ब्रिटन स्थित ईरान के दूतावास पर हमले के बाद ईरान ने ब्रिटन के राजदूत को समन्स भेजा

तेहरान/लंडन: ईरान के विदेश मंत्रालय ने रविवार को ब्रिटन के राजदूत को समन्स भेजा। ब्रिटन में स्थित ईरान के दूतावास में चार सरफिरों ने घुसपैठ करके ईरान का राष्ट्रध्वज निकाल कर निषेध किया था, इस प्रकरण में ईरान ने यह समन्स भेजा है। ब्रिटन की पुलिस ने इस सरफिरे के खिलाफ ठंडी कार्रवाई की है, ऐसी टीका ईरान के विदेश मंत्रालय ने की है।

शुक्रवार दोपहर को लंडन के ‘नाईट्सब्रिज’ इलाके में स्थित ईरान के दूतावास के इलाके में चार सरफिरों ने घुसपैठ की थी। इन सरफिरों ने दूतावास के बाल्कनी में लगाए राष्ट्रध्वज को निकालकर फेंक दिया और उसकी जगह पर ‘खोदाम अल-महदी’ इस संगठन के ध्वज और बैनर लगाये थे। इसके बाद इन सरफिरों ने ईरान के रोहानी सरकार के खिलाफ घोषणा देकर दो घंटों तक बाल्कनी में डेरा जामाया था।

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शुक्रवार शाम लंडन पुलिस ने इन चारों सरफिरों को कब्जे में लिया। दूतावास के इलाके में अवैध तरीके से प्रवेश करने के लिए इन चारों सरफिरों को गिरफ्तार किया गया। लंडन पुलिस ने की पूछताछ के अनुसार इन सरफिरों ने ईरान के दूतावास में घुसपैठ नहीं की थी। बल्कि बाहर से ही ईरानी दूतावास की बाल्कनी में प्रवेश किया था। इस वजह से इन सरफिरों ने ईरानी दूतावास के किसी भी अधिकारी की सुरक्षा को नुकसान नहीं पहुँचाया, ऐसा लंडन पुलिस का कहना है।

लेकिन लंडन पुलिस की कार्रवाई पर ईरान के विदेश मंत्रालय ने जोरदार टीका की है। ईरान के उपराष्ट्रमंत्री अब्बास अराकची ने ब्रिटन के राजदूत को समन्स भेजा है और अपने राजनीतिक अधिकारियों की रक्षा करने में ब्रिटन असफल साबित हुआ है, ऐसी टीका की है। लंडन पुलिस ने इन घुसपैठियों के खिलाफ कठोर कारवाई करनी चाहिए, ऐसी माँग ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बहराम कासेमी ने की है। ईरान के ब्रिटन के राजदूत निकोलस हॉप्टन ने ईरान की इस टीका पर प्रतिक्रिया नहीं दी है।

‘खोदाम अल-महदी’ यह ब्रिटन स्थित कट्टरवादी संगठन होने का आरोप ईरान कर रहा है। ईरान की रोहानी सरकार के खिलाफ यह संगठन ब्रिटन में सक्रिय है। ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला खामेनी की नीतियों के खिलाफ इस संगठन की नीतियाँ हैं। ईरान ने इस संगठन को आतंकवादी संगठन घोषित किया है। ब्रिटन के अलावा बाहरिन और इराक में भी इस संगठन के कुछ अड्डे होने का दावा किया जाता है।

दौरान, पिछले कुछ महीनों से ईरान की रोहानी सरकार के खिलाफ नाराजगी बढती जा रही है। महीने भर पहले ईरान में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हुए थे, इन प्रदर्शनों को अमरिका, ब्रिटन, फ़्रांस साथ ही अन्य यूरोपीय देशों से समर्थन मिला था।

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