आयएसआय ने मुल्ला ओमर के बेटे को बनाया तालिबान का प्रमुख

काबूल – मुल्ला ओमर के बेटे मुल्ला मोहम्मद याकूब ने तालिबान की बाग़ड़ोर सँभाली है। तालिबान के वरिष्ठ नेता कोरोनावायरस से संक्रमित हुए होने के कारण याकूब के हाथ में यह बागड़ोर देने का दावा किया जाता है। लेकिन याकूब को, पाकिस्तान की कुविख्यात गुप्तचर यंत्रणा ‘आयएसआय’ ने अफगान तालिबान के प्रमुख पद पर बिठाया है, ऐसा आरोप अफगानिस्तान की गुप्तचर यंत्रणा के पूर्व प्रमुख रहमतुल्ला नबील ने किया। याकूब की इस नियुक्ति के साथ ‘आयएसआय’ ने तालिबान पर की अपनी पकड़ अधिक मज़बूत की होने की चेतावनी नबील ने दी है।

ISI, Terrorist

तालिबान में फिलहाल बड़ी उथलपुथल चालू है। तालिबान के वरिष्ठ नेता कोरोनावायरस से संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें मुल्ला ओमर का सहायक और तालिबान का विद्यमान प्रमुख हैबतूल्ला अखुंदझादा का समावेश है। उसके स्थान पर ‘आयएसआय’ ने हक्कानी नेटवर्क का नेता सिराजुद्दीन हक्कानी को तालिबान के प्रमुखपद पर बिठाया था। लेकिन सिराजुद्दीन हक्कानी और उसके सहकर्मी भी कोरोनाग्रस्त हुए हैं, ऐसी जानकारी नबील ने दी।

हक्कानी के बाद यदि तालिबान की बागड़ोर शुरा कौन्सिल के पास गयी, तो इस संगठन पर रहनेवाली अपनी पकड़ सदा के लिए ढ़ीली पड़ जायेगी, ऐसी चिंता ‘आयएसआय’ को सता रही थी। इसी कारण ‘आयएसआय’ ने, मुल्ला ओमर का बेटा मुल्ला मोहम्मद याकूब के पास ही इस संगठन की बागड़ोर सौंपी है, ऐसा दावा नबील ने किया। पाकिस्तानी लष्कर के प्रचार की ज़िम्मेदारी सँभालनेवाले ‘आयएसपीआर’ ने याकूब की इस नियुक्ति की प्रचार मुहिम शुरू की है। याकूब की नियुक्ति के साथ ही, ‘आयएसआय’ ने दोहा स्थित तालिबान के कार्यालय के अधिकारियों के तबादलों की तैयारी की है, ऐसा दावा नबील और पश्चिमी माध्यमों ने किया है।

सन २०१५ में मुल्ला ओमर की मृत्यु होने के बाद, याकूब की तालिबान के प्रमुखपद पर नियुक्ति करने की गतिविधियाँ चालू हुईं थीं। लेकिन तालिबान के कुछ प्रभावी नेताओं ने उसका विरोध करने के बाद, याकूब को अफगानिस्तान में आतंकवादी कारनामों की ज़िम्मेदारी सौंपी गयी थी। इस कारण, तालिबान में रहनेवाले याकूब समर्थक नाराज़ थे। लेकिन अब ‘आयएसआय’ ने याकूब को तालिबान के प्रमुख पद पर बिठा देने के कारण, इस गुट पर की आयएसआय की पकड़ अधिक ही मज़बूत हुई होने की चेतावनी नबील ने दी। अफगानिस्तान की सुरक्षा के लिए यह अच्छी घटना नहीं है, ऐसा नबील ने ज़ोर देकर कहा है और पश्चिमी माध्यमों ने इसकी पुष्टि की है।

तालिबान मे बहुत बड़े गुट होकर, उनमें से कुछ गुट, अमरीका के साथ तालिबान ने किये शांतिसमझौते का सख़्त विरोध करते है। इससे तालिबान में अंतर्गत संघर्ष बढ़ सकता है, ऐसी चिंता व्यक्त की जाती है। ऐसे हालातों में, आयएसआय ने याकूब की तालिबान के प्रमुखपद पर नियुक्ति करके फिर एक बार तालिबान के नेतृत्व के मसले पर सबका ध्यान आकर्षित किया है।

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