कोरोना के सबसे बेहतर टीके की ख़ोज हुई – इस्रायल का दावा

जेरूसलम – कोरोना वायरस के सबसे बेहतर टीके की ख़ोज का दावा इस्रायल ने किया है। अक्तूबर से इस टीके का मानव परीक्षण शुरू होगा, यह जानकारी इस्रायल के रक्षामंत्री बेनी गांत्झ ने प्रदान की है। इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने इस कामयाबी का स्वागत किया है और इस ख़बर से उत्साह में बढ़ोतरी होने का बयान करके उन्होंने संतोष भी व्यक्त किया। इससे पहले इस्रायल ने कोरोना वायरस का ‘ऐंटीडोट’ तैयार करने का दावा किया था।

टीके की ख़ोज

फ़रवरी में कोरोना वायरस की महामारी तेज़ गति से फैलने के बाद इस्रायल के प्रधानमंत्री ने ‘इस्रायल इन्स्टिट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल रिसर्च’ (आयआयबीआर) नामक रक्षा क्षेत्र की संस्था को कोरोना वायरस का टीका विकसित करने के आदेश दिए थे। इस्रायल के स्वास्थ्य और रक्षा मंत्रालयों की निगरानी में ‘आयआयबीआर’ के वैज्ञानिक इस टीके का निर्माण करने में जुटे थे। छह महीनों में कोरोना वायरस का टीका विकसित हुआ है और यह टीका बड़ा अच्छा होने का दावा ‘आयआयबीआर’ के प्रोफेसर शम्युल शापरिया ने किया। साथ ही यह टीका कोरोना वायरस के विरोध में लड़ने के लिए बड़ा लाभदायी साबित होगा, यह बयान भी शापरिया ने किया है।

इस्रायल के रक्षामंत्री गांत्झ गुरुवार के दिन ‘आयआयबीआर इन्स्टिट्यूट’ पहुंचे और इस दौरान उन्होंने इस टीके के ख़ोज कार्य का जायज़ा लिया। हमारे हाथ में अब सबसे बेहतर टीका है। यह इस टीके की पहली बोतल है, यह बात शापरिया ने रक्षामंत्री गांत्झ से साझा की। इस टीके पर कुछ प्रक्रिया होनी अभी शेष है। यह पूरी होने के बाद अक्तूबर में इस टीके का मानव परीक्षण शुरू होगा, यह विश्‍वास गांत्झ ने व्यक्त किया।

टीके की ख़ोज

प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने भी ‘आयआयबीआर’ के वैज्ञानिकों से वीडियो कान्फरन्सिंग के माध्यम से बातचीत करके इस टीके के निर्माण कार्य का जायज़ा लिया। कोरोना वायरस का टीका विकसित होने की बात साझा करके नेत्यान्याहू ने वैज्ञानिक और टीम के प्रति आभार व्यक्त किया। तीन चरणों में इस टीके का मानव परीक्षण होगा। पहले चरण में 100, दूसरे चरण में 1000 और तीसरे चरण में 30,000 लोगों पर इस टीके का परीक्षण किया जाएगा। इस वर्ष के अन्त तक दो चरण पूरे होंगे। वर्ष 2021 की पहली तिमाही के बाद यह टीका उपलब्ध होगा, यह बात प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने कही है। इससे पहले इस्रायल की इसी संस्था ने कोरोना वायरस का ‘ऐंटीडोट’ विकसित करने का दावा किया था। यह ‘ऐंटिडोट’ विषाणुओं पर हमला करके बीमार व्यक्ति के शरीर में मौजूद विषाणुओं को पूरी तरह से निष्प्रभ करता है।

इसी बीच, भारत और इस्रायल ने संयुक्त कोशिश से कोरोना वायरस के ‘रैपिड टेस्टिंग किटस्‌’ का निर्माण करने के लिए अनुसंधान शुरू किया है। इसके लिए इस्रायल का दल भारत आया था। यह दल भारत से 20 हज़ार कोरोना संक्रमितों के ‘सैम्पल’ के साथ लौट गया। यह अनुसंधान कामयाब होने पर मात्र 10 सेकंड्स में कोरोना वायरस का निदान होना संभव होगा। इस अनुसंधान का रिज़ल्ट जल्द ही प्राप्त होगा और गुड न्यूज़ भी प्राप्त होगी, यह विश्‍वास इस्रायल ने व्यक्त किया।

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