‘आयटीबीपी’ को ड्रोन्स, राड़ार और सोनार यंत्रणा प्राप्त होगी

नई दिल्ली – चीन से जुड़ी सीमा की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी संभाल रही ‘इंडो तिब्बती बॉर्डर पुलिस’ (आयटीबीपी) को जल्द ही प्रगत रक्षा सामान से सज्जित किया जाएगा। ‘आयटीबीपी’ के लिए मानवरहित विमान, राड़ार, उच्च दर्जे के गश्‍त कैमेरे, स्नो स्कूटर्स की खरीद होगी और इससे संबंधित प्रस्ताव को सरकार जल्द ही मंजूरी दे सकती है, ऐसे समाचार प्राप्त हो रहे हैं।

‘आयटीबीपी’

लद्दाख के पैन्गॉन्ग त्सो, गलवान वैली, गोगरा पोस्ट, डेप्सांग में भारत और चीन के बीच काफी तनाव बना हुआ है। ऐसे में इस सीमा पर तैनात ‘आयटीबीपी’ के सैनिकों के लिए प्रगत उपकरण, गैजेट्स खरीदे जाएंगे। लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड़, सिक्किम और हिमाचल प्रदेश में कुल मिलाकर ३,४८८ किलोमीटर लंबी भारत-चीन सीमा की सुरक्षा का ज़िम्मा ‘आयटीबीपी’ पर है। वर्तमान में ‘आयटीबीपी’ ने चीन की सीमा पर १८० चौकियों का निर्माण किया है और इन चौकियों की संख्या बढ़ाई जा रही है।

जनवरी में ४७ अतिरिक्त चौकियां और बारह शिविरों का निर्माण करने के लिए गृहमंत्रालय ने मंजूरी दी थी। चीन के साथ तनाव बढ़ने पर इन चौकियां और शिविरों के निर्माण कार्य रफ्तार बढाई गई है। इसके अलावा ‘आयटीबीपी’ के सैनिकों को प्रगत रक्षा सामान से सज्जित किया जा रहा है। चीन की सीमा में करीबन पच्चीस से तीस किलोमीटर अंदर तक गश्‍त करना मुमकिन होगा, ऐसे प्रगत कैमेरे ‘आयटीबीपी’ के सैनिकों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसके अलावा वहां के पर्वतीय क्षेत्रों में चीन की गतिविधियों पर बारीकी से नज़र रखने के लिए ड्रोन्स की भी आपूर्ति की जा रही है।

इसके अलावा ‘लार्ज रेंज रिकंनाइसन्स ऐण्ड ऑब्ज़र्वेशन सिस्टिम’ (एलओआरआरओ) नामक सोनार सिस्टिम भी ‘आयटीबीपी’ को प्रदान की जाएगी। इस सोनार यंत्रणा की वजह से दिन या रात के किसी भी प्रहर मानव और गाड़ियों की गतिविधियों पर नज़र रखना संभव होगा। खराब मौसम में भी यह सोनार सिस्टिम काम कर सकता है। राड़ार, किसी भी तरह के क्षेत्र में उपयोगी साबित होंगे ऐसे विशेष वाहन, नई सीमा चौकियों के लिए स्नो स्कूटर्स प्रदान करने का प्रस्ताव सरकार के सामने है। इन प्रस्तावों को जल्द ही सरकार की मंजूरी प्राप्त होगी, यह दावा संबंधित वृत्त में किया गया है।

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