‘ईस्ट चायना सी’ में चीन को रोकने के लिए जापान की गतिविधियाँ

टोकियो – चीन द्वारा पिछले कुछ महीनों से ‘ईस्ट चायना सी’ में जारी बढ़ती हरक़तों को रोकने के लिए जापान ने निर्णायक गतिविधियाँ शुरू कीं है। उसीके एक भाग के रूप में, सेंकाकू द्वीपों का समूह होनेवाले इलाक़े का नाम बदल दिया गया है। १ अक्तूबर से इस फ़ैसले पर अमल होनेवाला होकर, प्रशासकीय सुविधा के लिए यह नाम बदला हुआ है, ऐसा खुलासा जापान द्वारा किया गया है। जापान के इस निर्णय के विरोध में चीन से तीव्र प्रतिक्रिया उठी होकर, नाम बदलने की प्रक्रिया यह चीन की प्रादेशिक संप्रभुता को चुनौती देनेवाली है, ऐसा चीन के विदेश मंत्रालय ने जताया।

कोरोना महामारी की पृष्ठभूमि पर, चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट हुक़ूमत द्वारा अपनी विस्तारवादी महत्त्वाकांक्षाओं को पूर्ण करने के लिए जानतोड़ कोशिशें जारी हैं। उसके लिए विभिन्न भागों में लष्करी तैनाती बढ़ाते हुए ही, विवादास्पद भागों में घुसपैंठ की कोशिशें भी चीन द्वारा जारी हैं। जापान से नज़दीक होनेवाले ‘ईस्ट चायना सी’ क्षेत्र में चीन द्वारा लगातार युद्धपोत, लड़ाक़ू विमान, सबमरिन्स तथा गश्ती नौकाओं की सहायता से घुसपैंठ जारी है। पिछले ही हफ़्ते जापान के ‘ओशिमा आयलंड’ के पास, चीन की प्रगत सबमरिन ख़तरनाक तरीक़े से विचरण करती हुई नज़र आयी थी।

पिछले दो महीनों की कालावधि में चीन की गश्ती नौकाएँ तथा लड़ाक़ू विमान भी ‘ईस्ट चायना सी’ क्षेत्र में स्थित सेंकाकू द्वीपों के पास लगातार घुसपैंठ की कोशिशें कर रहे हैं। चीन की इन हरक़तों को रोकने के लिए जापान ने अपना प्रगत हेलिकॉप्टरवाहक युद्धपोत ‘कागो’ इस क्षेत्र में तैनात किया है। उसीके साथ, जापान ने अपने रक्षाअड्डों पर ‘पॅट्रिऑट मिसाईल डिफेन्स’ यह प्रगत हवाईसुरक्षा यंत्रणा भी सुसज्जित रखी है। अब चीन ने हक़ जताये हुए द्वीपों पर का अपना दावा मज़बूत करने के लिए जापान ने इस भाग का नाम बदला होने की घोषणा की है।

जापान के ‘इशिगाकी सिटी कौन्सिल’ द्वारा इसकी घोषणा की गयी। उसके अनुसार, पहले ‘तोनोशिरो’ इस नाम से जाना जानेवाला भाग इसके बाद ‘तोनोशिरो सेंकाकू’ इस नाम से जाना जानेवाला है। ‘सेंकाकू’ यह जापानी नाम होकर, पुराने नाम से वह जोड़ा जाने से इस क्षेत्र पर का जापान का दावा अधिक ही मज़बूत हुआ माना जाता है। जापान के इस निर्णय पर चीन से आक्रमक प्रतिक्रिया आयी है।

‘ईस्ट चायना सी स्थित द्वीप तथा उसके आसपास का इलाक़ा, यह चीन का अविभाज्य हिस्सा है। इस सार्वभौम क्षेत्र की रक्षा करने के अधिकार चीन के पास हैं। इस भाग का नाम बदलने का फ़ैसला यह चीन की प्रादेशिक संप्रभुता को दी हुई चुनौती साबित होता है। जापान द्वारा नाम बदलने का किया हुआ निर्णय पूरी तरह ग़ैरक़ानूनी है। इस निर्णय के कारण, ये द्वीप चीन की मालिक़ियत के हैं यह वास्तव बदल नहीं सकता’, ऐसी फ़टकार चीन के विदेश विभाग के प्रवक्ता ने लगाई।

ईस्ट चायना सी स्थित ‘सेंकाकू’ द्वीपों को लेकर जापान और चीन में पहले से विवाद शुरू है। इन दिनों आंतर्राष्ट्रीय समुदाय कोरोना महामारी के विरोध में संघर्ष करने में जुटा है, फिर भी चीन की आक्रमक हरक़तें नहीं रुकीं हैं। इस क्षेत्र पर कब्ज़ा करने के चीन के ईरादों को नाक़ाम करने के लिए जापान ने विभिन्न स्तरों पर गतिविधियाँ शुरू कीं होकर, द्वीपों का समावेश होनेवाले भाग का नाम बदलना, यह उसी का एक अहम पड़ाव साबित होता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.