‘एअर बबल’ समझौते के तहत भारत-भूटान विमान सेवा शुरू

नई दिल्ली – कोरोना वायरस के संकट के कारण भारत और भूटान में बंद हुई हवाई यातायात अब शुरू की गई है। कुछ दिन पहले भारत ने भूटान और केन्या के के साथ ‘एअर बबल’ समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। भारत के साथ ‘एअर बबल’ समझौता करनेवाला भूटान दक्षिणी एशिया का तीसरा देश है। इससे पहले भारत ने मालदीव और अफ़गानिस्तान के साथ एअर बबल समझौता किया है। साथ ही भारत ने अब तक कुल १६ देशों के साथ ‘एअर बबल’ समझौता किया है।

‘एअर बबल’

‘एअर बबल’ समझौते के अनुसार दो देशों के बीच तय समय के लिए विमान सेवा शुरू की जाती है। इससे संबंधित देश में जाना चाहनेवाले नागरिक इस सेवा का लाभ उठा सकते हैं। इसके अलावा कोरोना के संकट के दौर में कई लोग अलग अलग देशों में फंसे हुए हैं और कई लोगों के वीसा की अवधि भी पूरी हो चुकी है। ऐसे लोगों को ‘एअर बबल’ समझौते के तहत जारी विमान सेवा का लाभ प्राप्त हो रहा है।

देश में नियमित अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा शुरू करने पर ३१ अक्तुबर तक पाबंदी है। कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए २३ मार्च के दिन लॉकढ़ाउन घोषित करने के साथ ही नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ान बंद की गई। लेकिन, ‘एअर बबल’ की वजह से इस समझौते का हिस्सा हुए दो देशों के नागरिकों को विमान सेवा का लाभ उठा पाना संभव होगा।

बीते शुक्रवार के दिन भारत ने भूटान और केन्या के साथ ‘एअर ट्रैवल बबल अरेंजमेंट’ समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसके अनुसार दोनों देशों में विशेष विमान सेवा शुरू की गई है। इसमें १ अक्तुबर के दिन भूटान के द्रुक एअर ने पश्‍चिम बंगाल के पारो से भूटान के बागडोग्रा के बीच विमान सेवा प्रदान की। इस विमान से ४०० भूटानी छात्र स्वदेश लौटे।

भारत ने अब तक बहरीन, अफ़गानिस्तान, फ्रान्स, कनाड़ा, इराक, जर्मनी, जापान, मालदीव, कतार, नाइजेरिया, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन और अमरीका के साथ ‘एअर बबल’ समझौता किया है। इस समझौते के तहत दोनों देशों की विमान कंपनियों को कुछ प्रतिबंधों के साथ अंतरराष्ट्रीय उड़ान शुरू करने की अनुमति प्रदान की गई है। साथ ही श्रीलंका, नेपाल और बांगलादेश जैसे पड़ोसी देशों के साथ ‘एअर बबल’ समझौता करने की कोशिश भी भारत कर रहा है।

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