ऑस्ट्रेलिया में आतंकवादी हमलो का सामना करने के लिये लष्कर तैनात- प्रधानमंत्री माल्कम टर्नबुल का विधान

कैनबेरा, दि.१७: अपना शत्रू (आतंकवादी) शीघ्र गतीविधी करने और साज़िश रचनेवाले है| उनसे मुकाबला करने के लिये उनसे २ कदम आगे रहना आवश्यक है’ इन्ही शब्दो में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री माल्कम टर्नबुलने आतंकवाद को लेकर अपने देश की सुरक्षा में बदलाव लाने का विधान किया| इस बदलाव के अनुसार देश में किसी भी आतंकवादी घटना होते ही उससे मुकाबला करने के लिये लष्कर तैनात किये जायेंगे| अब तक यह जिम्मेदारी स्थानिक पुलिस के पास थी|

अपना शत्रू (आतंकवादी)

पिछले तीन सालों में ऑस्ट्रेलिया में ७ आतंकी हमले हुए जिसमे ४ दहशतगर्दीयों के साथ १० लोग मारे गये| ऑस्ट्रेलिया के गुप्तचर विभाग से मिली जानकारी अनुसार आनेवाले समय में आतंकवादी हमला होने की आशंका है जो ‘प्रोबैबल’ स्तर का माना जा रहा है| ‘लोन वूल्फ’ प्रकार के आतंकी गट के हमला करने की खबर है|

इस बढते खतरे की पृष्ठभूमी पर ऑस्ट्रेलिया सरकारने राष्ट्रीय सुरक्षा नितियो का पुनर्विचार करके सुरक्षा में बदलाव लाने का संकेत दिया है| आतंकवाद और संघटनयुक्त अपराध पर रोक लगाने के लिये यह महत्वपूर्ण बदलाव लाये जा रहे है| कुछ दिनों पहले ऑस्ट्रेलियन सरकार ने आतंकवाद और स्थानिक गुनाहगारों के खिलाफ लडने के लिये इंटरनेट की कंपनीयों से सहाय्यता मांगी थी| ‘गुगल’, ‘फेसबुक’ जैसे कंपनीओं से आतंकवादी और संघटन की जानकारी सम्बन्धित विभाग को देने के निर्देश दिये थे|

सोमवार को हुई घोषणा आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है| अब तक आतंकवादी हमलों से दो हात करने और संबंधित कारवाई की जिम्मेदारी स्थानिक पुलिस पर थी| पर अब हमला होता है तो सारे हालात को लष्कर को अपने तारीकों से निपटने की मंजुरी दी गयी|

२०१४ वर्ष में ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर के एक कैफे में आतंकी हमला हुआ था| इस हमले के बाद स्थानिक सुरक्षा यंत्रणाने योग्य समय पर कदम नही उठाये, यह आरोप जांच के दौरान हुआ था| लष्कर हमले के दौरान पास होकर भी स्थानिक सुरक्षा दल के गैर जिम्मेदार बर्ताव से और लष्कर के सुरक्षा विषयक नीतीओ की वजह से घटनास्थल पर सेना की तैनाती संभव नही हुई| यह परिस्थिती फिर न उभरे इसके लिये सुरक्षा विषयक नीतीओ में बदलाव लाकर आंतकी हमले की परिस्थिती में लष्कर तैनात करने का फैसला हुआ|

आतंकी हमला होने पर प्रथम प्रतिक्रिया स्थानिक सुरक्षा यंत्रणा देगी पर साथ ही लष्कर को बुलाया जा सकता है| ऐसे समय में लष्कर की भूमिका बहुत ही सहायक और कारवाई की क्षमता बढाने की होगी यह कहते हुए प्रधानमंत्री माल्कम टर्नबुलने लष्कर के इस फैसले का समर्थन किया| यह फैसला ऑस्ट्रेलिया को और मजबूत करने के लिये जा रहा है यह दावा भी उन्होने किया|

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