जापान अगले तीन सालों में अफ्रीका में ३० अरब डॉलर्स का निवेश करेगा; चीन को मात देने के लिए जापान के प्रयास

टोकिओ, दि. २८ (वृत्तसंस्था) – अफ्रीका के भविष्य पर भरोसा रखनेवाला जापान अगले तीन सालों में इस महाद्वीप में क़रीब ३० अरब डॉलर्स का निवेश करेगा, ऐसा ऐलान प्रधानमंत्री शिंजो ऍबे ने किया| केनिया की राजधानी नैरोबी में हुए ‘टोकिओ इंटरनॅशनल कॉन्फरन्स ऑन अफ्रिकन डेव्हलपमेंट’(टीकॅड) परिषद के उद्घाटन के समय ऍबे ने यह जानकारी दी|  जापान और अफ्रीका के बीच कारोबार और सहयोग बढाने के लिए आयोजित होनेवाली यह परिषद पहली ही बार आफ्रीका में आयोजित की जा रही है| प्रधानमंत्री ऍबे द्वारा हुए ३० अरब डॉलर्स के निवेश का ऐलान, इससे पहले अफ्रीका में अपनी स्थिति मज़बूत बनानेवाले चीन को मात देने की कोशिश माना जा रहा है|

अफ्रीका ‘अफ्रीकी महाद्वीप में काफ़ी अवसर उपलब्ध हैं और हमें भरोसा है कि जापान इस क्षेत्र में तेज़ी से विकास कर सकता है| अफ्रीका में किया जानेवाला निवेश उसके भविष्य से जुड़ा हुआ है| जापान को अफ्रीका के भविष्य पर पूरा भरोसा है|’ ऐसे शब्दों में प्रधानमंत्री ऍबे ने, अफ्रीकी देशों में किये जानेवाले निवेश के पीछे रहनेवाली अपनी भूमिका स्पष्ट की|

‘सन २०१६ से जापान अफ्रीका के बुनियादी क्षेत्र में निवेश शुरू कर रहा है और यह निवेश करीब १० अरब डॉलर तक रहेगा| इसमें ऊर्जा, नगर यातायात सुविधा, सड़कें और बंदरगाह क्षेत्र शामिल हैं| इसी के साथ जापान के निजी क्षेत्र की कंपनियाँ अगले तीन सालों में तक़रीबन २० अरब डॉलर्स का निवेश करेंगी, ऐसी उम्मीद है| सरकारी तथा निजी क्षेत्र एकत्रित रूप में फ्रीका में तक़रीबन ३० अरब डॉलर तक निवेश कर सकता है’, ऐसा विश्‍वास जापान के प्रधानमंत्री ने व्यक्त किया|

ऍबे ने बताया कि जापान द्वारा अफ्रीकी देशों में हो रहे निवेश और अन्य परियोजनाओं के लिए ‘अफ्रीकन डेव्हलपमेंट बैंक’ का सहयोग लिया जायेगा| ‘टोकिओ इंटरनॅशनल कॉन्फरन्स ऑन अफ्रिकन डेव्हलपमेंट’ परिषद में हुआ यह निवेश का ऐलान, जापान द्वारा अफ्रीका के लिए किया जा रहा दूसरा बड़ा निवेश का हिस्सा है|

TICAD-logo-इससे पहले सन २०१३ में जापान ने अफ्रीकी देशों के लिए करीब ३२ अरब डॉलर्स की आर्थिक सहायता का ऐलान किया था| उसमें से करीब ६० प्रतिशत से अधिक राशि वितरित हो चुकी है और परियोजनाओं का काम भी शुरू हो गया है, ऐसा जापान ने कहा है| नया निवेश, तीन साल पहले शुरू किये कार्य को और व्यापक तथा तेज़ के लिए सहायकारी होगा ऐसा विश्‍वास जापान के प्रधानमंत्री ने जताया| उसीके साथ, कार्य की गुणवत्ता और व्यापकता भर और ज़ोर दिया जायेगा, ऐसा आश्‍वासन भी उन्होंने दिया|

सन २०१५ में जापान द्वारा अफ्रीकी देशों में होनेवाला ठेंठ निवेश सिर्फ डेढ़ अरब डॉलर के आसपास था| इसे देखते, जापान के प्रधानमंत्री द्वारा ऐलान की गयी आर्थिक सहायता की राशि यह महत्त्वपूर्ण पड़ाव दिखाई देता है| केवल तीन ही सालों में, फिर से लगभग ३० अरब डॉलर्स के निवेश की तैयारी दिखानेवाले जापान ने इस समय ‘जपान-अफ्रिका इकॉनॉमिक फोरम’ की स्थापना का भी ऐलान किया| इसके तहत जापान के वरिष्ठ सरकारी अधिकारी और प्रमुख उद्योजक हर तीन साल के बाद अफ्रीका की यात्रा करेंगे|
इस साल केनिया में हुई ‘टोकिओ इंटरनॅशनल कॉन्फरन्स ऑन अफ्रिकन डेव्हलपमेंट’ परिषद, यह अफ्रीका में हुई पहली परिषद थी| इस परिषद में लगभग ३० अफ्रीकी देशों के नेता उपस्थित थे| जापानी अधिकारियों द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार, दो दिन चलनेवाली इस बैठक में, अफ्रीकी देशों के साथ लगभग ७० समझौतों पर हस्ताक्षर होंगे|

सन १९९३ में ‘टोकिओ इंटरनॅशनल कॉन्फरन्स ऑन अफ्रिकन डेव्हलपमेंट’ की स्थापना करते हुए, अफ्रीका के साथ कारोबारी संबंध बढाने के लिए कदम उठानेवाला जापान, उसके बाद पिछडता हुआ नजर आया| पिछले दो दशकों में चीन ने अफ्रीका में बढ़त लेने में सफलता प्राप्त की थी| नैसर्गिक साधनसंपत्ति की आयात और भारी निवेश इसके बलबूते पर चीन ने अफ्रीका में अपने कदम मज़बूत किये थे| लेकिन पिछले एक-दो सालों में, अफ्रीकी देशों में से चीन के खिलाफ़ आवाज़ उठनी शुरू हुई हैं|

जापान द्वारा पिछले पाँच सालों में अफ्रीका में किया जा रहा निवेश, यह चीन के खिलाफ़ तैयार हुई भावना का फ़ायदा उठाने का तथा खुद के हितसंबंध मज़बूत करने का प्रयास दिखाई दे रहा है|

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