वस्‍त्र मंत्रालय का ‘लोकल फॉर दिवाली’ अभियान

नई दिल्ली – केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय ने ‘लोकल फॉर दिवाली’ अभियान शुरू किया है। इस मुहिम के तहत वस्त्र मंत्रालय ने जनता को इस  में भारतीय हस्तकला के उत्पादनों की खरीद करने का आवाहन किया है। दो दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को, देश की अर्थव्यवस्था मज़बूत करने के लिए ‘व्होकल फॉर लोकल’ को प्राथमिकता देने का संदेश दिया था।

‘लोकल फॉर दिवाली’

वस्त्र मंत्रालय ने ‘लोकल फॉर दिवाली’ अभियान के तहत, घर में ज़रूरी बेडशिटस्‌ से लेकर परदों तक सभी सामान स्थानीय बाज़ार से ही खरीदने का आवाहन किया है। साथ ही, मिट्टी के दियों से हस्तकला के अन्य उत्पादनों की भी स्थानीय बाज़ार से ही खरीद करें, यह आवाहन वस्त्र मंत्रालय ने किया है। स्थानीय कारागिर, कलाकार और उद्यमियों से ही वस्तुएँ खरीदकर, अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करें। वस्तु की खरीद करने के बाद उसके फोटो सोशल मीडिया पर ‘लोकल फॉर दिवाली’ के ‘हैशटैग’ पर शेअर करें, यह आवाहन वस्त्र मंत्रालय ने किया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस दिवाली में ‘व्होकल फॉर लोकल’ का नारा देने के बाद, वस्त्र मंत्रालय ने यह अभियान शुरू किया है। देश में हस्तकला का बड़ा उद्योग है। इस क्षेत्र में काफी मात्रा में महिलाओं का समावेश है। सन २०१९ में भारत ने १२८ अरब रुपयों के हस्तकला के उत्पादन निर्यात किए हैं। लेकिन, हस्तकला के वैश्‍विक बाज़ार में भारत का हिस्सा मात्र दो प्रतिशत है। वही, चीन का हिस्सा १७ प्रतिशत है। इस बाज़ार में भारत का हिस्सा बढ़ाने के लिए भारतीय हस्तकला उत्पादनों का प्रसार होना आवश्‍यक है। इसके लिए यह अभियान शुरू किया गया है।

इसी बीच भारतीय बाज़ार में चीनी उत्पादनों की बड़ी मात्रा में खरीद हो रही थी। लेकिन, गलवान घाटी में हुए संघर्ष में भारत के २० सैनिक शहीद होने के बाद भारत में चीनी सामान पर बहिष्कार करने के लिए अभियान शुरू हुआ। इस पृष्ठभूमि पर ही ‘व्होकल फॉर लोकल’ का नारा भारतीयों ने बड़ी गंभीरता से स्वीकारा हुआ दिख रहा है। साथ ही, अधिकांश व्यापारियों ने इस वर्ष चीनी उत्पादनों को स्थान देने के बजाय स्थानिय उत्पादनों की बिक्री शुरू की है।

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