से भी मिलने की अनुमति नहीं थी, ऐसी आलोचना मानव अधिकार संगठन कर रही है|

तथा मोर्सी को दवाई लेने पर भी प्रतिबंध जारी किए थे| उनके तबीयत के बारे में कभी भी कोई जानकारी उजागर नहीं की गई थी| जिसकी वजह से मोर्सी के मृत्यु के बारे में संदेह होने का आरोप ब्रदरहुड से किया जा रहा है| मोर्सी को तड़पाते हुए धीरे-धीरे मारा गया है, ऐसा आरोप ब्रदरहुड ने किया है| तथा इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग एमनेस्टी इंटरनेशनल ने की है|

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