ईरान के परमाणु समझौते पर इस्रायल का अमरीका के भावी राष्ट्राध्यक्ष को इशारा

जेरूसलम – ‘आनेवाले दिनों में अमरीका ने ईरान के साथ नया परमाणु समझौता किया तो खाड़ी क्षेत्र के अन्य देश भी परमाणु अस्त्रों से सज्जित होने की कोशिश करेंगे। ऐसा हुआ तो वह बुरा सपना होगा और मूर्खता भी होगी। अमरीका यह परमाणु समझौता ना करे’, ऐसी सख्त चेतावनी इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने दी है। अमरीका के भावी राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ईरान के साथ नया परमाणु समझौता करने के लिए उत्सुक हैं। भावी राष्ट्राध्यक्ष बायडने ने ऐसा ऐलान भी किया था। इस पृष्ठभूमि पर इस्रायल के प्रधानमंत्री स्पष्ट शब्दों में बायडेन को इशारा देते दिख रहे हैं।

अमरीका के कोषागार विभाग के प्रमुख स्टिवन एम्नुकिन ने हाल ही में इस्रायल का दौरा किया। इस दौरे में इस्रायल के प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प और उनके सहयोगीयों के प्रति आभार व्यक्त किया था। राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प और उनके प्रशासन ने अपनाई भूमिका की वजह से इस्रायल को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), बहरिन और मोरोक्को के साथ सहयोग स्थापित करना मुमकिन हुआ, ऐसा बयान प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने किया। साथ ही आनेवाले दिनों में और भी अरब और इस्लामी देश इस्रायल से सहयोग स्थापित करेंगे, ऐसी उम्मीद इस्रायली प्रधानमंत्री ने व्यक्त की।

तभी, ईरान के परमाणु समझौते के मुद्दे पर इस्रायल की भूमिका प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने ड़टकर रखी। अमरीका के भावी राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन का सीधा जिक्र किए बगैर नेत्यान्याहू ने यह सुझाव दिया कि, ईरान से नया परमाणु समझौता ना करें। ईरान के साथ नया परमाणु समझौता करना मूर्खता होगी, यह बयान नेत्यान्याहू ने किया। साथ ही बायडेन के प्रशासन ने ईरान के साथ नया परमाणु समझौता किया तो यह परमाणु अस्त्र प्रसार प्रतिबंध विधेयक का उल्लंघन होगा, ऐसा हुआ तो खाड़ी क्षेत्र के अन्य देश भी परमाणु अस्त्र निर्माण करने की कोशिश करेंगे, यह इशारा नेत्यान्याहू ने दिया।

इसी बीच, वर्ष २०१५ में पश्‍चिमी देशों ने परमाणु समझौता करके ईरान को काफी मात्रा में सहुलियत प्रदान की थी, यह आरोप इस्रायल और सौदी अरब कर रहे हैं। इस परमाणु समझौते पर आलोचना करके अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने ईरान पर सख्त प्रतिबंध लगाना जारी रखा। तभी, बायडेन ने यह प्रतिबंध हटाए तो ही नया परमाणु समझौता मुमकिन होगा, ऐसी शर्त ईरान ने रखी है।

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