पॅलेस्टाईन की यंत्रणा के ढह जानेपर इस्रायल तैयार रहें

इस्रायली प्रधानमंत्री की सूचना

abbas netanyahu

पॅलेस्टाईन का नेतृत्व और यंत्रणा यदि ढह गयी तो क्या करना है, इसके बारे में सोचकर, उस संभावना के लिए सिद्धता कर रखने की सूचना इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने की है। इस्रायली मंत्रिमंडल की सुरक्षाविषयक बैठक में प्रधानमंत्री नेतान्याहू ने की हुई यह सूचना काफ़ी अहमियत रखती है। गत कुछ दिनों से इस्रायल पर होनेवाले पॅलेस्टिनियों के आतंकवादी हमलों में बढ़ोतरी हुई है; ऐसे में इस्रायली प्रधानमंत्री द्वारा की गयी सूचना को माध्यमों ने भी विशेष महत्त्व दिया हुआ दिखायी दे रहा है।

पिछले दस दिनों की अवधि में इस्रायली मंत्रिमंडल की तीन बार सुरक्षाविषयक बैठकें हुई। इन बैठकों में, पॅलेस्टाईन का नेतृत्व यदि ढह गया, तो क्या करना है इसपर विचारविमर्ष करके, उस संभावना के लिए पूर्वतैयारी करने की सूचना इस्रायली प्रधानमंत्री ने की थी, ऐसी जानकारी अधिकारियों ने दी। इस्रायल ने हालाँकि पॅलेस्टाईन के लिए अलग भूभाग दिया है, मग़र फिर भी इस भूभाग पर इस्रायल का नियंत्रण क़ायम है। लेकिन पॅलेस्टाईन के नेता, पॅलेस्टाईन को ‘देश’ के रूप में मान्यता मिलें इसलिए युद्धस्तर पर राजनीतिक प्रयास कर रहे हैं और उनके प्रयासों को सफलता मिलती हुई दिखायी दे रही है। फलस्वरूप, कुछ युरोपीय देशों ने पॅलेस्टाईन को मान्यता दी थी। दो दिन पहले व्हॅटिकन ने भी पॅलेस्टाईन को मान्यता दी थी।

इस पार्श्वभूमि पर, इस्रायल में से पॅलेस्टाईन के विरोध में तीव्र प्रतिक्रियाएँ व्यक्त हो रही हैं। उसीमें पॅलेस्टाईनस्थित आतंकवादियों द्वारा इस्रायल पर आतंकवादी हमले किये जाने की घटनाएँ बढी हुईं होकर, उसपर इस्रायली सरकार ने गंभीरतापूर्वक ग़ौर करना शुरू किया है। इस पार्श्वभूमि पर, इस्रायल के प्रधानमंत्री ने – ‘पॅलेस्टाईन का नेतृत्व यदि ढह गया तो क्या’ यह सवाल खड़ा करके नया विवाद उत्पन्न किया है। मंत्रिमंडल की इस सुरक्षाविषयक बैठक में बात करते हुए प्रधानमंत्री नेतान्याहू ने यह स्पष्ट किया कि ‘पॅलेस्टाईन की यंत्रणा ढह जायें ऐसी इस्रायल की हरगिज़ इच्छा नहीं है; और यदि ऐसी परिस्थिति उद्भवित हुई, तो इस्रायल पॅलेस्टिनी यंत्रणा की सहायता करेगा।’ लेकिन फिर भी ‘पॅलेस्टाईन की यंत्रणा ढह गयी तो क्या’, इस संभावना के लिए इस्रायल को तैयार रहना चाहिए, ऐसा नेतान्याहू ने सूचित किया।

फ़िलहाल इस्रायल और पॅलेस्टाईन में राजनीतिक संवाद बन्द है। यह चर्चा शुरू करने के लिए अमरिकी विदेशमंत्री जॉन केरी द्वारा किये गए प्रयास पूरी तरह नाक़ाम हो चुके हैं। साथ ही, पॅलेस्टाईन की अर्थव्यवस्था भी ख़तरे में पड़ गयी है और उसके कारण भी यहाँ पर अराजकता का माहौल फ़ैल सकता है, ऐसा इस्रायल का अंदाज़ा है। पॅलेस्टाईन में यदि किसी भी प्रकार की व्यवस्था नहीं बची, तो उसका सीधा असर इस्रायल पर होगा, ऐसा दावा करके प्रधानमंत्री नेतान्याहू ने इस्रायल के मंत्रिमंडल को इसके लिए योजना बनाने के लिए कहा, ऐसा दिखायी दे रहा है।

वेस्ट बँक स्थित पॅलेस्टाईन की सरकार के प्रमुख, राष्ट्राध्यक्ष महमूद अब्बास की उम्र ८१ साल की होने के कारण, यदि उनका निधन हो गया तो उनका स्थान कौन लेगा, इस बात को लेकर इस्रायली गुप्तचर यंत्रणा साशंकित है। इस कारण सभी प्रकार की संभावनाओं के बारे में सोचकर ही विकल्प प्रस्तुत करें, ऐसी सूचना इस्रायली प्रधानमंत्री द्वारा की गयी है। इस्रायल और पॅलेस्टाईन के बीच के तनाव पर ग़ौर करते हुए, प्रधानमंत्री नेतान्याहू की इस सूचना की ओर जानकारों द्वारा ग़ौर किया गया दिखायी दे रहा है।

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