२०१८ के हुए संघर्ष में १२ हजार से भी अधिक बच्चों की बलि – संयुक्त राष्ट्रसंघ का रपट

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरसंयुक्त राष्ट्र: वर्ष २०१८ में दुनिया में अलग अलग हिस्सों में हुए भीषण संघर्ष में १२ हजार से अधिक बच्चे बलि होने की डरावनी जानकारी सामने आ रही है| संयुक्त राष्ट्रसंघ का अंग होनेवाले ‘स्पेशल रिप्रेझेंटेटिव्ह फॉर चिल्ड्रन ऍण्ड आर्म्ड कन्फ्लिक्ट’ गुट ने प्रसिद्ध किए अहवाल से यह स्थिति स्पष्ट हुई है| इसमें अहम बात यह है की आतंकी या हथियारबंद बागी गुटों से ज्यादा सरकारी एवं अंतरराष्ट्रीय लष्करी दलों ने की कार्रवाई में बलि गए बच्चों की संख्या अधिक होने की सनसनीखेड जानकारी इस अहवाल में दर्ज की गई है|

दुनिया के कई कोनों में संघर्ष एवं युद्ध शुरू है और इसका सबसे अधिक झटका बच्चों को लग रहा है, यह बात इस अहवाल के कारण फिर से सामने आयी है| पिछले एक महीने के दौरान संयुक्त राष्ट्रसंघ ने भीषण नैसर्गिक आपत्ति एवं मौसम में हो रहे बदलाव, सुखा और भूखमरी से हो रहे असर की जानकारी देनेवाले अहवाल प्रसिद्ध किए थे| इन दोनों अहवालों में आपत्ति एवं भूखमरी का सबसे ज्यादा झटका लगनेवाले घटक के तौर पर बच्चों का जिक्र किया गया था| नए अहवाल से भी यही बात फिर से सामने आती दिखाई दे रही है|

‘स्पेशल रिप्रेझेंटेटिव्ह फॉर चिल्ड्रन ऍण्ड आर्म्ड कन्फ्लिक्ट’ ने अपने अहवाल में वर्ष २०१८ के दौरान हुए संघर्ष में बच्चों के विरोध में २४ हजार से अधिक वारदात होने की बात दर्ज की है| इसमें बलि जानेवाले बच्चों के साथ ही संघर्ष में गंभीर जख्मी एवं विकलांग होनेवाले बच्चे, उनपर हो रहे अत्याचार, अपहरण की घटना और बच्चों का हथियारों के माफिक हो रहे इस्तेमाल का भी समावेश है| संघर्ष में बलि जानेवाले बच्चों की सबसे अधिक संख्या अफगानिस्तान में देखी गई है| अफगानिस्तान के संघर्ष में करीबन ३ हजार बच्चों की बलि जाने की बात कही गई है|

अफगानिस्तान के साथ ही येमन, सीरिया और पैलेस्टिन में भी शुरू संघर्ष में बच्चों की बलि जाने की मात्रा अधिक होने की बात अहवाल में दर्ज की गई है| येमन और सीरिया में करीबन डेढ से दो हजार बच्चों की बलि गई है और सैकडों बच्चे गंभीर जख्मी होने की जानकारी इस अहवाल में दी गई है| अहवाल में सरकारी दलों से शुरू कार्रवाई एवं अंतरराष्ट्रीय लष्करी मुहीम में बलि जानेवाले बच्चों की संख्या में बढोतरी होने का एहसास गंभीरता से कराया गया है|

इसमें सौदी अरब से येमन में शुरू मुहिम को लक्ष्य किया गया है| सौदी ने सबुत और जानकारी ना होते हुए भी येमन में किए हमलों में बच्चों का बडा नुकसान होने की बात सामने आयी है| बच्चों का हथियारों की तरह इस्तेमाल करने में अफ्रीकी देश आगे है और सोमालिया और नाइजेरिया के आतंकी संगठन बच्चों का क्रूरता के साथ इस्तेमाल करते है, यह बात अहवाल में रखी गई है| सोमालिया में ‘अल शबाब’ जैसी आतंकी संगठन ने दो हजार से अधिक बच्चों को दहशतगर्दों का प्रशिक्षण दिया है और इनमें आठ वर्ष के बच्चों का भी समावेश होने की चौकानेवाली बात स्पष्ट हुई है|

संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव एटोनिओ गुतेरस ने इस अहवाल पर गंभीरता के साथ संज्ञान लिया है औड़ बच्चों के विरोध में शुरू हिंसा की व्याप्ति और तीव्रता बढने पर कडी चिंता व्यक्त की है|

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