‘बालाकोट’ जैसे हवाई हमले के अभ्यास में वायुसेनाप्रमुख का सहभाग

नई दिल्ली – पाकिस्तान के बालाकोट स्थित ‘जैश-ए-मोहम्मद’ के अड्डे पर भारत ने किए हवाई हमले को दो साल पूरे हुए हैं। इस उपलक्ष्य में भारतीय वायु सेना ने इस प्रकार के हमले का अभ्यास किया और उसमें वायुसेनाप्रमुख आरकेएस भदौरिया ने खुद ही सहभाग लिया। यह हवाई अभ्यास पाकिस्तान को एक और चेतावनी देने के लिए ही था, ऐसा दिख रहा है। इस बारे में जानकारी उजागर हो रही थी कि तभी भारतीय लष्कर के नॉर्दन कमांड के प्रमुख लेफ्टनंट जनरल वाय. के. जोशी ने यह अहम घोषणा की है कि पाकिस्तान के साथ चर्चा जारी रहते समय भी जम्मू और कश्मीर में आतंकवादियों पर जारी कार्रवाई नहीं रुकेगी।

पाकिस्तान के लष्करी अधिकारियों ने भारतीय लष्करी अधिकारियों के साथ हॉटलाईन पर हुई चर्चा में, कश्मीर की नियंत्रण रेखा पर संघर्ष बंदी का पालन करने की बात मान ली। बालाकोट के हवाई हमले को दो साल पूरे हो रहे हैं और ऐसे में, पाकिस्तान ने भारत के साथ चर्चा और सहयोग स्थापित करने के लिए की हुई इस पहल को बहुत बड़ा महत्व प्राप्त हुआ है। पिछले कुछ हफ्तों से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री तथा लष्कर प्रमुख भी, भारत के साथ चर्चा करने के प्रस्ताव रख रहे हैं। उसी समय, भारत अपने चर्चा के आवाहन को प्रतिसाद नहीं दे रहा है, ऐसी शिकायतें भी पाकिस्तान द्वारा की जा रहीं थीं। इस पृष्ठभूमि पर, भारत और पाकिस्तान के लष्करी अधिकारियों के बीच, नियंत्रण रेखा पर की संघर्ष बंदी को लेकर हुई सहमति, यह गौरतलब बात साबित होती है।

इस चर्चा के लिए भारत ने अपनी भूमिका बदलने की तैयारी दर्शाई, ऐसे दावे पाकिस्तान द्वारा किए जा रहे हैं। पाकिस्तान के माध्यम और कुछ विश्लेषक तो, क्या भारत अब पाकिस्तान की माँग के अनुसार, धारा ३७० हटाने का फैसला ख़ारिज करेगा, ऐसी चर्चा कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में भारत द्वारा पाकिस्तान को कड़े शब्दों में खरी खरी सुनाई जा रही है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंग और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शहा ने, बालाकोट के हवाई हमले को दो साल पूरे होने के उपलक्ष्य में देश के रक्षा बलों की सराहना की। उसके बाद वायुसेनाप्रमुख आरकेएस भदौरिया ने वायुसेना के ‘मिराज २००’ विमानों द्वारा, बालाकोट जैसे ही हवाई हमले के अभ्यास में हिस्सा लिया।

इस अभ्यास की खबरें आई होकर, इसके द्वारा भारत ने अपनी क्षमता फिर एक बार पाकिस्तान को दिखाई है। दो साल पहले थी, उससे भी अधिक मात्रा में भारतीय वायुसेना सामर्थ्यशाली बनी है। वायुसेना में अब रफायल लड़ाकू विमानों का समावेश हुआ होकर, उससे पाकिस्तान बहुत बड़े दबाव में आया दिख रहा है। इतना ही नहीं, बल्कि आने वाले समय में वायुसेना के बेड़े में रफायल तथा और भी कुछ विमान दाखिल होने वाले हैं। उसी समय, पाकिस्तान में घुसकर हमला करने की हिम्मत भारत के पास है, यह भी भारत ने साबित किया। पाकिस्तान पर इसके परिणाम दिखाई देने लगे हैं।

इसी बीच, भारतीय लष्कर के नॉर्दन कमांड के प्रमुख लेफ्टनंट जनरल वाय. के. जोशी ने घोषित किया कि किसी भी हालत में जम्मू और कश्मीर में आतंकवादियों पर चल रही कार्रवाई नहीं रुकेगी। भारत की पाकिस्तान के साथ चर्चा शुरू हुई , फिर भी उसका अर्थ यह नहीं है कि आतंकवादियों पर जारी कार्रवाई रुकेगी, ऐसा लेफ्टनंट जनरल जोशी ने स्पष्ट किया। इससे यही संदेश दिया जा रहा है कि भारत पाकिस्तान के साथ बातचीत करने के लिए किसी भी प्रकार का समझौता स्वीकार नहीं करेगा।

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