‘मेक इन इंडिया’ के कारण अमरीका मार्केट गँवायेगी – ‘युएसटीआर’ की रिपोर्ट में जताई गई चिंता

वॉशिंग्टन – ‘‘भारत यह अमरीका के लिए बहुत बड़ा मार्केट है। लेकिन ‘मेक इन इंडिया’ के कारण अमरिकी निर्यातकों के हाथों से यह मार्केट छूट जाने का खतरा निर्माण हुआ है। दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों के सामने निर्माण हुई यह बहुत बड़ी चुनौती है’’, ऐसा ‘युनायटेड स्टेट ट्रेड रिप्रझेंटेटीव्ह-युएसटीआर’ ने कहा है। अमरिकी संसद के सामने प्रस्तुत की रिपोर्ट में यह बात नमूद की गई है। इस संदर्भ में भारत के साथ चर्चा शुरू होने की जानकारी भी इस रिपोर्ट में दी गई है।

‘मेक इन इंडिया’सन २०१९ में अमरीका के तत्कालीन राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने, भारत को दिया हुआ ‘जनरलाईझ्ड सिस्टीम ऑफ प्रेफरन्स-जीएसपी’ दर्जा हटा दिया था। खुद को भारत के मित्र कहलानेवाले ट्रम्प ने की यह कार्रवाई भारतीयों को चौंका देने वाली थी। लेकिन भारत अमरीका को अपेक्षित व्यापारी रियायतें नहीं दे रहा है, ऐसा कहते हुए ट्रम्प प्रशासन ने यह कार्रवाई की थी। उसके बाद दोनों देशों के बीच होनेवाले व्यापारी मतभेद सामने आए थे। अब बायडेन प्रशासन के हाथ में अमरीका की सत्ता की बागडोर आने के बाद भी अमरीका की भारत विषयक भूमिका में खास बदलाव होने की संभावना नहीं है।

इस व्यापारी विवाद का मूल भारत सरकार ने हाथ में लिए ‘मेक इन इंडिया’ उपक्रम होने की बात ‘युएसटीआर’ ने अपनी रिपोर्ट में नमूद की। भारत यह बहुत बड़ा मार्केट है और भारतीय अर्थव्यवस्था जबरदस्त तेजी से प्रगति कर रही है। इसीलिए अमरिकी निर्यातकों के लिए भारतीय मार्केट बहुत ही अहमियत रखता है। लेकिन ‘मेक इन इंडिया’ को प्राथमिकता देकर भारत अमरीका की निर्यात रोकने के लिए कदम उठा रहा है। इससे भारत-अमरीका व्यापार के सामने बहुत बड़ी चुनौती खड़ी हुई है, ऐसा दावा युएसटीआर ने अपनी रिपोर्ट में किया है।

सोमवार को अमरिकी संसद को दी रिपोर्ट में युएसटीआर ने यह जानकारी दी। अमरिकी निर्यातकों का हित और बुद्धिसंपदा के अधिकारों की रक्षा, इन मुद्दों पर भारत के साथ चर्चा शुरू होने की बात भी इस रिपोर्ट में नमूद की गई है। इस कारण आनेवाले दौर में भारत और अमरीका के बीच की द्विपक्षीय चर्चा में यह मुद्दा अग्रस्थान पर होगा, ऐसे संकेत मिल रहे हैं। बता दें, अमरीका से सेवाओं की आयात करने वाले देशों में ब्रिटन पहले स्थान पर होकर, ये देश अमरीका से ६२ अरब डॉलर्स से अधिक मूल्य की सेवाओं की आयात करते हैं। उसके बाद कनाडा, जापान, जर्मनी, मेक्सिको यह देश अमरीका से सेवाओं की आयात करते हैं। इस सूची में भारत छठे क्रमांक पर है।

भारतीय अर्थव्यवस्था के आकार और गति को मद्देनजर रखते हुए अमरीका ने भारत से बहुत बड़ी उम्मीदें रखी हैं। लेकिन इस मोरचे पर भारत से प्रतिसाद नहीं मिल रहा, ऐसी तकरार अमरीका कर रही है। ‘युएसटीआर’ की रिपोर्ट में इसका प्रतिबिंब दिखाई दे रहा है । इसी बीच, ‘मेक इन इंडिया’ के जरिए अपने उद्योग क्षेत्र को गति देने के लिए भारत की कोशिशें जारी हैं। इस कारण अमरीका और भारत को निर्यात करनेवाले अन्य देशों का हित खतरे में पड़ गया होकर, उनका इसे विरोध होगा यह बात इससे सामने आ रही है । लेकिन आयात कम करके निर्यात बढ़ाने के लिए तेजी से कदम उठाने के सिवा भारत के सामने और कोई चारा नहीं है।

इस नीति के कारण कुछ देशों के हितसंबंध खतरे में पड़ जायेंगे और उनके विरोध का स्वीकार करने की तैयारी भारत को रखनी होगी। युएसटीआर की रिपोर्ट से भारत को यह संदेश फिर से मिला दिखाई दे रहा है।

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