इस्रो का अवकाशयान उड़ान भरने के लिए सिद्ध

PG01_ISROभारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इस्रो) ने संपूर्णत: स्वदेशी बनावट का अंतरिक्षयान तैयार किया होकर, इसी महीने में इस यान का प्रक्षेपण करके इस्रो के द्वारा एक नया इतिहास रचा जायेगा। श्रीहरीकोटास्थित इस्रो के केंद्र में इस यान के अंतिम पड़ाव पर काम चल रहा है। इस्रो ने तैयार किये हुए इस पुनर्विनियोगलायक़ (रियुजेबल) अंतरिक्षयान का छायाचित्र पहली ही बार प्रकाशित किया गया।

इस्रो द्वारा तैयार किया गया यह यान ‘स्पोर्टस् युटिलिटी व्हेईकल’ (एसयुव्ही) के वज़न जितना होकर, जल्द ही यान के प्रक्षेपण की तारीख़ घोषित की जायेगी। मान्सून शुरू होने से पहले इस यान का प्रक्षेपण किया जानेवाला होने की जानकारी ‘इस्रो’ के सूत्रों ने दी। ‘रियुझेबल लॉन्च व्हेईकल टेक्नॉलॉजी डेमॉन्स्ट्रेटर’ (आरएलव्ही-टीडी) यह इस भारतीय यान का नाम होकर, उसका आकार अमरीका के ‘नासा’ के अंतरिक्षयान जैसा है। इस अंतरिक्षयान का प्रक्षेपण किया जाने के बाद वह पृथ्वी की कक्षा में जाकर पुन:, बंगाल की खाड़ी में तैयार किये हुए ‘वर्च्युअल रनवे’ पर उतरेगा। इस ‘वर्च्युअल रनवे’ पर उतरते समय इस यान की रफ़्तार, आवाज़ की रफ़्तार के पाँच गुना होगी, ऐसा कहा जाता है।

यह परीक्षण यदि क़ामयाब हुआ, तो भारत अंतरिक्ष प्रक्षेपण क्षेत्र में इतिहास रचेगा। पुनर्विनियोगलायक़ अंतरिक्षयान के कारण, अंतरिक्ष मुहिमों पर होनेवाला खर्चा बहुत ही कम हो जायेगा। इस ‘आरएलव्ही-टीडी’ को जल्द ही, पूर्व राष्ट्रपति ‘एपीजे अब्दुल कलाम’ की याद में ‘कलामयान’ यह नाम दिया जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है। भारत के इस प्रयोग को यदि सफलता मिल गयी, तो अंतरिक्षक्षेत्र में भारत लंबी ऊड़ान भर सकता है, ऐसा दावा किया जा रहा है।

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