अफ़गान सेना की कार्रवाई में ४४ तालिबानी मारे गए

काबुल – अफगानिस्तान के कुंदुज़ प्रांत में सेना की कार्रवाई में ४४ तालिबानी मारे गए। साथ ही अफगानिस्तान की रक्षा बलों ने इमाम साहिब ज़िले में तालिबान ने कब्ज़ा किया हुए क्षेत्र पर दुबारा नियंत्रण प्राप्त किया। इसी बीच रविवार के दिन अफगानिस्तान के काबुल में हुए बम धमाके में एक की मौत हुई। अगले सप्ताह में अफगानिस्तान की सरकार और तालिबान के बीच शांतिवार्ता हो रही है। इस पृष्ठभूमि पर अफगानिस्तान में जारी गतिविधियां अहमियत रखती हैं।

सेना की कार्रवाई

बीते चार दिनों से कुंदुज़ प्रांत में अफगान सेना और तालिबान के बीच संघर्ष हो रहा था। इस संघर्ष में ४४ तालिबानियों के मारे जाने की जानकारी अफगान सेना ने साझा की। तभी तालिबान ने कब्ज़ा किए क्षेत्र पर दुबारा नियंत्रण स्थापित करने में अफगान सुरक्षा बल ने कामयाबी हासिल हुई। अफगानिस्तान की सेना ने यह ऐलान करने के बाद अगले कुछ घंटों में पाकतिया प्रांत में हुए बम विस्फोट में अफगान सेना के पांच सैनिक घायल हुए। इस विस्फोट की ज़िम्मेदारी अब तक किसी भी आतंकी संगठन ने स्वीकार नहीं की है। लेकिन, इस विस्फोट के पीछे तालिबान का ही हाथ होने की आशंका व्यक्त की जा रही है।

अफगानिस्तान में संघर्ष जारी है और तभी अफगानिस्तान की गनी सरकार और तालिबान के बीच शांति चर्चा होनी है। इस चर्चा के लिए अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी ने ४८ सदस्यों के कौन्सिल का गठन किया है। इसका नेतृत्व विशेष कार्यकारी अधिकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला करेंगे, यह जानकारी राष्ट्राध्यक्ष गनी ने साझा की। बीते दो दशकों से अफगानिस्तान में चल रहा संघर्ष ख़त्म करने के लिए यह शांतिवार्ता हो रही है। लेकिन, अफगानिस्तान में जारी हमलों का सिलसीला अभी बंद नहीं हुआ है, इस ओर माध्यमों ने ध्यान आकर्षित किया है।

२९ फरवरी के दिन अमरीका और तालिबान के बीच शांति समझौता हुआ। इसके कुछ घंटों बाद ही तालिबान ने अफगानिस्तान में हमलों का सत्र शुरू किया था। इससे सरकार और तालिबान की शांतिवार्ता के बाद अफगानिस्तान में शांति स्थापित होने को लेकर सवाल उठ रहे हैं।

इसी बीच अफगानिस्तान और तालिबान के बीच शांतिवार्ता के लिए पाकिस्तान भरसक कोशिशें कर रहा है। अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार स्थापित हो, यह इच्छा पाकिस्तान रखता है। इससे अफगानिस्तान पर बना हुआ भारत का प्रभाव कम होगा, इस सोच में पाकिस्तान होने का दावा अंतरराष्ट्रीय विश्‍लेषक कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.