म्यानमार सीमा पर भारतीय लष्कर की बड़ी कारवाई आतंकियों के तल तबाह, कई आतंकी ढेर

नई दिल्ली: आतंकवादी सीमा पर तैयार होंगे, तो हम भी उनके स्वागत के लिए तैयार है। आतंकवादियों ने घुसपैठ की तो हम उन्हें जमीन मे गाड़ देंगे, ऐसा इशारा लष्कर प्रमुख बिपिन रावत ने कश्मीर और उत्तर पूर्व भारत मे रक्तपात करने वाले आतंकवादियों को दिया था। उसके बाद अल्प समय मे ही भारतीय लष्कर ने म्यानमार की सीमा पर आतंकवादियों के विरोध मे बड़ी कारवाई की है। इस कारवाई मे ‘नेशनल सोशलिस्ट कॉउंसिल ऑफ नागालैंड’ खपलांग (एनएससीएन-के) के अनेक आतंकी ढेर हुए है। म्यानमार मे घुसकर भारतीय लष्कर ने एनएससीएन-के के अनेक तल तबाह करने का वृत है।

२ वर्ष पूर्व भारतीय लष्कर ने म्यानमार मे सर्जिकल स्ट्राईक करके एनएससीएन-के के कई तल तबाह करके बडी संख्या में आतंकवादियों को ढेर किया था। उसके बाद बुधवार के दिन म्यानमार सीमा पर भारतीय लष्कर ने की सबसे बड़ी कारवाई मानी जा रही है।

बुधवार की सुबह साढ़े चार के करीब अरुणाचल प्रदेश मे कोनसा भाग मे भारत म्यानमार सीमा पर लगभग ८० जवानों ने यह कारवाई की है। भारतीय जवानों ने म्यानमार मे लांगाखू गांव मे घुसते हुए एनएससीएन-के के तल तबाह किए है और आतंकवादियों को ढेर करने का दावा किया जा रहा है। पर भारतीय लष्कर ने यह ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ होने की बात से इनकार किया है। भारतीय लष्कर के ईस्टर्न कमांड ने दिए जानकारी अनुसार म्यानमार सीमा पर गश्त करने वाले जवानों को कुछ संदिग्ध गतिविधियों दिखाई दे रही थी। सुरक्षा बाढ़ कटा हुआ दिखाई दिया। गश्त करने वाले जवानों पर घुसपैठ करनेवाले आतंकवादियों ने गोलीबारी की। उसके बाद भारतीय जवानों ने दिए प्रत्युत्तर मे एनएससीएन-के अनेक आतंकी ढेर हुए है। कारवाई मे सुरक्षा दल का कोई नुकसान न होने की जानकारी लष्कर ने दी है।

पर कितने आतंकवादी मारे गए है, इसकी निश्चित जानकारी घोषित नहीं की है। इस संदर्भ मे भारतीय सुरक्षा यंत्रणा म्यानमार लष्कर के साथ संपर्क मे होने की बात कही जा रही है।

उत्तर पूर्व भारत मे कार्यान्वित रहे आतंकवादी संगठनों मे एनएससीएन-के यह कुछ दिनों पहले सर्वाधिक खतरनाक संगठना ठहरी है। २ वर्षों पहले सरकार ने उत्तर पूर्व भारत मे शांति के लिए आतंकवादी संगठन के साथ शांति करार किया था। ‘नागा पीस अकौर्ड’ नामक करार मे एनएससीएन-के मे शामिल होने मे इनकार किया था।

सन २०१५ मे इस आतंकी संगठन के आतंकवादियों ने मणिपुर मे किए हमले मे भारतीय लष्कर के १८ जवान शहीद हुए थे। उसके बाद इस संगठन के विरोध मे सुरक्षा दल ने बड़ी कारवाई हाथ ली है। मणिपुर के हमले के बाद लष्कर ने म्यानमार मे ‘सर्जिकल स्ट्राईक’ करके आतंकी संगठन के तल पर हमले कर के अनेक आतंकवादियों को ढेर किया था। पर उस समय भारतीय लष्कर ने इस सर्जिकल स्ट्राईक के बारे मे समर्थन नहीं किया था।

पिछले २ वर्षों मे एनएससीएन-के इस आतंकी संगठन के विरोध मे भारतीय सुरक्षा दलने की कारवाई की वजह से इस संगठन का बड़ा नुकसान हुआ है। इस संगठन का प्रमुख एस.एस.खपलांग की म्यानमार मे जून महीने मे मृत्यु हुई है। मृत्यु के पश्चात इस संगठन मे दरार पड़ने के बात एवं आनेवाले समय मे संगठन पर कारवाई से नियंत्रित होने की बात मानी जा रहा है।

इस संगठन के आतंकवादी फिर एक साथ आने की तैयारी मे थे, ऐसी जानकारी सामने आई थी। आतंकवादी भारत मे घुसपैठ करके बड़े हमले करने की तैयारी कर रहे थे, ऐसी जानकारी भी सामने आयी। उसके बाद ‘एनएससीएन-के’ के विरोध मे यह ऑपरेशन हाथ लिया गया है। इस दौरान अरुणाचल प्रदेश मे म्यानमार सीमा पर पिछले महीने ‘एनएससीएन-के’ के बड़े आतंकवादियों को मार गिराया था। बुधवार के दिन की इस मुहिम मे संगठित हुए एनएससीएन-के आतंकियों को रोकने के लिए कारवाई हुई है।

बुधवार के दिन म्यानमार सीमा पर लश्कर ने की कारवाई के बारे मे पूछे प्रश्न का उत्तर देते हुए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस ऑपरेशन के बारे मे संपूर्ण जानकारी लेकर उसके बाद उस पर बोलेंगे, यह कहते अधिक बोलने से इनकार किया था। साथ ही म्यानमार भारत का मित्र देश होने के सूचक विधान कर रहे भारतीय लष्कर ने सर्जिकल स्ट्राईक के संकेत दिए थे।

पिछले वर्ष भारतीय लष्कर ने उरी मे लष्करी तल पर हुए हमले के बाद पाकिस्तान व्याप्त कश्मीर मे आतंकी तल पर ‘सर्जिकल स्ट्राईक’ किया था और पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकवादी संगठन का तल तबाह किया था। यह सर्जिकल स्ट्राइक २९ सितंबर २०१६ की रोज की हुई थी। इस सर्जिकल स्ट्राइक को १ वर्ष होते समय म्यानमार सीमा पर भारतीय लष्कर ने की यह बड़ी कारवाई है।

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