अमरिका के प्रतिबंधों की वजह से ईरान की जनता सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरी – इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

तेल अविव – ‘ईरान में तानाशाही नहीं, लोकतंत्र चाहिए’, ‘ईरान में आयातुल्ला की राजवट नहीं चाहिए’, ऐसी घोषणाएं अभी भी राजधानी तेहरान की सडकों पर दी जा रहीं हैं। ईरान के सर्वोच्च धर्मगुरु और नेता आयातुल्ला खामेनी ने प्रदर्शनकारियों पर कठोर कार्रवाई करने की चेतावनी देने के बाद भी, इन प्रदर्शनकारियों को फर्क नहीं पड़ा है। ईरान की राजवट को चुनौती देने वाले इन प्रदर्शनकारियों का इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने स्वागत किया है। उसीके साथ ही अमरिका ने ईरान पर लादे कठोर आर्थिक प्रतिबंधों के परिणाम ईरान में राजवट के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों से सामने आ रहे हैं, ऐसा नेत्यान्याहू ने कहा है।

इस्राइली वायुसेना के कार्यक्रम में बोलते समय नेत्यान्याहू ने ईरान में खामेनी राजवट के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों का स्वागत किया है। ईरान की राजवट की गलत नीतियों की वजह से नागरिकों का असंतोष भड़का है, ऐसा दावा नेत्यान्याहू ने किया है। उसीके साथ ही अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान पर डाले प्रतिबंधों की वजह से ईरान की अर्थव्यवस्था में आये दिनों बड़ी उथलपुथल शुरू है, ऐसा नेत्यान्याहू ने कहा है।

ईरान की जनता

‘अमरिका के प्रतिबंधों के खिलाफ ईरान की जनता एकजुट होगी और अमरिका को प्रत्युत्तर देगी, ऐसा दावा ईरान के नेताओं ने किया था। लेकिन अमरिका के प्रतिबंधों की वजह से सबकुछ उल्टा हो रहा है और ईरान की जनता अपनी सरकार के खिलाफ हुई है’, इसकी याद नेत्यान्याहू ने दिलाई है। साथ ही ‘ईरान की आयातुल्ला की राजवट इंधन के व्यापार से मिलने वाला पैसा ईरान की जनता की जरूरतों पर खर्च नहीं कर रही, बल्कि विदेश में लष्करी कार्रवाइयों के लिए कर रही है, यह बात अब ईरान की जनता की समझ में आ रहा है’, ऐसा नेत्यान्याहू ने कहा है।

अमरिका के प्रतिबंधों की वजह से ईरान की अर्थव्यवस्था पर दबाव आया है और ईरान पर यह दबाव बनाए रखने के लिए अपनी कोशिश जारी रहेगी, इस बात को भी नेत्यान्याहू ने स्पष्ट किया है। लष्करी स्तर पर भी इस्राइल सीरिया में ईरान की गतिविधियों को रोकने के लिए सज्ज है, ऐसी चेतावनी नेत्यान्याहू ने दी है। इस्राइल पर मिसाइल हमले करने के लिए सीरिया ईरान का लौन्चिंग बेस बनाने नहीं देंगे, ऐसी जानकारी नेत्यान्याहू ने दी है। इस्राइल की वायुसेना पहले से भी अधिक सामर्थ्यवान है, ऐसी चेतावनी नेत्यान्याहू ने दी है।

कुछ महीने पहले, अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ईरान के साथ के परमाणु अनुबंध से पीछे हट गए थे। साथ ही ईरान पर कठोर प्रतिबन्ध लगाए थे। ट्रम्प के इस निर्णय की यूरोपीय महासंघ ने कठोर आलोचना की थी और ईरान के अनुबंध पर निश्चित रहने की घोषणा की थी। लेकिन अमरिका के इन प्रतिबंधों के परिणाम ईरान की अर्थव्यवस्था पर दिखाई देने लगे हैं। ईरान की अर्थव्यवस्था उध्वस्त हो गई है और ‘रियाल’ मुद्रा के मूल्य पर परिणाम हुआ है।

ईरान की जनता

रियाल की गिरावट और ईरान सरकार ने १३५० उत्पादनों की आयात पर पाबन्दी लगाने की वजह से ईरान का व्यापारी वर्ग सरकार की इन नीतियों पर क्रोधित हुआ है। उसका असर राजधानी तेहरान के ग्रैंड बाझार में दिखाई दिया। इन प्रदर्शनकारियों ने पॅलेस्टाइन का विनाश हो, ईरान में लोकतंत्र चाहिए, आयातुल्ला की राजवट नहीं चाहिए, ऐसी घोषणाएं दी थी। ईरान की राजवट हिजबुल्लाह, हमास इन आतंकवादी संगठनों पर पैसा खर्च करके अपनी जनता को परेशानी में डाल रही है, ऐसी आलोचना इन प्रदर्शनकारियों ने की थी। उस वजह से ईरान की राजवट के खिलाफ ईरान के जनता में असंतोष फैला है।

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