नई दिल्ली में लॅव्हरोव्ह और केरी की मुलाकात

नई दिल्ली – रशिया के विदेश मंत्री लॅव्हरोव्ह और अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष के पर्यावरणविषयक दूत होनेवाले जॉन केरी मंगलवार के दिन भारत में थे। इतना ही नहीं, बल्कि नई दिल्ली में एक होटल में जॉन केरी और रशियन विदेश मंत्री की मुलाकात और चर्चा संपन्न हुई। इसका विवरण माध्यमों में सार्वजनिक नहीं किया गया है। दोनों नेताओं के बीच पर्यावरणविषयक चर्चा संपन्न हुई, इतनी ही जानकारी दी जा रही है। लेकिन युक्रेन के मुद्दे पर, अमरीका-नाटो के साथ रशिया का युद्ध भड़केगा, ऐसी गहरी संभावना सामने आ रही है। इस पृष्ठभूमि पर, केरी और लॅव्हरोव्ह की भेंट गौरतलब साबित हो रही है। दोनों नेताओं की चर्चा भारत में संपन्न हुई, यह भी विलक्षण घटनाक्रम में अहम भाग साबित होता है ।

जॉन केरी का चार दिन का भारत दौरा शुरू हुआ होकर, उन्होंने भारत के पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात की। इस समय हुई चर्चा में जॉन केरी ने, भारत और अमरीका के पर्यावरण विषयक संशोधन तथा सहयोग के मुद्दे अग्रस्थान में रखे। डोनाल्ड ट्रम्प जब अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष थे, तब वे पर्यावरणविषयक पॅरिस ऍग्रीमेंट से बाहर निकले थे। लेकिन राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने अमरीका की सत्ता में आने के बाद, इस समझौते में नए से सहभागी होने का फैसला किया है। इसके लिए जॉन केरी, अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष के विशेष दूत के रूप में विभिन्न देशों के दौरे कर रहे हैं। इससे पहले केरी ने युरोपीय देशों का दौरा किया था और वे बांग्लादेश का भी दौरा करनेवाले हैं।

अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष के विशेष दूत होनेवाले जॉन केरी और रशियन विदेश मंत्री सर्जेई लॅव्हरोव्ह की नई दिल्ली के होटल में हुई चर्चा, दोनों देशों के बीच बने तनाव की पृष्ठभूमि पर औचित्यपूर्ण मानी जाती है। कुछ हफ्ते पहले, अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने, रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन को ‘खूनी’ संबोधित किया था। साथ ही, रशिया यह अमरीका का दुश्मन होने का बयान भी बायडेन ने किया था। उसी प्रकार, बायडेन राष्ट्राध्यक्षपद पर आने के बाद उन्होंने नाटो को अधिक ही सक्रिय किया होकर, युक्रेन के समर्थन में खड़े रहने का फैसला किया है। युक्रेन और रशिया के बीच सीमा विवाद बिगड़ने की स्थिति में है और डोन्बास इस युक्रेन के भूभाग में रशियासमर्थकों पर लष्करी कार्रवाई की तैयारी युक्रेन के लष्कर ने की है। उसी समय, नाटो का लष्कर रशिया की सीमा के पास अपनी गतिविधियाँ बढ़ा रहा है, यह बात सामने आई है।

इन सारी गतिविधियों को मद्देनजर रखें, तो युरोपियन वॉर अर्थात युरोप में युद्ध अथवा विश्वयुद्ध भड़कने की गहरी संभावना रशियन विश्लेषकों ने जताई थी। रशिया ने भी, युक्रेन और नाटो तथा अमरीका के उकसाने का करारा जवाब देने की चेतावनियाँ दीं हैं। ऐसे हालातों में रशियन विदेश मंत्री और अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष के दूत के बीच हुई यह चर्चा बहुत ही अहम साबित होती है।

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