इस्रायल मतलब खाडी देशों के लिए कॅन्सर ट्यूमर – ईरान के राष्ट्राध्यक्ष की कडी आलोचना

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

तेहरान/जेरूसलेम – ‘द्वीतिय विश्‍वयुद्ध के बाद पश्‍चिमी देशों ने खाडी में अपने हितसंबंधों को सुरक्षित करने के लिए कॅन्सर का ट्यूमर इस क्षेत्र में लगाया था| इस्रायल वहीं कॅन्सर ट्यूमर है जिसकी सरकार जाली है’, ऐसे तिखे शब्दों में ईरान के राष्ट्राध्यक्ष हसन रोहानी ने इस्रायल पर आलोचना की| साथही अमरीका और इस्रायल के अत्याचार को मार गिराने के लिए अरब-इस्लामी देश एकजुट हो जाए, ऐसा आवाहन भी ईरान के राष्ट्राध्यक्ष ने किया| दौरान, ‘ईरान की धमकी को जवाब देने के लिए इस्रायल तैयार है| उससे पहले यूरोपीय देश इस्रायल के विनाश पर ईरान ने की घोषणा पर गंभीरता से देखे’, ऐसा इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने फटकारा|

परमाणू समझौता और सीरिया में सेना तैनाती के लिए रशिया द्वारा समर्थन पानेवाले ईरान ने अमरीका और इस्रायल के खिलाफ अरब-इस्लामी देशों को सात लाने के लिए कोशिशे शुरू की है| इसके लिए राजधानी तेहरान में आयोजित एक बैठक में १०० देशों से आए ३५० से अधिक अरब-इस्लामी प्रतिनिधीं को संबोधित करते हुए राष्ट्राध्यक्ष रोहानी ने अमरीका और इस्रायल पर आलोचना की| ‘द्वीतिय विश्‍वयुद्ध से खाडी देशों पर अपनी पकड ढिली ना पड जाए इसलिए पश्‍चिमी देशों ने इस्रायल का निर्माण किया| इस्रायल की सुरक्षा के लिए अमरीका ने खाडी देशों समेत सहयोग प्रस्थापित किया’, ऐसा इल्जाम राष्ट्राध्यक्ष रोहानी ने रखा|

साथही खाडी देशों का अमरीकी दबाव के सामने झुकना राष्ट्रद्रोह साबित होता है, ऐसे शब्दों में ईरान के राष्ट्राध्यक्ष ने सौदी अरब और सौदी के दोस्त देशों पर निशाना लगाया| इस बार ईरान के राष्ट्राध्यक्ष ने किसी भी देश का सीधा नाम न लिया हो फिर भी ईरान के खिलाफ इस्रायल से सहयोग प्रस्थापित करने की तैयारी कर रहे सौदी अरब को उन्होंने निशाना बनाया ऐसा दिखाई देता है| इसके अलावा अमरीका और इस्रायल का अत्याचार अरब-इस्लामी देश साथ मिलकर भगाए, ऐसा आवाहन रोहानी ने किया|

ईरानी राष्ट्राध्यक्ष की आलोचना पर इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने जवाब दिया| ईरान की खूनी हुकूमत से खुदी की सुरक्षा कैसे करे, इसकी इस्रायल को जानकारी है, ऐसा नेत्यान्याहू ने कहा| उचित समय इस्रायल ईरान को जवाब देगा, ऐसी चेतावनी इस्रायल के प्रधानमंत्री ने दी| लेकिन इस्रायल के विनाश की घोषणा करनेवाले ईरान के बारे में यूरोपीय देश ने अपनी नीति में बदलाव करे, ऐसा नेत्यान्याहू ने सुनाया| इस्रायल के विनाश की घोषणा करनेवाले ईरान के परमाणू कार्यक्रम का यूरोपीय देश कैसे समर्थन कर सकते है, ऐसी आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने यूरोपीय देशों को ईरान पर लगे प्रतिबंधों का समर्थन करने का आवाहन किया|

दौरान, ईरान समेत एटमी समझौते से दो गूट तैयार हो चुके है, जिनमें कुछ यूरोपीय देशों ने ईरान का समर्थन जारी रखा है| वहीं अमरीका, इस्रायल और सौदी अरब ईरान से हुए एटमी समझौते से पिछे हटने का साथही ईरान पर लदे प्रतिबंध का जोरदार समर्थन कर रहा है| इस पृष्ठभूमी पर ईरान के खिलाफ इस्रायल और सौदी एकजूट हो जाए, ऐसे संकेत अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने कुछ दिनों पहले लगाए थे| वहीं ट्रम्प के इस आवाहन से बौखलाए ईरान के राष्ट्राध्यक्ष द्वारा ये प्रतिक्रिया आयी है|

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