लद्दाख की ‘एलएसी’ पर मिसाइलों से लैस ‘रफायल’ ने भरी उड़ान

नई दिल्ली – लद्दाख के हवाई क्षेत्र में मिसाइलों से लैस रफायल विमानों ने उड़ान भरी। वायुसेना ने इन विमानों के फोटो जारी किए हैं और यह रोज़ाना उड़ान का हिस्सा होने की जानकारी भी साझा की है। लेकिन, लद्दाख के ‘एलएसी’ पर तनाव कम करने के लिए भारत और चीनी सेना के बीच ९ अप्रैल के दिन बातचीत का आयोजन होना है। इस बातचीत से पहले रफायल ने भरी यह उड़ान चीन के लिए सख्त चेतावनी देने की बात स्पष्ट तौर पर दिख रही है। लद्दाख के ‘एलएसी’ के करीब कुछ क्षेत्र से चीन अब भी पीछे हटने के लिए तैयार ना होने की खबरें प्राप्त हो रही हैं। इस वजह से रफायल का उड़ान भरना चीन को सख्त चेतावनी दे रहा है, ऐसे दावे किए जा रहे हैं।

लद्दाख की ‘एलएसी’ पर भारी तनाव निर्माण होने के दौरान भी वायुसेना के अन्य लड़ाकू विमानों के साथ रफायल ने भी यहां के हवाई क्षेत्र में उड़ान भरी थी। लेकिन, अब मिसाइलों से पूरी तरह से लैस रफायल विमानों ने भरी उड़ान भारतीय वायुसेना की क्षमता प्रदर्शित कर रही है। लद्दाख के हवाई क्षेत्र में भारतीय वायुसेना वर्चस्व बनाए होने की बात वायुसेनाप्रमुख आर.के.एस.भदौरिया ने कही थी। इसी बीच इस क्षेत्र में भारत की हवाई क्षमता चीन से काफी अधिक होने का दावा पश्‍चिमी विश्‍लेषकों ने किया था। इसी बीच रफायल विमानों का समावेश होने से भारतीय वायुसेना का सामर्थ्य काफी बढ़ा हुआ दिख रहा है।

फ्रेंच निर्माण के प्रगत रफायल लड़ाकू विमान ‘गेम चेंजर’ साबित होंगे, ऐसा विश्‍वास वायुसेना ने पहले ही व्यक्त किया था। चीन अपने बेड़े में रफायल से भी अधिक प्रगत लड़ाकू विमान मौजूद होने का दावा करता रहा है। लेकिन, असल में चीन के यह दावे खोखले हैं और चीन की वायुसेना के बेड़े में रफायल की क्षमता वाले विमान मौजूद नहीं है। रशियन तकनीक का इस्तेमाल करके चीन ने प्रगत लड़ाकू विमानों का निर्माण किया था। लेकिन, इन विमानों की क्षमता काफी सीमित है और यह क्षमता कभी भी साबित नहीं हुई है, इस ओर भी सामरिक विश्‍लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

इसी कारण रफायल विमानों का इस्तेमाल करके भारतीय वायुसेना चीन पर दबाव बढ़ा रही है। लद्दाख की ‘एलएसी’ से सेना की वापसी की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है। चीन ने लद्दाख के पैन्गॉन्ग त्सो के क्षेत्र से वापसी की है, फिर भी गोग्रा, हॉटस्प्रिंग और देप्सांग में चीनी सैनिक अब तक तैनात हैं। उनके पीछे हटने तक लद्दाख के ‘एलएसी’ पर तनाव दूर होने का दावा करना मुमकिन ना होने की बात भारतीय सेनाप्रमुख ने कुछ दिन पहले ही स्पष्ट की थी। इस मोर्चे पर अब भी चीन ऐसी उम्मीद लिए बैठा है कि, भारत पर दबाव बढाना संभव होगा। लेकिन, भारत ने इस पर चीन को सख्त चेतावनी देकर ऐसा कहा था कि, संपूर्ण सेना पीछे हटने तक लद्दाख का तनाव खत्म नहीं होगा।

९ अप्रैल के दिन हो रही चर्चा के दौरान भी भारत इस मुद्दे पर ड़टकर भूमिका रखेगा, ऐसे स्पष्ट संकेत प्राप्त हो रहे हैं। साथ ही चीन ने कोई हरकत की तो इस पर जवाब देने के लिए भारत पूरी तरह से तैयार होने का इशारा मिसाइलों से लैस रफायल विमानों के उड़ान से दिया जा रहा है।

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