इस्लामी देश फिलिस्तीन के मुद्दे को सर्वाधिक प्राथमिकता दें – ईरान के राष्ट्राध्यक्ष इब्राहिम रईसी

तेहरान – ‘ फिलिस्तीनियों के हितसंबंधों का पुरस्कार करने के लिए इस्लामी देशों को पहल करनी चाहिए। यह मुद्दा हमेशा इस्लामी जगत के लिए प्राथमिकता क्रम पर होना ही चाहिए’, ऐसा आवाहन ईरान के राष्ट्राध्यक्ष इब्राहिम रईसी ने किया। ईरान सभी इस्लामी देशों में स्थिरता चाहता है और अमरीका तथा इस्रायल इस्लामी देशों में अस्थिरता निर्माण कर रहे हैं, ऐसा आरोप भी ईरान के राष्ट्राध्यक्ष ने किया है।

ईरान की राजधानी तेहरान में आयोजित की ३५वीं ‘इंटरनॅशनल कॉन्फरन्स ऑन इस्लामिक युनिटी’ को वर्चुअल माध्यम के जरिए संबोधित करते समय ईरान के राष्ट्राध्यक्ष ने फिलिस्तीन का मुद्दा उपस्थित किया। इस बैठक में ५२ देशों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। इस समय राष्ट्राध्यक्ष रईसी ने अमरीका, इस्रायल और पश्चिमी देशों पर ज़ोरदार आरोप किए।

islamic-countries-palestine-iranइस्लामी देश अब जाकर कहीं पश्चिमियों के विरोध में जागृत होने लगे हैं। यह आग बुझनी नहीं चाहिए, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष रईसी ने कहा। इस्लामी देशों में दरार पैदा करने के लिए पश्चिमियों ने आईएस इस आतंकवादी संगठन का निर्माण किया होने का गंभीर आरोप ईरान के राष्ट्राध्यक्ष रईसी ने किया।

‘अपना और इस्रायल का हित महफूज रखने के लिए अहंकार से भरे पश्चिमी देशों ने, मुस्लिम देशों में कमजोर नेतृत्व का हमेशा ही समर्थन किया’, ऐसा दोषारोपण रईसी ने किया। पश्चिमी देशों की इस साज़िश के विरोध में इस्लामी देश एकजुट करें और फिलिस्तीन को बचाने के लिए जंग लड़ें। क्योंकि फिलिस्तीन यह इस्लामी देशों के लिए सबसे अहम मुद्दा बनता है, ऐसा संदेश रईसी ने इस बैठक में दिया।

ईरान के राष्ट्राध्यक्ष रईसी ने फिलिस्तीन के संदर्भ में किए आक्रमक आवाहन के कुछ ही घंटों में, गाज़ा पट्टी के हमास इस आतंकवादी संगठन में इस्रायल को धमकाया। जब तक फिलिस्तीन पर किया कब्ज़ा और गाज़ा पट्टी की घेराबंदी इस्रायल नहीं हटाता, तब तक इस्रायल पर हमले जारी रहेंगे। जल्द ही हमास और इस्रायल के बीच और एक युद्ध भड़केगा, ऐसी धमकी हमास ने दी है। ब्रिटेन के अग्रसर न्यूज़ चैनल ने यह धमकी प्रकाशित की।

पिछले कुछ दिनों से वेस्ट बैंक में हमास के समर्थक और इस्रायली सुरक्षा यंत्रणाओं में जारी संघर्ष की खबरें सामने आ रही हैं। मई महीने के संघर्ष के बाद वेस्ट बैंक में हमास के समर्थकों में वृद्धि हुई होकर, इस्रायली माध्यमों ने इसे चिंता की बात बताया था।

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