नेपाल की सीमा से भारत में आतंकियों की घुसपैंठ कराने की ‘आयएसआय’ की साज़िश

नई दिल्ली/पटना – भारत में नेपाल के मार्ग से आतंकियों की घुसपैंठ कराने की साज़िश पाकिस्तान का कुविख्यात गुप्तचर संगठन ‘आयएसआय’ ने रची है। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों द्वारा आतंकियों को बड़े पैमाने पर मार गिराया जा रहा है और वहाँ की सीमा से आतंकियों की घुसपैंठ कराने के पाकिस्तान के सारे ईरादें भारतीय लष्कर तहसनहस कर रहा है। इस कारण, नेपाल सीमा का इस्तेमाल, भारत में आतंकियों की घुसपैंठ कराने के लिए और अतिमहत्त्वपूर्ण व्यक्तियों को लक्ष्य करने की साज़िश ‘आयएसआय’ ने रची है। भारतीय गुप्तचर यंत्रणाओं को इसके बारे में जानकारी प्राप्त होने के बाद बिहार समेत दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में हाय अलर्ट जारी किया गया है।

India-ISI-Nepalपाकिस्तान के ‘आयएसआय’ द्वारा भारत के विरोध में नेपाल की भूमि का इस्तेमाल इससे पहले भी बार बार किया गया था। इन दिनों भारत और नेपाल में सीमाविवाद के कारण तनाव बना है। साथ ही, लद्दाख में चीन और भारतीय सेनाएँ आमनेसामने खड़ी हुईं हैं। इसका फ़ायदा उठाकर नेपाल मार्ग से आतंकियों की घुसपैंठ कराने की और भारत में ख़ूनख़राबा मचाने की साज़िश ‘आयएसआय’ ने बनायी है। भारत-नेपाल सीमा पर, ‘आयएसआय’ का समर्थन होनेवाले आतंकवादी संगठनों की बढ़ी हुई आवाजाही पर सुरक्षा यंत्रणाएँ ग़ौर कर रहीं होने की ख़बर है। उसमें ‘आयएसआय’ ने पाँच-छ: आतंकियों को भारत में घुसपैंठ के लिए नेपाल भेजा होने की जानकारी भारतीय गुप्तचर यंत्रणाओं को मिली है।

इस पृष्ठभूमि पर, बिहार के सभी ज़िलों में अलर्ट भेजा गया है। ज़िलों के सभी अधीक्षकों को इस संदर्भ में एक पत्र के द्वारा जानकारी दी गयी है। इस पत्र के ज़रिये यह खुलासा हुआ है। ‘जैश-ए-मोहमद’ के आतंकी बिहार में घुसपैंठ करने की तैयारी में हैं। भारत में अतिमहत्त्वपूर्ण व्यक्तियों को लक्ष्य करने की साज़िश ‘आयएसआय’ द्वारा बनायी गयी है। साथ ही, ‘सॉफ्ट टार्गेट’ के तौर पर बिहार में भी आतंकवादी हमला किया जा सकता है, ऐसी चेतावनी यंत्रणाओं ने दी होने की जानकारी सामने आ रही है।

वैसे भारत और नेपाल की सीमाएँ खुलीं होकर, इन सीमाओं में से दोनों देशों के नागरिक आसानी से आना-जाना कर सकते हैं। इस स्थिति का ‘आयएसआय’ ने इससे पहले भी फ़ायदा उठाया था। नेपालस्थित पाकिस्तानी दूतावास में से भारतविरोधी हरक़तें होती हैं, यह बात इससे पहले भी सामने आयी थी। उसीमें फिलहाल नेपाल की चीनपरस्त सरकार की नीतियाँ भारतविरोधी होने के कारण, अब इस मोरचे पर भी भारत को अधिक चौकन्ना रहना पड़ेगा, ऐसा विश्लेषकों का कहना है।

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