जापान-अमरिका-भारत की ‘जय’ परिषद संपन्न

ओसाका – भारत औड़ अमरिका में शुरू व्यापारी विवाद का असर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प की बातचीत पर हुआ नही है| शुक्रवार के दिन दोनों नेताओं की द्विपक्षीय बातचीत के बाद यह बात स्पष्ट हुई है| साथ ही जापान, अमरिका और भारत की त्रिपक्षीय बातचीत जापान के ‘ओसाका’ में हुई| यह ‘जेएआई-जय’ त्रिपक्षीय सहयोग उज्वल भविष्य का वादा करनेवाला होगा, यह विश्‍वास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यक्त किया| मुक्त और स्थिर ‘इंडो-पैसिफिक’ क्षेत्र के लिए तिनों देशों से किस तरह योगदान देना मुमकिन होगा, इस मुद्दे पर त्रिपक्षीय बातचीत हुई है, ऐसा कहा जा रहा है| स्पष्ट तौर पर जिक्र किया नही हो, फिर भी यह सहयोग चीन का वर्चस्व रोकने के लिए ही होने के संकेत बातचीत से दिए जा रहे है|

जापान में ‘जी२०’ परिषद शुरू है और इस की पृष्ठभूमि पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई देशों के राष्ट्रप्रमुखों से भेंट की| इसमें जापान और अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष से हुई बैठक काफी अहम समझी जा रही है| पिछले कुछ वर्षों में चीन ने एशिया एवं ‘इंडो-पैसिफिक’ क्षेत्र में आक्रामक लष्करी गतिविधियां शुरू की है| ‘साउथ चाइना सी’ के साथ अन्य कई मुद्दों पर चीन वर्चस्ववादी भूमिका अपनाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव बढाने की कोशिश में है|

चीन की इस आक्रामकता की वजह से ‘इंडो-पैसिफिक’ क्षेत्र का हिस्सा समझे जा रहे सभी देशों में बेचैनी है| इसका एहसास रखनेवाली अमरिका ने चीन की इस आक्रामकता को रोकने के लिए तेजीसे गतिविधियां शुरू की है| इसके लिए ‘इंडो-पैसिफिक’ क्षत्र के देशों को अलग अलग गुटों के माध्यम से एक करके एकदुसरे के साथ सहयोग मजबूत किया जा रहा है| ‘जापान-अमरिका-भारत’ (जय) गुट बनाने का भी यही उद्देश्य है| जापान और अमरिका यह दोनों देश भारत के मित्रदेश होने से भारत ने भी इस गुट को अहमियत दी है| प्रधानमंत्री मोदी ने ‘जापान-अमरिका-भारत’ (जय) की बैठक पर व्यक्त की हुई प्रतिक्रिया से यही रेखांकित हो रहा है|

‘जय त्रिपक्षीय बैठक काफी सकारात्मक साबित हुई| हमनें इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के मुद्दों पर विस्तार से बातचीत की| इस क्षेत्र में संपर्क एवं बुनियादी सुविधाओं का विकास करने के लिए प्राथमिकता दी गई है| जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबे और अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने अपनी भूमिका रखने के लिए आभारी है, इन शब्दों में भारत के प्रधानमंत्री ने त्रिपक्षीय बैठक पर संतोष व्यक्त किया|

‘जय’ की त्रिपक्षीय बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प से द्विपक्षीय सहयोग पर भी स्वतंत्र बातचीत की| इस दौरान भारतीय प्रधानमंत्री ने राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने भेजे पत्र का जिक्र करके इस पत्र के लिए उनके प्रति मन से आभार व्यक्त किया| दोनों देशों के नेताओं में व्यापार, ईरान, रक्षा सहयोग, ५ जी जैसे कई मुद्दोंपर बातचीत हुई| इस द्विपक्षीय बातचीत के दौरान रशिया से खरीद की जा रही ‘एस४००’ का मुद्दा चर्चा में नही रहा, यह जानकारी सूत्रों ने दी है|

अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने भारत ने लगाए व्यापारी करों को लेकर नाराजगी व्यक्त की थी| इस वजह से इस नाराजगी की गुंज द्विपक्षीय बातचीत में सुनाई देगी, यह समझा जा रहा था| लेकिन, प्रधानमंत्री मोदी और अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने व्यापारी तनाव के मुद्दे पर स्वतंत्र बातचीत के जरिए हल निकालने के लिए सहमति दिखाई| इसके लिए दोनोें देशों के व्यापारमंत्री की बैठक आयोजित करने का निर्णय भी इस बैठक में किया गया|

Leave a Reply

Your email address will not be published.