यूरोपिय महासंघ द्वारा ‘रैपिड रिस्पॉन्स मिलिटरी फोर्स’ गठित करने की गतिविधियाँ

ब्रुसेल्स – रशिया की बढ़ती और आक्रामक गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर यूरोपिय महासंघ ने फिर से स्वतंत्र सेना गठित करने का प्रस्ताव सामने लाया है। गुरूवार के दिन हुई एक बैठक के दौरान महासंघ के सदस्य देशों के रक्षामंत्री ने इस मुद्दे पर बातचीत करने की जानकारी महासंघ के विदेश प्रमुख जोसेफ बॉरेल ने प्रदान की। इस बैठक के दौरान पांच हज़ार सैनिकों के ‘रैपिड रिस्पॉन्स मिलिटरी फोर्स’ का गठन करने की योजना पेश की गई है, ऐसा कहा जा रहा है।

‘रैपिड रिस्पॉन्स मिलिटरी फोर्स’

वर्ष २०१४ में रशिया ने क्रिमिया पर कब्जा करने के बाद और लीबिया समेत अफ्रीका के अलग अलग देशों में जारी संघर्ष की पृष्ठभूमि पर महासंघ में लगातार स्वतंत्र सेना गठित करने की माँग सामने आ रही है। जर्मनी और फ्रान्स इसके लिए बड़ी पहल कर रहे है। इससे पहले महासंघ का हिस्सा रहे ब्रिटेन और उत्तरी यूरोप के कुछ देशों का विरोध होने के कारण यह योजना अब तक ज्यादा आगे बढ़ नहीं पायी थी। लेकिन, ब्रिटेन की ‘एक्ज़िट’ के बाद गतिविधियाँ तेज हुई हैं।

यूरोपिय महासंघ की स्वतंत्र सेना स्थापित करने की कल्पना सबसे पहले वर्ष १९९९ में पेश की गई थी। इसके बाद इसी कल्पना की बुनियाद पर यूरोप में ‘बैटल ग्रूप्स’ का गठन किया गया था। डेढ़ हज़ार से चार हज़ार सैनिकों के समावेश के १० से अधिक बैटल ग्रूप्स स्थापित किए गए हैं। लेकिन, इनका इस्तेमाल अब तक नहीं किया गया है। लेकिन, अब इन्हीं का इस्तेमाल करके पांच हज़ार सैनिकों के समावेश का ‘रैपिड रिस्पॉन्स मिलिटरी फोर्स’ गठित करने की योजना पर काम शुरू हुआ है।

‘रैपिड रिस्पॉन्स मिलिटरी फोर्स’

फिलहाल इस योजना को महासंघ के १४ देशों ने समर्थन घोषित किया है। इनमें जर्मनी, फ्रान्स, इटली, स्पेन, पोर्तुगाल, ग्रीस, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, नेदरलैण्ड, आयर्लैंड, शेक गणराज्य, स्लोवेनिया, लक्ज़ेंबर्ग और सायप्रस का समावेश है। ‘नए दल में थलसेना, वायुसेना और नौसेना तीनों विभागों का समावेश होगा। किसी भी देश में अधिकृत सरकार सत्ता संभाल रही है और आतंकी गुट सरकार का तख्ता पलटने की कोशिश करता है तो ऐसी स्थिति में महासंघ अपना यह दल तुरंत तैनात कर सकेगा’, इन शब्दों में महासंघ के वरिष्ठ अफसर ने ‘रैपिड रिस्पॉन्स मिलिटरी फोर्स’ की जानकारी साझा की।

वर्ष २०१७ में फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन ने इसी तरह के ‘इंटरवेन्शन फोर्स’ का गठन करने का प्रस्ताव रखा था। उस समय यह दल नाटो से अलग रहेगा, यह बात स्पष्ट की गई थी। इसके बाद महासंघ ने नाटो से अलग स्वतंत्र यंत्रणा का गठन करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं और इसके लिए बजट में स्वतंत्र प्रावधान भी किया गया है।

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