ईरान की संसद ने वित्तमंत्री को हटाया – आने वाले समय में अधिक उथल पुथल की संभावना

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तेहरान – अमरिका ने ईरान पर लगाए कडक प्रतिबंधों के अपेक्षा से भी बहुत बड़े परिणाम ईरान पर हो रहे हैं, ऐसा दावा अमरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने किया है। अब इन आर्थिक प्रतिबंधों का राजनीतिक परिणाम भी दिखाई देने लगा है। ईरान की संसद के वित्तमंत्री ‘मसौद कारबासियन’ को हटाने का निर्णय लेकर यह साबित किया है। पिछले महीने की सुरुआत में ईरान की संसद ने कामगार मंत्री को हटाया था। जुलाई में ईरान के राष्ट्राध्यक्ष रोहानी ने देश के मध्यवर्ती बैंक के प्रमुख को हटाया था।

अप्रैल महीने से अब तक ईरान की रियाल मुद्रा का मूल्य आधे से ज्यादा गिर गया है। इसके भयानक परिणाम ईरानी जनता को बर्दाश्त करने पड़ रहे हैं। व्यापारी वर्ग भी परेशान हुआ है। इस व्यापारी वर्ग के साथ साथ ईरान की जनता भी रास्ते पर उतर आई है और यह राजवट की गलत नीतियों का यह परिणाम है, ऐसा आरोप आम लोग कर रहे हैं। गाझापट्टी, येमेन, सीरिया और इराक की जनता का ख्याल रखने के बजाय ईरान की राजवट ने देश की जनता की चिंता करनी चाहिए, ऐसी माँग हो रही है।

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ईरान के राष्ट्राध्यक्ष रोहानी इस आलोचना का लक्ष्य है, लेकिन इस देश की राजनीतिक व्यवस्था के अनुसार अंतिम अधिकार वाले सर्वोच्च धर्मगुरु आयातुल्ला खामेनी, इन पर भी तीव्र आलोचना की जा रही है। उनकी कट्टरवाड़ी नीति के वजह से ही देश पर यह परिस्थिति आई है, ऐसे दावे किए जा रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में खामेनी ने रोहानी की सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। अमरिका के प्रतिबंधों से भी ईरानी सरकार का गैर व्यवस्थापन इस आर्थिक संकट के लिए जिम्मेदार होने का आरोप खामेनी ने लागाया था।

ईरान के रक्षा बल में सबसे प्रभाव वाले ‘रिव्होल्युशनरी गार्ड्स’ ने भी सरकार के आर्थिक व्यवहारों की आलोचना की थी। ऐसी परिस्थिति में राष्ट्राध्यक्ष रोहानी पर दबाव बढ़ता जा रहा है। पिछले महीने में ईरान के मध्यवर्ती बैंक के प्रमुख की खदेड़ करके, रोहानी ने अपने विरोधकों को शांत करने की कोशिश की थी।लेकिन अगस्त महीने में यह विरोध अधिक तीव्र हो गया है और इस महीने की शुरुआत में ही ईरान की संसद ने कामगार मंत्री को पद से हटाया है। अब ईरान के वितमंत्री को भी खदेड़ने का निर्णय संसद ने १३७ विरुद्ध १२१ ऐसे मतों से संमत किया है।

ईरान में चल रही इस राजनीतिक उथल पुथल के आने वाले समय में बहुत बड़े परिणाम हो सकते हैं। वर्तमान में कुछ उच्च अधिकारी और मंत्रियों को हटाया जा रहा है, लेकिन आने वाले समय में राष्ट्राध्यक्ष रोहानी पर भीं सत्ता गंवाने की नौबत आ सकती है। बल्कि, ईरान में इसके लिए आवश्यक राजनीतिक पृष्ठभूमि बनाई जा रही है। ऐसा दावा किया जा रहा है। दौरान, यह सब शुरू है, ऐसे में ईरान के विदेश मंत्री जावेद झरिफ ने अमरिका पर ईरान के खिलाफ मानसिक युद्ध पुकारने का आरोप लगाया है।

ईरान के अंतर्राष्ट्रीय सहकारी दबाव में आए, इसके लिए अमरिका कोशिश कर रहा है। लेकिन अमरिका की यह कोशिशे सफल नहीं होंगी। ऐसा झरिफ ने भरोसा व्यक्त किया है। ईरान की राजवट को सत्ता से खींचना हमारा उद्देश्य नहीं है। ऐसा खुलासा अमरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने किया है। उसके बजाय ईरान की राजवट की नीतियों को बदलने में हमारी रूचि है, ऐसा बोल्टन ने हाल ही में स्पष्ट किया था।

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