ईरान-हिजबुल्लाह के सायबरहमलों के सिलसिले में अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहगार इस्रायल के दौरे पर

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अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहगार अ‍ॅड़मिरल मायकल रॉजर्स ने पिछले हफ़्ते इस्रायल का गोपनीय दौरा किया था। ईरान तथा हिजबुल्लाह के साथ के सायबरयुद्ध के मुद्दे पर चर्चा करने अ‍ॅड़मिरल रॉजर्स आये थे, ऐसी ख़बरें इस्रायली माध्यमों द्वारा दी जा रही हैं। अमरीका ने हाल ही में सायबरहमलों के मामले में सात ईरानी हॅकर्स के ख़िलाफ़ आरोपपत्र दाख़िल किया है। वहीं, ईरान के परमाणुकार्यक्रम के संदर्भ में चल रही चर्चा यदि नाक़ाम हो जाती, तो ईरान पर बड़ा सायबरहमला करने की योजना अमरीका ने बनायी थी, ऐसी ख़बर पिछले महीने में प्रकाशित हुई थी।

अ‍ॅड़मिरल मायकल रॉजर्स ये अमरीका के ‘सायबर कमांड़’ के भी प्रमुख हैं। पिछले हफ़्ते, अपने इस्रायल दौरे में उन्होंने इस्रायली सेना के ‘८२०० इंटेलिजन्स युनिट’ इस विशेष पथक के अधिकारियों से मुलाक़ात की। इस्रायल का यह पथक, ‘सिग्नल इंटेलिजन्स’ तथा ‘कोड डिक्रिप्शन’ में माहिर रहनेवाली ख़ास टुकड़ी के रूप में जाना जाता है। इस पथक के अलावा इस्रायल के कुछ वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों से भी रॉजर्स ने चर्चा की होने की जानकारी इस्रायली माध्यमों ने दी। इस्रायली सेना ने सायबरयुद्ध के लिए स्वतंत्र शाखा स्थापन की होकर, अमरिकी अधिकारियों ने उसके बारे में जानकारी प्राप्त कर ली।

गत दो-तीन वर्षों में अमरीका एवं इस्रायल के खिलाफ़ सायबरहमलों का प्रमाण बढ़ गया होकर, उसके पीछे ईरान का तथा ईरान का समर्थन रहनेवाले ‘हिजबुल्लाह’ इस आतंकवादी संगठन का हाथ होने की बात सामने आ रही है। कुछ ही दिन पूर्व, अमरीका की बँकिंग यंत्रणा एवं न्यूयॉर्क के एक बँधारे (डॅम) पर हुए सायबरहमले के सिलसिले में सात ईरानी हॅकर्स पर आरोप दाख़िल किये गये हैं। इन आरोपों में ये संदिग्ध (कथित) हॅकर्स ईरान सरकार के लिए काम कर रहे होने का दावा भी किया गया है।

इस्रायल ने भी एक पॅलेस्टिनी हॅकर को हिरासत में ले लिया है। उसपर इस्रायली ड्रोन्स की जानकारी हॅक करने का आरोप लगाया गया है। पिछले साल इस्रायल के लष्करी अधिकारियों पर भी सायबरहमलें किये होने की घटना सामने आयी थी। ये हमलें ईरान में से किये जा रहे होने की जानकारी ‘क्लीअर स्काय’ इस सायबरसुरक्षा कंपनी ने दी थी।

इन सायबरहमलों की पार्श्वभूमि पर अमरीका एवं इस्रायल ने सायबरक्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया होने का दावा किया जा रहा है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहगार तथा ‘सायबर कमांड’ के प्रमुख रहनेवाले अ‍ॅड़मिरल मायकल रॉजर्स का दौरा यह उसीका भाग होगा, ऐसा बताया जा रहा है।
इससे पहले अमरीका एवं इस्रायल ने ईरान के परमाणुकार्यक्रम पर सायबरहमला किया होने की जानकारी सामने आयी थी। ‘स्टक्सनेट’ नाम से किये गये इन सायबरहमलों के कारण ईरान के परमाणुकार्यक्रम को बहुत बड़ी तकनीक़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। उसके बाद अमरीका ने ‘नायट्रो झियस’ इस सांकेतिक नाम से ईरान पर सायबरहमला करने की साज़िश रची होने की जानकारी भी सामने आयी थी। इस सायबरहमले की सहायता से ईरान की हवाई सुरक्षायंत्रणा, संपर्कव्यवस्था, बिजलीआपूर्ति एवं परमाणुप्रकल्प बंद कराने की योजना थी।

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