ईरानी जनता की तरफ से पॅलेस्टाईन विनाश की घोषणाएं

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जेरुसलेम – ईरान की राजवट ने घोषित की आर्थिक नीतियों के खिलाफ राजधानी तेहरान में भड़के प्रदर्शन अधिक तीव्र हुए हैं। सीरिया, लेबेनॉन, येमेन, इराक और गाझापट्टी के आतंकवादी संगठनों को ईरान कर रहे मदद पर आपत्ति जताकर क्रोधित प्रदर्शनकारियों ने ‘पॅलेस्टाईन का विनाश हो’ ऐसी घोषणाएं दी हैं। उसीके साथ ही ‘हमें आयातुल्ला नहीं चाहिए’ ‘तानाशाह का विनाश हो जाए’, ऐसी घोषणाएं देकर क्रोधित प्रदर्शनकारियों ने अपना असंतोष व्यक्त किया है।

हजारो ईरानी नागरिक पिछले दो दिनों से तेहरान के ‘ग्रैंड बाझार’ के चौक में और ईरान की संसद के सामने ईरान की राजवट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। ईरान की सरकारी मीडिया ने इस प्रदर्शन की खबरों को दबाया है, लेकिन सोशल मीडिया के माध्यम से ईरान में चल रही उथलपुथल दुनिया के सामने आ रही है। इसमें से तेहरान की सडकों पर प्रदर्शन करने वाले नागरिकों का विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।

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इसमें ‘पॅलेस्टाईन का विनाश हो’, ‘गाझापट्टी, लेबेनॉन को नहीं बल्कि हमें मदद कीजिये’, ‘सीरिया छोड़कर हमारे बारे में सोचिये’, ‘ईरान के नागरिकों को समर्थन दें, तानाशाही को नहीं’ ऐसी घोषणाएं प्रदर्शनकारियों दी हैं। यह घोषणाएं सिर्फ सड़क पर ही नहीं बल्कि तेहरान के शॉपिंग मॉल्स और संसद के सामने भी दी गई हैं। इन प्रदर्शनकारियों को हटाने की कोशिश करने वाले ईरानी पुलिस को भी, ‘आप भी हमारे साथ शामिल हो जाएं’, ऐसा आवाहन प्रदर्शक कर रहे हैं।

ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयातुल्ला खामेनी के खिलाफ भी घोषणाएं दी गई हैं। ‘हमें तानाशाही नही चाहिए’, ‘ईरान में आयातुल्ला की राजवट नहीं चाहिए’ और ‘तानाशाह का विनाश हो जाए’, ऐसे पोस्टर्स इन प्रदर्शनों में दिखाई दे रहे थे। प्रदर्शनकारियों की यह घोषणाएं मतलब ईरान की राजवट ने पिछले कुछ दशकों से अपनाई नीतियों के खिलाफ क्रोध है, ऐसा दिखाई दे रहा है।

इन प्रदर्शनकारियों में से कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर सीरिया, लेबेनॉन, गाझापट्टी के संगठनो पर ईरान लगा रहा लागत की आलोचना की है। ईरान की राजवट अपनी जनता पर आवश्यक खर्चा नहीं कर रही है, ऐसा आरोप नागरिकों ने किया है। पिछले वर्ष में ईरान की राजवट के खिलाफ प्रदर्शन अधिकाधिक तीव्र हुए हैं।

कुछ महीनों पहले तेहरान में राजवट के खिलाफ प्रदर्शन हुए थे। इन प्रदर्शनों के दौरान आयातुल्ला खामेनी को सत्ता से नीचे खींचने की माँग प्रदर्शनकारियों ने की थी। तेहरान के साथ आगे ईरान के ७५ शहरों में इसी तरह के प्रदर्शन भडके थे। इसके बाद ईरान की सुरक्षा यंत्रणाओं ने प्रदर्शनकारियों की धरपकड़ करके बड़ी कार्रवाई की थी। इसमें कुछ प्रदर्शक गंभीर रूपसे घायल हुए थे। लेकिन इसके बाद भी ईरान की जनता ने अधिक आक्रामक प्रदर्शन आयोजित करके ईरान राजवट को झटका दिया है।

सोमवार से शुरू हुए प्रदर्शनों में शुरुआत को ईरान की रोहानी सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना की जा रही थी। पिछले छः महीनों में ईरान की मुद्रा ‘रियाल’ के मूल्य में ५० प्रतिशत की गिरावट हुई है और एक अमरिकन डॉलर के लिए ८५ हजार रियाल खर्च करने पड़ रहे हैं। रियाल के मूल्यों में हुई गिरावट की वजह से ईरान के निजी क्षेत्र का निवेश कम हुआ है, और बैंकिंग क्षेत्र भी गिरने की स्थिति में होने का दावा किया जा रहा है।

ईरान के ३० साल के नीचे के युवा बेरोजगारों की संख्या भयानक रूपसे बढ़ गई है। रोहानी राजवट की गलत नीतियों की वजह से ईरान की अर्थव्यवस्था पर यह मुसीबत आई है, ऐसी आलोचना व्यापारी और नागरिक कर रहे हैं। इसके लिए पिछले दो दिनों से तेहरान में प्रदर्शन का आयोजन किया गया था। दौरान, इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने इन प्रदर्शनों का स्वागत किया है। कुछ दिनों पहले नेत्यान्याहू ने ईरान की जनता को शुद्ध पानी की आपूर्ति करने की तकनीक देने का प्रस्ताव दिया था। साथ ही ईरान की राजवट इस्राइल के खिलाफ अपना सामर्थ्य खर्च करने के बजाय अपनी जनता पर पैसा खर्च करे, ऐसी सलाह दी थी।

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