कैस्पियन क्षेत्र में बाहर के देशों का अड्डा नहीं चाहिए – क्षेत्र देशों की परिषद में रशियन राष्ट्राध्यक्ष की घोषणा

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एक्ताऊ – कैस्पियन समुद्री क्षेत्र से जुड़े देशों की परिषद कझाकस्तान के शहर एक्ताऊ में शुरू हुई है। कझाकस्तान, अझरबेजान, तुर्कमेनिस्तान, ईरान और रशिया के समावेश वाली यह परिषद पूरी दुनिया का ध्यान खींच रही है। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन और ईरान के राष्ट्राध्यक्ष हसन रोहानी ने इस परिषद में सहभाग लिया है और इस समय रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने महत्वपूर्ण घोषणा की है। कैस्पियन समुद्री क्षेत्र के बाहर के किसी भी देश को लष्करी अड्डा निर्माण करने न देने की मान्यता इस परिषद में दी गई है।ऐसा पुतिन ने कहा है।

एक समय पर सोव्हिएत रशिया का हिस्सा रहे कझाकस्तान, अझरबैजान, तुर्कमेनिस्तान और ईरान के साथ रशिया का सहकार्य मजबूत करने वाला कैस्पियन देशों का संगठन बनाने कि कोशिश पिछले कई सालों से शुरू थी। रशिया और ईरान की पहल से इसे सफलता मिली है और कैस्पियन देशों के परिषद की पांचवी बैठक कझाकस्तान के एक्ताऊ शहर में शुरू हुई है। व्लादिमिर पुतिन और हसन रोहानी भी इस बैठक में शामिल हुए हैं। मध्य एशियाई क्षेत्र के इन देशों में आर्थिक, राजनीतिक और सामरिक स्तर पर सहकार्य दृढ करने का निर्णय इस परिषद में लिया गया है।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस क्षेत्र के बाहर के किसी भी देश को कैस्पियन परिषद के सदस्य देश अपनी जमीन लष्करी उपयोग के लिए नहीं देंगे, इसकी घोषणा इस परिषद में की गई है। रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने इस बारे में आग्रही भूमिका ली है। रशिया के प्रभाव क्षेत्र वाले देशों को नाटो का सदस्यत्व दिया जा रहा है, ऐसे में रशिया ने अपने यह भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होती है। ईरान के खिलाफ अमरिका आक्रामक व्यूहरचना कर रहा है, ऐसे में कैस्पियन समुद्री क्षेत्र का अपने खिलाफ उपयोग न हो, इसके लिए ईरान की गतिविधियाँ शुरू हुईं हैं। एक्तावू में हुई इस परिषद में रशिया और ईरान की इन कोशिशों को सफलता मिल रही है।

कझाकस्तान के मानस में अमरिका का हवाई अड्डा था। लेकिन कझाकस्तान की सरकार ने इस अड्डे के खिलाफ कठोर भूमिका लेने की वजह से, अमरिका को यह अड्डा छोडना पड़ा था। इसके लिए रशिया ने भी कझाकस्तान पर दबाव डालने की बात सामने आई थी। यहाँ के अड्डे से अमरिका पीछे हटने का परिणाम अफगानिस्तान में अमरिका के आतंकवाद विरोधी युद्ध पर हुआ था। सन २०१४ के जून महीने में अमरिका ने यह अड्डा खाली करने के बाद, वापस इस अड्डे को पाने के लिए अमरिका ने कोशिश शुरू की थी। लेकिन अमरिका की इन कोशिशों को सफलता नहीं मिली।

दौरान, कैस्पियन क्षेत्र के देशों में अधिक मुक्त रूपसे व्यापार और परिवहन की सुविधाएँ विकसित हो, इस पर इस परिषद में एकमत हुआ है। आने वाले समय में इस इंधन संपन्न क्षेत्र के देशों की आर्थिक और राजनीतिक साथ ही इंधन व्यापार के बारे में हुई एकजुट महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। इस बात को ध्यान में रखकर ही रशिया और ईरान ने इन देशों को एकजुट करने की तैयारी की है।

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