अफगानिस्तान से सेना की वापसी निर्णायक गलती साबित होगी – अमरिकी रक्षादलप्रमुख पद के लिए नामांकित अधिकारी का दावा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन: ‘अफगानिस्तान से सेना हटाने की जल्दबाजी अमरिका ना करें| अफगानिस्तान से अमरिकी सेना हटाना निर्णायक गलती साबित होगी’, यह दावा राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने रक्षादलप्रमुख पद के लिए नामांकित किए ‘जनरल मार्क मिले’ ने किया है| अफगानिस्तान से दुबारा अमरिका या अमरिका के हितसंबंधों पर हमलें नही होंगे, इसकी गारंटी मिलने तक इस देश से सेना की वापसी ना हो, ऐसा जनरल मार्क मिले ने स्पष्ट किया है|

जनरल मार्क मिले अमरिकी सेना के प्रमुख है और राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने उन्हें बढोतरी देकर रक्षादलप्रमुख पद के लिए नामांकित किया है| अगले कुछ दिनों में जनरल मिले अपने पद की जिम्मेदारी संभालेंगे| लेकिन, उससे पहले अमरिकी सिनेट के सामने बोलते समय उन्होंने अफगानिस्तान संबंधी अपनी भूमिका रखी|

‘अमरिका पर हुए आतंकी हमलें के लिए जिम्मेदार होनेवाले दहशतगर्दों को खतम करके फिर कभी भी इस देश का वापर आतंकी हमलों के लिए ना हो, यह उद्देश्य प्राप्त करने के लिए वर्ष २००१ में अमरिका ने अफगानिस्तान पर हमला किया था’, ऐसा जनरल मिले ने इस दौरान कहा| ‘वर्ष २००१ के बाद अमरिका पर बडा आतंकी हमला हुआ नही है, इस वजह से अफगानिस्तान के संघर्ष में अमरिका कामयाब हुई, यह कह सकते है| लेकिन, इस लिए अमरिका समय से पहले अफगानिस्तान से पीछे हटना बडी गलती साबित होगी’, यह दावा जनरल मिले ने किया|

साथ ही तालिबान में शुरू बातचीत कामयाब होने तक अमरिका अफगानिस्तान से सेना पीछे ना ले| ‘यह शांतिवार्ता सफल होने के लिए समय लगेगा, इसमें बडी मुश्किलें भी आएंगी, लेकिन अफगानिस्तान की स्थिरता के लिए यह बातचीत जरूरी है’, यह कहकर जनरल मिले ने अफगानिस्तान से सेना पीछे लेने में जल्दबाजी ना करें, ऐसा कहा| साथ ही अमरिका अफगानिस्तान से पूरी सेना ना हटाए| अमरिका और मित्रदेशों की सुरक्षा के लिए अफगानिस्तान में अमरिका की थोडीबहुत सेना की तैनाती होना जरूरी है, ऐसा जनरल मिले ने रेखांकित किया|

सिर्फ अफगानिस्तान ही नही, बल्कि इराक, सीरिया इन खाडी देशों से भी अमरिका अपनी पूरी सेना पीछे बुलाने की जल्दबाजी ना करें| इन देशों की स्थिरता के लिए अमरिकी सैनिकों की तैनाती जरूरी होने की बात जनरल मिले ने स्पष्ट की| अमरिका के रक्षादलप्रमुख जनरल जोसेफ डनफोर्ड ने भी अफगानिस्तान से अमरिकी सेना पीछे नही लेंगे, यह बात डटकर रखी थी|

इस दौरान, अमरिका ने अफगानिस्तान के लिए नियुक्त किए विशेषदूत ‘झाल्मे खलिलझाद’ और तालिबान के कमांडर्स के बीच हाल ही में शांतिवार्ता हुई| इस दौरान तालिबान ने युद्धविराम करने के लिए तैयार होने की बात स्वीकारी| लेकिन, उससे पहले अमरिका अफगानिस्तान में तैनात सेना पीछे हटाए, इस मांग पर तालिबान कायम है|

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