सीरिया में ईरान को रोकना हो तो इस्रायल को ईरान पर हमला करना होगा – इस्रायल के अभ्यासगुट का निष्कर्ष

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरतेल अविव – ‘अमरिका सेना की वापसी के पश्चात सीरिया में ईरान का लष्करी तैनातीकरण इस्रायल की सुरक्षा के लिए खतरा साबित हो सकता हैं| ऐसे में यदि सीरिया में ईरान की गतिविधियों को रोकना हो तो इस्रायल ने सीधे ईरान पर हमला करना चाहिए’, ऐसा इस्रायल के उच्चतर अभ्यास गट ने सूचित किया हैं| इस्रायल की सुरक्षा के सामने वर्तमान में ईरान, सीरिया, लेबनान और गाझा पट्टी जैसी चुनौतियों के होते हुए, इस साल में इस्रायल को एक ही समय दो अथवा उससे भी अधिक मोर्चे पर युद्ध का सामना करना पड़ सकता हैं, ऐसी चेतावनी इस अभ्यास गट ने दी हैं|

अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने सीरिया से सेना की वापसी करने की घोषणा करने के पश्चात इस्रायल ने तेजी से गतिविधियां शुरू कर दी हैं| सीरिया, लेबनान की सीमा के पास इस्रायली लष्कर की तैनाती बढ़ते हुए इस्रायली लष्करी अधिकारी, अभ्यासक और विशेषज्ञ इससे आगे की चुनौतियों पर चर्चा कर रहे हैं| इस संदर्भ में इस्रायली राष्ट्राध्यक्ष के निवास स्थान पर एक बैठक हुई थीं| इस बैठक में तेल अविव में ‘द इन्स्टिट्यूट फॉर नॅशनल सिक्युरिटी’ इस अभ्यास गट ने कुछ विकल्प सूचित किए हैं|

इस्रायल की सुरक्षा को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा हैं| सीरिया, लेबनान और गाझा पट्टी की चुनौतियां इस्रायल के लष्करी सज्जता की कसौटी लेने वाली साबित हो सकती हैं| इन तीनों अग्रभागों पर इस्रायल को एक ही समय युद्ध का सामना करना पड़ सकता है, ऐसी चेतावनी अभ्यास गुट ने दी हैं| उसी समय सीरिया में ईरान का प्रभाव इस्रायल की सुरक्षा के लिए सबसे अधिक चिंता का विषय होते हुए ईरान को रोकने के लिए इस्रायल को सीधे ईरान और लेबनान में घुसकर कार्रवाई करनी होगी, ऐसी संभावना अभ्यास गट ने व्यक्त की हैं|

इसी वर्ष में इस्रायल को व्यापक युद्ध का सामना करना पड़ सकता हैं| उत्तर की ओर से ईरान, हिजबुल्लाह और सीरिया इस्रायल पर हमलें कर सकते हैं| इस्रायल की सीमा पर उत्तर से हमलें शुरू होते हुए दक्षिण सीमा पर गाझा पट्टी के हमास से इस्रायल के लष्कर को और एक चुनौती का सामना करना पड़ सकता हैं| इस्रायल ने इसकी संपूर्ण तैयारी करनी चाहिए ऐसी सूचना इस अभ्यास गट ने दी हैं| इसके अतिरिक्त अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के विषय में स्वीकार की कठोर भूमिका और इस्रायल तथा अरब देशों में सहयोग के संबंध में स्वीकार की हुई नीति का अभ्यास गट ने स्वागत किया हैं|

सीरिया में ईरान के ठिकानों पर इस्रायल से घातक हमलें चढ़ाए गए हैं| ऐसी परिस्थिति कायम रही तो ईरान से इस्रायल को उत्तर मिल सकता हैं| यह एक कारण भी ईरान और इस्रायल में घमासान संघर्ष भड़काने के लिए पर्याप्त साबित हो सकता हैं| परंतु इस्रायली अभ्यास गट इस परिस्थिति की प्रतीक्षा करने के बजाय सीधा ईरान को लक्ष्य करने की सलाह दे रहा हैं| ईरान पर हमला करने के लिए इस्रायल हिचकिचाएगा नहीं, ऐसा इससे पहले अनेक बार घोषित किया था| तो ईरान के वरिष्ठ नेता और अधिकारी इस्रायल को दुनिया के नक्शे से मिटाने की धमकी देते रहे हैं|

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