‘आयएस’ के ४० आतंकवादियों की मौत, पैरिस में हमला करने वाले आतंकवादी की मौत होने का दावा

मोस्को: रशियन लड़ाकू विमानों ने सीरिया के ‘देर अल-झोर’ इलाके में किए हमले में ‘आयएस’ के ४० आतंकवादी मारे गए हैं। इस में ‘आयएस’ के रक्षा मंत्री के साथ चार वरिष्ठ कमांडर्स का समावेश होने की जानकारी रशिया के रक्षा मंत्रालय ने दी है। २०१५ में फ़्रांस की राजधानी पैरिस में आतंकवादी हमला करने वाला आतंकवादी इस हमले में मारे जाने का दावा रशियन मंत्रालय ने किया है।

४० आतंकवादियों की मौत

कुछ घंटों पहले ही इस्त्रैली लड़ाकू विमानों ने सीरिया के हमा प्रान्त में हवाई हमले किए थे। हिजबुल्लाह के मिसाइल और गोला बारूद के गोदाम को लक्ष्य बनाने के लिए इस्त्रायल ने यह हवाई हमला किया था, ऐसा कहा जा रहा है। इस्त्रायल के इस हमले को कुछ ही घंटे पूरे नहीं होते, तभी रशिया ने ‘देर अल-झोर’ के ‘आयएस’ के ठिकानों पर हमले करके ‘आयएस’ के आतंकवादियों को खत्म करने की जानकारी आयी है।

रशिया के रक्षा मंत्रालय ने प्रसिद्ध की हुई जानकारी के अनुसार सीरिया के लताकिया प्रान्त के खेमिम हवाई अड्डे पर रशिया के ‘सुखोई-३४’ और ‘सुखोई-३५’ इन दो लड़ाकू विमानों ने यह कार्रवाई की है। ‘देर अल-झोर’ की एक इमारत में ‘आयएस’ के आतंकवादी छिपने की जानकारी गुप्तचर यन्त्रणा से मिली थी। इस जानकारी के आधार पर रशियन विमानों ने यह हमला किया।

सीरिया के संघर्ष में ‘आयएस’ को बड़ा झटका लगने के बाद होम्स, राक्का, पालमिरा, से भागने वाले ‘आयएस’ के आतंकवादी ‘देर अल-झोर’ में छिपे हैं। पिछले कुछ दिनों से सीरियन लष्कर ने ‘देर अल-झोर’ पर भी हमले शुरू किए हैं। इस वजह से आतंकवादियो घेरे जाने का दावा किया जा रहा है। ‘आयएस’ के आतंकवादी इस घेरे को तोड़ने की कोशिश में थे तभी, रशियन विमानों ने यह हमले किए।

इस हमले में ‘आयएस’ का रक्षा मंत्री ‘गुलमुरोद खालिमोव’ मारा गया है, ऐसा रशियन रक्षा मंत्रालय ने कहा है। २०१५ में ‘आयएस’ में शामिल होने से पहले खालिमोव ताजीकिस्तान के अंतर्गत रक्षा मंत्रालय के ‘स्पेशल फोर्सेस’ के यूनिट का प्रमुख था।

‘देर अल-झोर’ का स्वयंघोषित नेता अबू मोहम्मद अल-शिमाली यह भी इस हमले में मारा गया है। दो साल पहले पैरिस में हुए आतंकवादी हमले के सूत्रधारों में से एक शिमाली था। शिमाली की गिरफ़्तारी के लिए सहायता करने वाले को अमरिका के विदेश मंत्रालय ने ५० लाख डॉलर्स का इनाम रखा था। २०१५ में ‘आयएस’ में शामिल होने से पहले शिमाली अल कायदा में था। खालिमोव, शिमाली के साथ ‘आयएस’ के बड़े नेता रशिया के हवाई हमले में मारे जाने की वजह से, इस आतंकवादी संगठन को बहुत बड़ा झटका लगा है।

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