जम्मू-कश्मीर जल्द ही आतंकवाद से मुक्त होगा – केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंग

श्रीनगर – पिछले तीन दशकों में जम्मू-कश्मीर में अशांति फैलाने के लिए आतंकवाद का इस्तेमाल किया गया है। लेकिन जम्मू-कश्मीर में यह आतंकवाद अब अंतिम साँसें गिन रहा है। भारत सरकार ने, आतंकवाद बिलकुल भी बर्दाश्त न करने की नीति अपनायी है। इस वजह से अब आतंकवादी अपनी जान बचाकर भाग रहे है, ऐसा केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंग ने कहा है।

आतंकवाद से मुक्त

पिछले हफ़्तें आतंकवादियों ने एक स्थानीय नेता की हत्या की थी। साथ ही, उससे पहले एक सरपंच की हत्या आतंकवादियों ने की थी। इस पृष्ठभूमि पर, एक इंटरव्यू में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंग ने, फिलहाल जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की स्थिति का ब्योरा दिया। रक्षा बलों से लगातार शुरु रहनेवालीं मुहिमों की वजह से, अपनी जान के ड़र से यहाँ वहाँ भागनेवाले आतंकवादी, सॉफ्ट टार्गेट को ढूँढकर उनकी हत्या कर रहे है। इसका अर्थ यही है कि जम्मू-कश्मीर आतंकवाद-मुक्त करने का अंतिम चरण शुरू हुआ है, ऐसा दावा जितेंद्र सिंग ने किया।

छह अगस्त २०१९ को जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में जो ऐतिहासिक फैसला लिया गया, उस वजह से अलगाववादियों के साथ जम्मू और कश्मीर के प्रमुख पार्टी के नेताओं को भी आतंकवादियों से दूरी रखनी पड़ रही है। इसके अलावा केंद्र सरकार ने आतंकवाद पर ‘झीरो टॉलरन्स’ नीति रखने के कारण आतंकवादी भ्रमित हुए हैं, ऐसा जितेंद्र सिंग ने कहा। जम्मू-कश्मीर के डोडा एवं किश्तवाड ‘आतंकवादियों के क़िले’ के रूप में जाने जा रहे थे। इन इलाकों में आतंकवादी हमलों तथा हत्याओं का सत्र तीन दशकों से शुरू था। लेकिन आज डोडा और किश्तवाड आतंकवादमुक्त हुए होने की बात पर सिंग ने ग़ौर फ़रमाया।

इस दौरान, रविवार के दिन बारामुला ज़िले के सोपोर में तीन आतंकवादियों को ढ़ेर किया गया। सोपोर के रेबन क्षेत्र में दो से तीन आतंकवादी छुपे होने की जानकारी मिलने के बाद पुलिस का एक दस्ता, सेना की २२ आरआर और सीआरपीएफ के जवानों ने इस क्षेत्र को घेर लिया। यहाँ सर्च मुहिम के दौरान यह मुठभेड़ हुई।

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