सऊदी, युएई और कुवैत ने लेबनॉन में रहने वाले अपने नागरिकों को मातृभूमि बुलाया है

रियाध/दुबई/कुवैत: ‘लेबनॉन की यात्रा न करें और जो लेबनॉन में गए हैं, वह जल्द से जल्द वापस लौटें’, ऐसे आदेश सऊदी अरेबिया के विदेश मंत्रालय ने दिए हैं। लेबनॉन की परिस्थिति की पृष्ठभूमि पर ऐसे आदेश देने की जानकारी सऊदी के विदेश मंत्रालय ने दी है। सऊदी के बाद ‘संयुक्त अरब अमिरात’ (युएई) और कुवैत ने भी अपने नागरिकों को लेबनोन छोड़ने की सुचना दी है। लेबनॉन में राजनितिक उलट पुलट की पृष्ठभूमि पर ईरान ने सऊदी को दिए इशारे के बाद यह आदेश जारी किये गए हैं।

लेबनोन

पिछले हफ्ते लेबनॉन के प्रधानमंत्री ‘साद अल-हरिरी’ ने अपने पद का इस्तीफा घोषित किया था। लेबनॉन में अपनी जान को खतरा है, ऐसा कहकर, साद ने यह इस्तीफा दिया था। उस समय साद ने लेबनॉन में वर्तमान की परिस्थिति के लिए ईरान और हिजबुल्लाह जिम्मेदार होने की बात कही थी। साथ ही ईरान हिजबुल्लाह के साथ मिलकर लेबनॉन और अरब देशों को नष्ट करने की योजना बना रहा हिया, ऐसा आरोप साद ने लगाया था।

साद के इस्तीफे की वजह से लेबनॉन में हिजबुल्लाह को विरोध करने वाला कोई भी बाकि बचा नहीं है। इस वजह से इस मौके का फायदा उठाकर हिजबुल्लाह लेबनॉन की सत्ता हाथ में लेगा, ऐसा दावा किया जाता है। ऐसा हुआ तो खाड़ी में नया संघर्ष भड़क सकता है, ऐसा बोला जा रहा है। हिजबुल्लाह ने लेबनॉन के सूत्रों को हाथ में लिया, तो उस पर इस्त्राइल और सऊदी की ओर से तीव्र प्रतिक्रिया आ सकती है।

हिजबुल्लाह के आतंकवादियों ने लेबनोन को बंधक बनाने का सऊदी ने कुछ दिनों पहले ही लगाया था। साथ ही ‘सऊदी अरेबिया की सुरक्षा को चुनौती देने वाले हिजबुल्लाह को सत्ता में रखकर लेबनोन ने सऊदी के खिलाफ युद्ध की घोषणा की है। इसके आगे भी लेबनॉन ने इस ईरान समर्थक हिजबुल्लाह पर कार्रवाई नहीं की तो लेबनॉन की सरकार को सऊदी की ओर से प्रत्युत्तर मिलेगा’, ऐसा इशारा भी सऊदी दे दिया था।

इसके बाद ईरान के राष्ट्राध्यक्ष रोहानी ने सऊदी को धमकाया था। १९८० के दशक में ईरान और इराक में हुए युद्ध का प्रमाण देकर सऊदी और मित्र देशों ने ईरान के सामर्थ्य का अनुभव लिया था। ‘अमरिका, सऊदी अरब और अरब मित्र देश एक होकर ईरान को हरा नहीं पाए थे। इसलिए सऊदी ईरान के सामर्थ्य की कसौटी न ले’, ऐसी धमकी ईरान के राष्ट्राध्यक्ष ने दी थी। इस धमकी की वजह से खाड़ी का तनाव बढ़ गया है और सऊदी के साथ युएई और कुवैत ने भी अपने नागरिकों को लेबनॉन छोड़ने का आदेश दिया है, ऐसा दिखाई दे रहा है।

दौरान, ईरान हिजबुल्लाह के साथ मिलकर इस्त्राइल के खिलाफ युद्ध की तैयारी करने का आरोप इस्त्रैली प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू और रक्षा मंत्री एवीग्दोर लिबरमन ने इसके पहले ही लगाया था। ऐसा हुआ तो इस्त्रैली लष्कर लेबनोन में घुसाकर हिजबुल्लाह पर हमला करेगा, ऐसा इशारा भी इस्त्राइल ने दिया था। कुछ दिनों पहले ही हिजबुल्लाह के कब्जे वाले लेबनॉन  पर लष्करी कार्रवाई का पूरा अधिकार इस्त्राइल का होगा, ऐसा एक इस्त्रैली दैनिक ने कहा था। साथ ही इस बार का हिजबुल्लाह विरोधी युद्ध इस्त्राइल के लिए उतना आसान नहीं है ऐसा कहकर इस्त्राइल भ्रम में न रहे, ऐसा भी इस दैनिक ने कहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.