औरंगाबाद हथियार मामले में अबु जुंदाल समेत ७ आरोपियों को उम्र कैद

मुंबई, दि. २ (वृत्तसंस्था) – सन २००६ में बरामद किए विस्फोटक एवं हथियारों के मामले में, मंगलवार को विशेष मकोका अदालत ने ‘लश्कर-ए-तोयबा’ के ‘अबु जुंदाल’ समेत सात आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई| पिछले सप्ताह अदालत ने, औरंगाबाद और मालेगांव से भारी मात्रा में बरामद किये गए विस्फोटक एवं हथियारों के मामले में १२ आतंकवादियों को दोषी ठहराया था| इन आतंकवादियों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को मारने की साज़िश रची थी; साथ ही, कई जगहों पर विस्फोट करने की साज़िश रचे होने की बात साबित हुई थी|

औरंगाबादमकोका अदालत में हुई सुनवाई में, दो आतंकवादियों को १४ साल की और तीन आतंकवादियों को आठ साल की स़जा सुनाई गयी है| कुल २२ दोषियों में आठ संदिग्धों को सबूतों के अभाव से रिहा किया गया है| इनमें एक दोषी पर अलग से मुक़दमा चलाया जानेवाला है| दूसरा संदिग्ध आरोपी अब तक फरार है|

महाराष्ट्र के आतंकवाद विरोधी दल (एटीएस) ने ८ मई २००६ में विशेष कार्रवाई करते हुए, भारी मात्रा में विस्फोटक एवं हथियार बरामद किये थे| तत्कालीन एटीएस चीफ के. पी. रघुवंशी ने उन्हें प्राप्त हुई खुफ़िया जानकारी के आधार पर, औरंगाबाद के चंदवाड-मनमाड मार्ग पर मोटरों का पिछा करते हुए, विस्फोटक एवं हथियार बरामद किये थे| एटीएस ने पकड़े हुए दो मोटरों से ३० किलो आरडीएक्स, १० एके-४७, ५० हैंड ग्रेनेड्स, ३२०० बुलेट्स मिले थे| उस समय, इन आंतकवादियों से मिली जानकारी के आधार पर औरंगाबाद, मनमाड एवं मालेगाव में कई लोगों को हिरासत में लिया गया था|

ये विस्फोटक पाकिस्तान से ‘लश्कर-ए-तोयबा’ और ‘सिमी नेटवर्क’ के माध्यम से औरंगाबाद तक पहुँचे हुए होने की बात साबित हुई थी| इस षड्यंत्र को रचनेवालों में से एक मास्टरमाइंड ‘अबू जुंदाल’ भागने में क़ामयाब हुआ था| लेकिन सन २०१२ में सौदी अरब की एजन्सियों ने जुंदाल को गिरफ़्तार करके भारत के हवाले कर दिया था| उसके बाद सन २०१३ में, २२ दोषियो के खिलाफ़ आरोप दाख़िल करते हुए मुक़दमा शुरू हुआ था|

इसी दौरान, अबू जुंदाल के वक़ील असिफ़ नक़वी ने इस सज़ा के खिलाफ़ मुंबई हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने की जानकारी दी हैं| ‘अपने खिलाफ़ अपराध से जुड़े कोई भी सबूत मौजूद नहीं हैं’ ऐसा दावा जुंदाल ने किया होने की बात नक़वी ने कही हैं| जुंदाल के अलावा अन्य छह दोषियों ने भी हाईकोर्ट में याचिका दाख़िल करने की तैयारी की हैं, ऐसी जानकारी बचाव पक्ष के वक़िलों ने दी है| ५ अगस्त को याचिका दाख़िल की जायेगी, ऐसा उन्होंने कहा है|

महाराष्ट्र के बीड ज़िले के रहनेवाले अबू जुंदाल का असली नाम ‘झबिउद्दिन अन्सारी’ है| सन १९९९ से ‘सिमी’ इस आतंकवादी संगठन के संपर्क में आया अबू जुंदाल, सन २००६ में कोलकाता से बांग्लादेश भाग गया था| उसके बाद कई सालो तक अबू जुंदाल पाकिस्तान में रहा| सन २००६ में अबू जुंदाल ने अहमदाबाद जानेवाली ट्रेन में बम रखा होने की कबूली दी थी|

सन २०१० में, पुणे की जर्मन बेकरी में हुआ विस्फोट, साथ ही, नासिक में पुलिस अकादमी पर हुए आतंकी हमलें, इनकी सा़ज़िश जुंदाल ने रची थी, ऐसा कहा जाता है| मुंबई में हुए २६/११ के आतंकी हमले का प्रमुख आरोपी अजमल कसाब ने, ‘जुंदाल ने हमें हिंदी सिखाई थी’ ऐसी जानकारी दी थी| इस हमले में आतंकवादियों की सहायता करनेवालों में भी जुंदाल का नाम था|

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