जापान की ‘मित्सुबिशी’ कंपनी पर हुआ बडा सायबर हमला – चीन का हाथ होने की आशंका

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरटोकियो/बीजिंग: जापान के साथ दुनिया के शीर्ष बहुराष्ट्रीय कंपनी के तौर पर जानी जा रही ‘मित्सुबिशी’ कंपनी पर बडा सायबर हमला हुआ है| ‘मित्सुबिशी ग्रुप’ का हिस्सा होनेवाली ‘मित्सुबिशी इलेक्ट्रिक’ कंपनी को लक्ष्य किया गया है| और यह सायबर हमला करने में चीन के हैकर्स शामिल होने की आशंका व्यक्त की जा रही है| पिछले महीने में ही जापान ने चीन की सायबर गतिविधियों का सामना करने के लिए नाटो ने किए सायबर युद्धाभ्यास में हिस्सा लिया था|

मित्सुबिशी इलेक्ट्रिक कॉर्पोरेशन’ यह इलेक्ट्रॉनिक्स और रक्षा क्षेत्र की जापान में प्रमुख कंपनी के तौर पर जानी जाती है| रक्षा एवं सायबर क्षेत्र के लिए आवश्यक इलेक्ट्रॉनिक सामान का निर्माण यह कंपनी करती है| सोमवार के दिन इस कंपनी को सायबर हमले से लक्ष्य किया गया| इस हमले में सरकारी यंत्रणा एवं अन्य नीजि कंपनियों से जुडे कारोबार की खुफिया जानकारी हैकर्स के हाथ लगी होगी, यह दावा भी किया गया है|

जापान सरकार ने इस हमले पर गंभीरता से संज्ञान लिया है और सरकार के प्रमुख सचिव योशिहिदे सुगा ने जापान की सरकारी यंत्रणा इस हमले के मामले में कंपनी को पुरा सहयोग प्रदान करेगी, यह बात भी उन्होंने स्पष्ट की| प्राथमिक निवेदन में कंपनी की संवेदनशील जानकारी सुरक्षित है और इसे किसी भी प्रकार का नुकसान नही पहुंचाया गया है, यह स्पष्ट किया गया है| इस हमले के पीछे चीन के हैकर्स का गुट होगा, यह आशंका सूत्रों ने व्यक्त की है|

चीन यह दुनिया में सबसे आगे रहनेवाले सायबर हैकर्स के देश के तौर पर जाना जाता है| सायबर हमलों में चीन ने रशिया को भी पीछे छोडा है, यह दावा अमरिका और यूरोपिय देश कर रहे है| पिछले वर्ष में चीन के हैकर्स ने अमरिका, यूरोपिय देश, भारत एवं आग्नेय एशियाई देशों पर सायबर हमलें किए थे| चीन के इन सायबरो हमलों को जवाब देने के लिए जापान नाटो की सहायता करें, यह निवेदन अमरिका और यूरोपिय देशों ने कुछ महीनें पहले ही किया था|

पिछले वर्ष अमरिका में भी उर्जा और अन्य संवेदनशील क्षेत्र की कंपनियों पर हुए सायबर हमले में चीन का हाथ होने की आशंका जताई गई थी| ‘प्रूफपॉईंट’ इस सायबर सुरक्षा कंपनी ने जारी किए रपट में चीन के ‘एपीटी १०’ इस हैकर्स के गुट का जिक्र किया था| यह गुट चीन की गुप्तचर यंत्रणा ‘मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट सिक्युरिटी’ के लिए काम करता है, यह दावा भी वर्णित कंपनी ने किया था|

वर्ष २०१८ में जापान के माध्यम कंपनियों पर भी बडे सायबर हमले हुए थे| इन हमलों के पीछे चीन और उत्तर कोरिया का हाथ होने की आशंका जताई गई थी|

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