कोरोनावायरस की ‘अँटीबॉडी’ विकसित करने का इस्रायल का दावा

जेरुसलेम – इस्रायल की ‘इन्स्टिट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल रिसर्च’ इस रक्षाक्षेत्र की संस्था ने कोरोनावायरस की ‘अँटीबॉडी’ विकसित की होने का दावा इस्रायली रक्षामंत्री नफ्ताली बेनेट ने किया है। यह एक बहुत महत्त्वपूर्ण पड़ाव है, ऐसा बेनेट ने कहा होकर, उसका पेटंट तथा ईलाज़ हेतु इस्तेमाल करने के लिए आगे कदम उठाये जा रहे हैं, यह भी स्पष्ट किया। ‘इस्रायल इन्स्टिट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल रिसर्च’ (आयआयबीआर) इस संस्था को इस्रायली रक्षादल के ‘सिक्रेट युनिट’ के रूप में जाना जाता है।

चीन में से शुरू हुआ कोरोनावायरस का संक्रमण दुनियाभर में हाहाकार मचा रहा है। विभिन्न देशों में इस संक्रमण पर ईलाज़ तथा टीका विकसित करने के लिए संशोधन शुरू है। आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फिलहाल १०० से अधिक संस्थाएँ तथा कंपनियाँ कोरोनावायरस संक्रमण पर टीका और दवाई विकसित करने के प्रयास कर रहीं हैं। कुछ दिन पहले ब्रिटन की ‘ऑक्सफर्ड युनिव्हर्सिटी’ ने टीका विकसित किया होने की और उसका टेस्टिंग शुरू किया होने की जानकारी साझा की थी। वहीं, अमरिकी कंपनी ने दवाई तैयार की होने का दावा किया था। इस्रायल ने इसमें पहल की होकर, दो महीने पहले देश की एक संस्था ने महत्त्वपूर्ण क़ामयाबी हासिल करने का दावा भी किया था। इस पार्श्वभूमि पर, रक्षामंत्री बेनेट ने ‘आयआयबीआर’ से की हुई भेंट और उसके बाद किया हुआ दावा गौरतलब है।

‘कोरोनावायरस की अँटीबॉडी विकसित करने का काम पूरा हो चुका है। यह अँटीबॉडी वायरस पर हमला करके बीमार व्यक्ति के शरीर में स्थित वायरस को पूरी तरह निष्प्रभ कर देती है। पेटंट लेने की प्रक्रिया शुरू है और अँटीबॉडी का व्यावसायिक स्तर पर उत्पादन लेने के लिए आंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के साथ चर्चाएँ जल्द ही चालू होंगी’, यह जानकारी रक्षामंत्री बेनेट के कार्यालय द्वारा दी गयी।

इस्रायल के रक्षा विभाग ने किये इस दावे से पहले, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने एक आंतर्राष्ट्रीय परिषद में, कोरोना महामारी के ख़िलाफ़ चल रही लड़ाई के लिए इस्रायल सरकार छ: करोड़ डॉलर्स की सहायता करेगी, ऐसी घोषणा की। यह घोषणा करते समय ही उन्होंने इस्रायली संशोधक और संस्थाएँ कोरोनावायरस के संक्रमण के विरोध में महत्त्वपूर्ण योगदान देंगे, ऐसा विश्वास भी व्यक्त किया था।

इस्रायल कोरोनावायरस पर टीका अथवा दवाई सबसे पहले विकसित करने में क़ामयाब होगा, ऐसी जानकारी इससे पहले भी दी गयी थी। ईरान में कोरोना की महामारी ने कोहराम मचाना शुरू करने के बाद इस्रायली टीके के मुद्दे पर चर्चा भी की गयी थी। उस समय एक ईरानी धर्मगुरू ने, यदि और कोई चारा ही नहीं है, तो इस्रायल से भी टीका लेने में हर्ज़ नहीं, ऐसी सलाह दी थी। लेकिन उस समय इस्रायल ने टीका विकसित किया होने की जानकारी का खंडन किया था।

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