अमरीका, युरोपीय महासंघ, ऑस्ट्रेलिया के बाद अब जापान ऍपल, गुगल की जाँच करेगा

ऍपलटोकिओ – आईटी क्षेत्र की ऍपल और गुगल तीन बड़ी कंपनियों ने देश के स्मार्टफोन निर्माताओं से यह समझौतो की तहकिक़ात करने की घोषणा जापान की सरकार ने की। अमरीका की इन बिग टेक कंपनियों ने विश्वासदर्शक समझौते का उल्लंघन किया होने के आरोपों की तीव्रता बढ़ने के बाद जापान की सरकार ने यह फैसला किया। पिछले महीने भर में अमरीका, युरोपीय महासंघ तथा ऑस्ट्रेलिया ने भी इन बिग टेक कंपनियों के विरोध में कदम उठाए हैं।

अमरीका की सिलिकॉन वैली में मुख्यालय होनेवालीं गुगल, फेसबुक, ऍपल, ऍमेझॉन, मायक्रोसॉफ्ट इन आईटी क्षेत्र की बड़ी कंपनियों को ‘बिग टेक’ के रूप में जाना जाता है। इन कंपनियों को मिलनेवाली आय, उनका मुनाफा, करों की चोरी और मार्केट में वर्चस्व ये मुद्दे पिछले कुछ सालों से लगातार चर्चा में थे। इस पृष्ठभूमि पर, पिछले महीने भर में युरोपीय महासंघ और बाद में ऑस्ट्रेलिया ने विधेयक प्रस्तुत किए थे।

कुछ घंटे पहले अमरिकी संसद में भी बिग टेक कंपनियों की एकाधिकारशाही पर रोक लगाने के लिए पाँच विधेयक प्रस्तुत किए गए। अगर अमरिकी संसद में इन पाँचों विधायकों को मंज़ूरी मिली, तो बिग टेक कंपनियों के लिए वह बहुत बड़ा झटका साबित हो सकता है। क्योंकि इससे दुनिया भर में बिग टेक कंपनियों के बारे में नियम बदल सकते हैं।

ऍपलअमरीका की संसद में प्रस्तुत किए गए इन विधेयकों के कुछ ही घंटों में, जापान की सरकार ने बड़ा फैसला किया। प्रधानमंत्री सुगा की सरकार ने ऍपल और गुगल इन कंपनियों के विरोध में अँटीट्रस्ट यानी विश्‍वासदर्शक समझौते का उल्लंघन करने का दोषारोपण करके जाँच शुरू की होने की जानकारी माध्यमों ने दी। इन दोनों बिग टेक कंपनियों के विरोध में यह जाँच इस महीने में ही शुरू होगी। जापान के ९० प्रतिशत स्मार्टफोन्स में ऍपल का आयओएस और गुगल का अँड्रॉईड इन सॉफ्टवेअर्स का इस्तेमाल किया जाता है।

इसके लिए सरकार ने विशेष समिति का गठन किया होकर, उसमें सरकारी अधिकारियों समेत इस क्षेत्र के विशेषज्ञों का समावेश है। वहीं, ऍपल, गुगल का इस्तेमाल करनेवाले स्मार्टफोन का निर्माण करनेवालीं कंपनियों के साथ ही, स्मार्ट स्पिकर और कॉम्प्युटर का निर्माण करनेवाली कंपनियों की भी मदद ली जाएगी। यह समिति, बिग टेक कंपनियों ने जापान की संबंधित स्मार्टफोन तथा अन्य कंपनियों से किए समझौतों के व्यवहारों का मूल्यमापन करेगी। विदेशों में किए व्यवहारों की तुलना में क्या ऍपल और गुगल ने जापान में उचित पद्धति से समझौते किए हैं, इसकी भी जाँच की जाएगी।

जापान ने सालभर पहले ही अमरीका और युरोपीय महासंघ के साथ, बिग टेक कंपनियों के संदेहास्पद व्यवहारों की पृष्ठभूमि पर सहयोग स्थापित किया था। डिजिटल प्लॅटफॉर्म नियंत्रित करने के लिए जापान ने यह सहयोग किया होने की आलोचना उस समय हुई थी। युरोपियन समिति ने पिछले साल के जून महीने में ही ऍपल कंपनी के विरोध में, अँटिट्रस्ट नियमों का उल्लंघन करने के मामले में तहकिक़ात के आदेश दिए थे। 

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