महाराष्ट्र में दो दिन हुई बारिश में सौ से अधिक लोगों की मौत – भूस्खलन होने से महाड़ के तलीये गांव में हाहाकार

मुंबई – महाराष्ट्र में कोंकण क्षेत्र के तटीय जिले एवं पश्‍चिमी महाराष्ट्र में हुई भारी बारिश ने हाहाकार मचाया है। बीते दो दिनों में भूस्खलन होने से एवं बाढ़ के पानी में बह जाने के अलावा बारिश में हुए अन्य हादसों में करीबन १०० से अधिक लोग मारे गए हैं। लेकिन, इन मृतकों की संख्या डेढ़ सौ से अधिक होने का ड़र जताया जा रहा है। महाड़ के तलीये गांव में हुई भूस्खलन की घटना के बाद मलबे के नीचे दबे अब तक ४८ लोगों के शव बाहर निकाले गए हैं। वहां पर कुल ४७ लोग अब तक लापता बताए जा रहे हैं। इसके अलावा राज्य में बाढ़ की स्थिति के कारण ९० हज़ार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है।

महाड़महाराष्ट्र के कुछ जिलों में बीते हफ्ते से जोरदार बारिश हो रही है। खास तौर पर घाट के ऊपरी क्षेत्र एवं कोंकण इलाके के जिलों में भारी बारिश हुई है और इसकी वजह से नदियाँ, नहरें उफान पर हैं। तीन दिनों से कोयना नदी पर बने हुए कोलकेवाड़ी बाँध से भी पानी छोड़ा गया है और इससे चिपलुन में गंभीर स्थिति निर्माण हुई। महाड़ में सावित्री, अम्बा, कुंड़लिका, पातालगंगा जैसी नदियों से हुई बाढ़ की स्थिति ने भारी तबाही मचाई है। कोंकण और पश्‍चिम महाराष्ट्र में भूस्खलन की घटनाएँ हुई हैं। इनमें से पांच बड़ी घटनाओं में १०० से अधिक लोग मारे जाने से तीव्र शोक व्यक्त किया जा रहा है।

रायगड़ जिले के महाड़ तहसिल में तलीये गांव में पहाड़ का बड़ा हिस्सा गिरने से मीट्टी और पत्थरों का बड़ा मलबा गीरने से तलीये गांव में तबाही हुई। वर्ष २०१४ में पुणे जिले के आंबेगाव तहसील के मालिन गांव में हुई भूस्खलन की भयंकर दुर्घटना की याद भी इस दौरान ताज़ा हुई। तलीये गांव में स्थित करीबन ३८ में से ३२ घर इस दुर्घटना में पूरी तरह से नष्ट हुए। यहां के मलबे के नीचे पूरा गांव दब हुआ है और कुछ घरों के सभी सदस्य मारे गए हैं। पीछे छूटे गांववालों एवं मृतकों के परिवारों के आक्रोश से संपूर्ण राज्य दहल उठा है।

तलीये में गीरे मलबे के नीचे से अब तक ४८ लोगों के शव निकाले गए हैं और ४७ लोग लापता हैं। इसके अलावा सातारा, पोलादपुर, खेड़ और वाई में भूस्खलन होने से जीवितहानी हुई है। सातारा के आंबेर में भूस्खलन होने से १४ लोगों की मौत हुई। इसी जिले के मीरगाव में भूस्खलन होने से १० की मौत हुई। वाई में दो मलबे के नीचे दबने से दो महिलाओं की मृत्यु हुई।

महाड़रायगड़ के पोलादपुर तहसील के केवनाल में सुतारवाड़ी में भूस्खलन होने से ११ लोगों की मौत हुई। खेड़ तहसील में पोसरे गांव में भूस्खलन होने से १७ लोग मारे गए। इसके अलावा भारी बारिश की वजह से अन्य ठिकानों पर भी कुछ दुर्घटनाएं हुई हैं। इनमें से कुछ घटनाओं में कुछ लोगों के बाढ़ के पानी में बहने की खबरें हैं। चिपलुन में अपरांत अस्पताल में कोविड केअर सेंटर बाढ़ की चपेट में आने के बाद ऑक्सीजन की सप्लाई बंद होने से ८ कोरोना संक्रमितों की मृत्यू हुई।

लेकिन, राज्य सरकार ने अधिकृत स्तर पर जारी की हुई जानकारी के अनुसार इन हादसों में अब तक ७६ लोगों की मौत हुई है और ३० लापता हैं। राज्य के राहत एवं पुनर्वासमंत्री विजय वडेट्टीवार ने १३८ लोगों की मौत होने की बात कुछ माध्यमों से बातचीत करते समय साझा की।

लेकिन, पश्‍चिम महाराष्ट्र के कोल्हापुर, सांगली, सातारा में पंचगंगा, कृष्णा और कोयना नदियों से बाढ़ की स्थिति चिंताजनक हुई है। इन नदियों का जलस्तर अभी कम नहीं हुआ है और घाट के ऊपरी इलाकों में लगातार बारिश हो रही है। ऐसे में अल्लमपट्टी, कोयना और राधानगरी बाँध से पानी छोड़ते ही स्थिति अधिक बिगड़ने के आसार हैं। इस वजह से प्रशासन सतर्क है। कोल्हापुर में नदी के तटीय क्षेत्र से ४० हज़ार लोगों को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किया गया है। इसके अलावा यवतमाल, गड़चिरोली, परभणी, नांदेड़, अमरावती जिलों में भी जोरदार बारिश हुई।

राज्य में भारी वर्षा के कारण कई स्थानों पर सहायता पहुंचाई गई है और अब तक कई गांवों का संपर्क खंड़ित है। सेना, ‘एनडीआरएफ’, राज्य की यंत्रणा दुर्गम इलाकों तक सहायता पहुँचाने की कोशिश कर रही हैं। इसके लिए वायुसेना भी सहायता कर रही है। सौभाग्यवश शनिवार के दिन कई इलाकों में बारिश थमने से राहतकार्य को गति प्राप्त हो सकी। साथ ही इससे बाढ़ का जलस्तर कम होने के लिए भी सहायता हुई। लेकिन, बाढ़ के बाद अब बिमारीयों का खतरा बढ़ा है।

शनिवार के दिन राज्य के मुख्यमंत्री ने राज्य में बाढ़ की स्थिति का हवाई जायज़ा लिया। साथ ही भूस्खलन से तबाह हुए तलीये गांव की भी यात्रा की। गांववालों का अन्य स्थान पर पुनर्वास किया जाएगा, ऐसा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी महाराष्ट्र में बाढ़ से बनी स्थिति पर चिंता जताकर राहतकार्य की जानकारी प्राप्त की।

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