बर्दवान बम विस्फोट मामले मे ‘जेएमबी’ के प्रमुख को २९ वर्ष की सज़ा

नई दिल्ली – वर्ष २०१४ में बर्दवान में हुए बम विस्फोट के मामले में बांगलादेशी आतंकी संगठन ‘जमात उल मुजाहिद्दीन’ (जेएमबी) के सरगना को २९ वर्ष जेल की सज़ा हुई है। वर्ष २०१८ में बंगलुरू में ‘जेएमबी’ प्रमुख कौसर उर्फ बोमा मिज़ान को गिरफ्तार किया गया था। उस पर बोधगया में हुए बम विस्फोट के मामले में स्वतंत्र मुकदमा दाखिल किया गया है। भारत के पश्‍चिम बंगाल और असम में ‘जेएमबी’ ने अपना जाल बुना है। यह संगठन अब भी सरहदी क्षेत्र में कार्यरत होने की खबरें कुछ दिन पहले प्राप्त हुई थीं। इस पृष्ठभूमि पर ‘जेएमबी’ के प्रमुख को सुनाई गई सज़ा अहम साबित होती है।

jmb-bomb-blast२ अक्तुबर, २०१४ को पश्‍चिम बंगाल का बर्दवान बम विस्फोट से दहल उठा था। इस धमाके में दो की मौत हुई थी। लेकिन, इस बम विस्फोट की जाँच से चौकानेवाले खुलासे हुए। इस धमाके में मारे गए दोनों ‘जेएमबी’ के आतंकी थे और घर में छुपाए गए बम का विस्फोट होने से यह आतंकी मारे गए थे। इस धमाके की तीव्रता काफी ज्यादा थी। इससे संबंधित घर में बड़ी मात्रा में विस्फोटकों का भंड़ार होने की बात स्पष्ट हुई थी। जाँच के दौरान यह बात सामने आयी कि, ‘जेएमबी’ ने पश्‍चिम बंगाल में अपने पैर जमाने की एवं वहां के रक्षाबलों के ठिकाने भी इन आतंकियों के निशाने पर थे। ‘जेएमबी’ ने कई जगहों पर आतंकी हमले करने की तैयारी जुटाई थी। साथ ही पश्‍चिम बंगाल के युवकों को गुमराह करके उन्हें ‘जेएमबी’ में भरती किया जा रहा था और उन्हें आतंकी गतिविधियों के लिए प्रशिक्षण देकर तैयार भी किया जा रहा था, यह बात भी स्पष्ट हुई थी।

इस मामले की जाँच का ज़िम्मा ‘एनआयए’ को दिया गया और इसके बाद तेज़ी से जाँच आगे बढ़ी। अलग अलग जाँच यंत्रणाओं के माध्यम से कई ठिकानों पर छापे मारे गए। इस दौरान ३३ लोगों के नाम सामने आए थे। इनमें ‘जेएमबी’ के प्रमुख बोमा मिज़ान का भी नाम था। इनमें से ३१ लोगों की गिरफ्तारी हुई है। विभिन्न ठिकानों पर मारे गए छापों में ‘आयईडी’ विस्फोटक, ग्रेनेड और अन्य सामान भी बरामद किए गए।

jmb-bomb-blastलेकिन, बोमा मिज़ान वर्ष २०१८ तक फरार रहा। इसकी खोज़ के लिए बांगलादेश की जाँच एजन्सियों की भी मदद ली जा रही थी। बोमा मिज़ान ने बांगलादेश में कुछ आतंकी हमले किए थे। मिज़ान को और उसके कुछ साथियों को इन हमलों के मामले में गिरफ्तार किया गया था। वर्ष २००९ में बांगलादेश की अदालत ने मिज़ान को उम्रकैद की सज़ा सुनाई थी। लेकिन, फ़रवरी २०१४ में उसे और उसके दो साथियों को दूसरे कारागृह में पहुँचाया जा रहा था तभी पुलिस पर हमला करके और उनके हथियार छीनकर मिज़ान फरार हुआ और वह भारत में आकर छुपा था। पश्‍चिम बंगाल में उसने अपने आतंकी संगठन का जाल बुना और यहीं से भारत में और बांगलादेश में आतंकी हमले करने की साज़िश शुरू की थी। लेकिन, बर्दवान में हुए विस्फोट से उसकी साज़िश का पर्दाफाश हुआ।

जनवरी २०१८ में बोधगया में बम विस्फोट हुआ और इस विस्फोट में भी मिज़ान का हाथ था। भारत में ‘जेएमबी’ ने बुना जाल तहस नहस करते समय जाँच यंत्रणाओं को मिज़ान से संबंधि अहम जानकारी हाथ लगी थी। वह कर्नाटक में छुपा होने की जानकारी प्राप्त होते ही सुरक्षा यंत्रणा ने अगस्त २०१८ में जाल बिछाकर उसे गिरफ्तार किया था।

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