केरल में भीषण जलप्रलय से ३२४ की मौत

नई दिल्ली/थिरुवनंतपुरम – केरल मे बाढ़ की परिस्थिति बहुत ही बिगड़ गई है और पिछले २४ घंटों में २०० से अधिक नागरिकों की जान गई है। पिछले चार दिनों में केरल में ३२४ नागरिकों ने अतिवृष्टि से आई आपत्ति में जान गवाई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को केरल का दौरा करके हवाई मुआइना किया। सर्वोच्च न्यायालय ने भी केरल के इस बाढ़ की दखल लेते हुए इस बाढ़ में फंसे लोगों तक पहुँचने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार तत्परता दिखाए, ऐसी सूचना की है।

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पिछले हफ्ते भर से केरल में तूफानी बारिश हो रही है। बारिश ने पिछले ५० सालों के सभी रिकॉर्ड तोड़े हैं और इस वजह से पिछले १०० सालों में दर्ज नहीं हुई इतनी भीषण बाढ़ आई है। केरल के सभी १४ जिलों में से १३ जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। इस राज्य के ८० बाँधों के दरवाजे खोले गए हैं। इस बाढ़ की वजह से लगभग सवा दो लाख लोग बेघर हुए हैं और उनको १५०० शिविरों में रखा गया है। अभी भी हजारों नागरिक जगह जगह पर फंसे हुए हैं। लापता नागरिकों की संख्या भी बड़ी है। कई इलाकों में सड़क और रेलमार्ग बह गए हैं और भूस्खलन की वजह से यहाँ पर पहुँचने के रास्ते भी बंद हो गए हैं। सेंकडों घर बर्बाद हुए हैं। कई गाँव पानी के नीचे चले गए हैं।

लष्कर, नौसेना, वायुसेना और तटरक्षक दलों के जवानों के साथ साथ राष्ट्रीय आपत्ति निवारण बल (एनडीआरएफ) के जवान बड़े पैमाने पर बचाव मुहीम में शामिल हुए हैं। लष्कर के १६, नौसेना के ४२ और एनडीआरएफ के ४३ पथक बचाव कार्यों में शामिल हुए हैं। नौसेना के ५१, तटरक्षक बल के ३० जहाज और एनडीआरएफ के १६३ जहाज इस बचावकार्य में शामिल हुए हैं। इसके अलावा केंद्र सरकार ने ३३९ मोटर बोट बचावकार्य के लिए उपलब्ध कराये हैं।

साथ ही अपदाग्रस्तों को तुरंत सुरक्षित जगह पर ले जाने के लिए वायुसेना के २३ हेलिकॉप्टर्स की मदद ली जा रही है। बाढ़ के पानी की वजह से संपर्क टूटे इलाकों के नागरिकों को बोट की मदद से, तो कुछ जगहों पर एयरलिफ्ट करके बाहर निकाला जा रहा है। लेकिन ख़राब हवामान की वजह से बचावकार्य में रुकावटें आ रही हैं।

एक रिपोर्ट के अनुसार केरल में मानसून के आगमन से लेकर अब तक औसत से ३० प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। इस वजह से केरल के सभी जिलों में नदियाँ, जलाशय और बांध भर भर के बह रहे हैं। पिछले चार दिनों में बारिश ने अधिक उग्ररूप धारण किया है।

इसी बिच गुरुवार को हुई तूफानी बारिश के बाद यहा की परिस्थिति अधिक बिगड़ गई है। केरल का मुलापेरियार यहा का सबसे बड़ा बाँध पहली बार १४२ फूट तक पूरा भर गया है। इस बाँध के जल विभाजन क्षेत्र में परिस्थिति अधिक ख़राब हुई है। मुलापेरियार बाँध केरल में है, लेकिन इसके पानी का नियोजन तमिलनाडु सरकार की तरफ से किया जाता है। तमिलनाडु ने भी अपने इलाके में पानी छोड़कर बाँध के पानी को कम करने से इन्कार किया है। इसके बाद सर्वोच्च न्यायालय ने बांध के पानी का स्तर १३९ फूट ऊंचाई तक लाने के निर्देश दिए हैं।

दौरान, इस साल मानसून सामान्य होते हुए भी देश के कुछ इलाकों में अतिवृष्टि की वजह से बाढ़ तो कुछ इलाकों में बारिश न होने की वजह से सूखा इस तरह की विपरीत परिस्थिती देखने को मिल रही है। इस साल अबतक देश भर में लगभग हजार नागरिकों की बाढ़ में जान गई है। इसमें सर्वाधिक जानें केरल में गई हैं और उसके बाद उत्तर प्रदेश १९१, पश्चिम बंगाल में १८३, महारष्ट्र में १३९ लोगों की जान गई है। गुजरात, आसाम, नागालैंड में क्रमशः ५२, ४५ और ११ लोगों की जान गई है।

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