पॅलेस्टाइन के साथ के संघर्ष का रूपांतर इस्त्रायल के इस्लामी देशों के साथ युद्ध में होगा

जेरुसलेम: इस्त्रायल का पॅलेस्टाइन के साथ शुरू हुआ संघर्ष उग्ररूप धारण करेगा और उसका रूपान्तर इस्त्रायल और इस्लामी देशों के युद्ध में होगा, ऐसा इशारा इस्त्रायल के भूतपूर्व विदेश मंत्री त्झिपी लिवनी ने दिया है| ऐसे भयंकर संघर्ष से इस्त्रायल केवल एक कदम पीछे है, ऐसा लिवनी ने कहा है| वर्तमान में इस्त्रायल और पॅलेस्टाइन में ‘टेम्पल माउंट’ के प्रार्थनास्थालों को लेकर विवाद शुरू है और इस्लामी देशों ने पॅलेस्टाइन का समर्थन किया है और इस्त्रायल विरोधी भूमिका ली है| इसे इस्राइली प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू की नीतियां जिम्मेदार होने का दाग लिवनी ने लगाया है|

इस्राइली के ‘आर्मी रेडियो’ को दिए हुए इंटरव्यू में भूतपूर्व विदेश मंत्री ने विद्यमान इस्त्रायल की सरकार पर जोरदार टीका की है| ‘जेरुसलेम के पवित्र धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को लेकर निर्माण हुए मतभेदों ने बहुत ही गंभीर रूप धारण किया है| इसका रूपांतर युद्ध में भी हो सकता है, ऐसा इशारा लिवनी ने दिया है| यह मतभेद और पॅलेस्टाइन के साथ संघर्ष इस वजह से जोर्डन के साथ साथ अन्य अरब देशों के साथ भी इस्राइली का सहकार्य समाप्त हो सकता है और सभी इस्लामिक देश युद्ध के लिए एक हो सकते हैं, ऐसा इशारा भी दिया है|

इस्त्रायल और इस्लामी देशों में होने वाला युद्ध रोकना है, तो वर्तमान के इस्त्रायल सरकार ने ठोस रवैया अपनाकर सब कुछ रोकने की पहल करना जरुरी है, ऐसा लिवनी ने कहा है|

१४ जुलाई को जेरुसलेम के ‘टेम्पल माउंट’ में हुए आतंकवादी हमले में दो इस्राइली पुलिस मारे गए थे| इसके बाद इस इलाके में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाकर इस्राइली यंत्रनाओं ने यहाँ पर ‘मेटल डिटेक्टर’ लागवाना शुरू किए है| इसे भी पॅलेस्तिनियों ने जोरदार विरोध किया| पिछले हफ्ते निर्माण हुए इस संघर्ष में छह लोग मारे गए हैं| उसके बाद जोर्डन के इस्त्रैली दूतावास पर भी हमला हुआ था|

जेरुसलेम को लेकर इस्त्रायल और पॅलेस्टाइन  में शुरू यह विवाद बढ़ता जा रहा है और दोनों पक्षों में शांति चर्चा न होने के आसार दिखाई दे रहे हैं| इस पृष्ठभूमि पर भूतपूर्व विदेश मंत्री ने दिया हुआ इशारा लक्षवेधक बन गया है|

 

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