खाडी क्षेत्र में शुरू बडी उथल पुथल की पृष्ठभुमि पर – इस्रायल के प्रधानमंत्री एवं सऊदी के प्रिन्स भारत आ रहे है

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरनई दिल्ली – इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू जल्द ही भारत की यात्रा करेंगे| इस यात्रा के दौरान वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अहम बातचीत करेंगे, यह बताया जा रहा है| इसके बाद केवल कुछ ही दिनों में सऊदी अरेबिया के क्राउन प्रिन्स ‘मोहम्मद बिन सलमान’ भारत की यात्रा पर आयेंगे| फिलहाल खाडी क्षेत्र में शुरू सियासी और सामरिक उथल पुथल की पृष्ठभुमि पर इस्रायल और सऊदी अरेबिया के प्रमुख नेताओं की यह भारत यात्रा विश्‍लेषकों का ध्यान आकर्षित कर रही है|

सीरिया में बने ईरान के ठिकानों की वजह से इस्रायल और ईरान के बीच किसी भी क्षण युद्ध शुरू होने की कडी आशंका जताई जा रही है| इसी स्थिति में सऊदी अरेबिया ने ईरान परमाणु हथियारों से सज्जित होने की आशंका का कडा विरोध किया है और इस के विरोध में आक्रामक कदम उठाने के संकेत भी दिए है| इतना ही नही बल्कि, खाडी देशों में ईरान का बढता असर रोकने के लिए इस्रायल और सऊदी अरेबिया ने सहयोग शुरू किया है, यह दिखाई दे रहा है| इसमें सामरिक स्तर का सहयोग भी होने का दावा खाडी क्षेत्र के माध्यम कर रहे है| साथ ही इस्रायल ने सऊदी के अलावा अन्य अरब देशों के साथ सियासी स्तर पर सहयोग स्थापित करने के लिए भी पहल शुरू की हुई है, यह दिखाई दे रहा है|

इस पृष्ठभुमि पर इस्रायल के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा का महत्व काफी मात्रा में बढा है| पिछले वर्ष इस्रायल के प्रधानमंत्री ने भारत को भेंट दी थी| उसके पहेल प्रधानमंत्री मोदी इन्होंने इस्रायल की ऐतिहासिक यात्रा की थी| इस वजह से भारत और इस्रायल के बीच सभी स्तरों पर सहयोग और भी दृढ हुए थे| भारतीय रक्षा दलों के लिए इस्रायल अवैक राडार यंत्रणा से लैस विमान, हेरॉन और हेरॉप इन ‘ड्रोन्स’ की आपुर्ति करने को तैयारी दिखा रहा है, ऐसे वृत्त भी लगातार सामने आ रहे है| साथ ही भारतीय नौसेना के लिए इस्रायल जमीन से हवा में हमला करने के लिए मिसाइल की आपुर्ति करेगा, यह कहा जा रहा है|

यह सहयोग विकसित हो रहा है तभी इस्रायल ने ईरान के विरोध में जोरदार मोर्चा बनाने की शुरूआत की है| फिलहाल सीरिया में बने ईरान के ठिकानों को इस्रायल अपने हवाई हमलों से लक्ष्य कर रहा है| ऐसे में आनेवाले समय में इस्रायल ने ऐसे हमलें किए तो ईरान भी इस्रायल पर हमला करके प्रत्युत्तर देगा, ऐसी धमकी ईरान ने दी है| ईरान ने इसके लिए तैयारी भी की है, यह दावा अमरिका के वरिष्ठ अधिकारी कर रहे है| ऐसी परिस्थिति में ईरान से भी अच्छे संबंध रखनेवाले भारत की इस्रायल के प्रधानमंत्री कर रही यात्रा के पीछे कई सामरिक गणित होने की कडी आशंका है|

प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ११ फरवरी के दिन भारत पहुंच रहे है| उनकी यह यात्रा छोटी रहेगी और इस बीच वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत करेंगे, सिर्फ इतनी ही जानकारी उजागर हुई है| इसके अलावा सऊदी क्राउन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान फरवरी के तिसरे सप्ताह में भारत पहुंच रहे है, यह समाचार प्राप्त हुआ है|

पिछले वर्ष नवंबर महीने में अर्जेंटिना में हुई ‘जी-२०’ परिषद के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान इनकी भेंट हुई थी| इस भेंट में दोनों देशों का सहयोग व्यापक करने पर दोनों नेताओं ने निर्णय किया था| इसके नुसार भारत में सऊदी का निवेश एवं व्यापार बढाने के लिए सऊदी के राजपूत्र भारत भेंट पर आ रहे है, ऐसा कहा जा रहा है| लेकिन, उनके इस यात्रा का ‘टायमिंग’ ध्यान आकर्षित कर रहा है| खास करके इस्रायली प्रधानमंत्री की भारत भेंट होने के बाद सऊदी राजपूत्र की हो रही यह यात्रा खाडी क्षेत्र में बढ रहे भारत के असर पर मुहर लगाएगी, यह दिखाई दे रहा है| इस भेंट के अवसर पर ईंधन निर्यात कर रहे सऊदी से अधिक लाभ प्राप्त करने की भारत की कोशिश रहेगी, यह भी बताया जा रहा है|

साथ ही भारत एवं सऊदी के बीच बढ रहे व्यापार का दाखिला देकर यह व्यापारी संबंध नई उंचाई पर ले जाने के लिए सऊदी के राजपूत्र कोशिश करेंगे, ऐसी जानकारी भी माध्यमों में स्पष्ट हुई है| लेकिन, खाडी क्षेत्र में बनी विस्फोटक स्थिति ध्यान में रखे तो, इस भेंट के पीछे सीर्फ व्यापारी गणित नही है, बल्कि उसकी सियासी और सामरिक स्तर पर काफी अहमियत रहेगी, यह स्पष्ट हो रहा है|

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