जापान पर्शियन खाडी में नौसेना की तैनाती करेगा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

टोकिओ – अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति एवं स्थिरता स्थापित करनी है तो खाडी क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता रखाना काफी अहम है| खाडी क्षेत्र की इस स्थिरता के लिए जापान ने पर्शियन खाडी में अपनी विध्वंसक तैनात करने का ऐलान किया है| जापान के प्रमुख कैबिनेट सचिव योशिहिदे सुगा ने यह घोषणा करके जापानी विध्वंसक पर्शियन खाडी की दिशा में रवाना होगी, यह जानकारी दी|

जापान के रक्षा दल की विध्वंसक एवं गश्ती विमान पर्शियन खाडी में तैनात करने के लिए भेजा जाएगा, यह जानकारी सुगा ने दी| जापान की तैनाती आक्रामक नही है और रक्षात्मक नजरिए से होने की बात सुगा ने स्पष्ट की| होर्मुझ की खाडी एवं ओमान की खाडी, अरबी समुद्र और बाब अल मंदाब की खाडी तक के बडे अंतरराष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र में जापान के विध्वंसक तैनात होंगे| किसी देश की समुद्री सीमा में जापान की विध्वंसक प्रवेश नही, करेगी, यह सुगा ने कहा है|

जापान के प्रधानमंत्री एबे शिंजो ने अपनी देश री रक्षा निती में आक्रामक बदलाव किए है| ‘ईस्ट चाइना सी’ के कृत्रिम द्विपों की सार्वभूमता की सुरक्षा से ‘साउथ चाइना सी’ तक जापान ने अपने विध्वंसकों की तैनाती बढाई है| पर्शियन खाडी में जापानी की विध्वंसक की हो रही तैनाती भी प्रधानमंत्री एबे की इसी आक्रामक रक्षा निती का एक हिस्सा होने का दावा किया जा रहा है| साथ ही देश में ईंधन की बडी मांग होने से जापान ने अपने हितसंबंध सुरक्षित रखने के लिए यह तैनाती की है, यह कहा जा रहा है|

पिछले कुछ महीनों से पर्शियन खाडी से हो रहे ईंधन की यातायात को खतरा निर्माण हुआ है| सौदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, नॉर्वे और जापान इन देशों के ईंधन टैंकर्स पर हुए हमलों के बाद इस समुद्री क्षेत्र की ईंधन यातायात की सुरक्षा चिंता का कारण साबित हो रही है| इन हमलों के लिए सौदी, यूएई और अमरिका ने ईरान को जिम्मेदार कहा था| इसके बाद सौदी के सबसे बडे ईंधन परियोजनाओं पर हुए हमलों के लिए भी ईरान ही जिम्मेदार होने का आरोप सौदी और अमरिका ने किया था|

ईरान ने यह आरोप ठुकराए थे| पर, ईरान ने ब्रिटेन के ईंधन टैंकर पर कब्जा करने के बाद पर्शियन खाडी के तनाव में बढोतरी हुई थी| ईंधन टैंकर्स की सुरक्षा का मुद्दा उपर उभरा था| इस पृष्ठभूमि पर अमरिका ने अपने मित्रदेशों को ईरान विरोधी मोर्चे में शामिल होने का निवेदन किया था| अमरिका के इस निवेदन पर ब्रिटेन, इस्रायल, ऑस्ट्रेलिया, सौदी और यूएई ने अमरिकी मोर्चे का हिस्सा होने का ऐलान भी किया|

अमरिका के इस मोर्चे पर जवाब देने के लिए ईरान ने भी पर्शियन खाडी में स्वतंत्र नौसेना का मोर्चा बनाया है| कतार समेत अन्य मित्रदेश इस मोर्चे में शामिल हो, यह निवेदन ईरान ने किया है| इसपर चीन से सकारात्मक प्रतिसाद प्राप्त हो रहा है| इस पृष्ठूमि पर जापान ने पर्शियन खाडी में अपनी नौसेना की तैनाती करने की अहमियत बढी है| चीन और जापान के आर्थिक, सियासी और सामरिक हितसंबंध एक दुसरें के विरोध में है और दोनों देश हमेशा एक दुसरे के विरोध में भूमिका निभाते दिखते है| पर्शियन खाडी की स्थिरता के लिए जापान ने अपनी नौसेना को तैनात करने का निर्णय करके यह बात नए से रेखांकित की है|

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