ईंधन वायू क्षेत्र के विकास के लिए देश में ६० अरब डॉलर्स का निवेश – पेट्रोलियममंत्री धर्मेंद्र प्रधान

नई दिल्ली – भारत ने नैसर्गिक वायू क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए ६० अरब डॉलर्स का निवेश किया है, केंद्रीय पेट्रोलियममंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यह जानकारी साझा की। इस निवेश के तहत देश में र्इंधन पाईपलाईन का नेटवर्क, टर्मिनल्स और गैस फील्ड जैसी बुनियादी सुविधाओं का निर्माण हो रहा है। इससे भारत की आयात र्इंधन पर निर्भरता कम होगी, यह विश्‍वास पेट्रोलियममंत्री ने व्यक्त किया। कुछ दिन पहले ही भारत ने नैसर्गिक वायुक्षेत्र में बुनियादी सुविधाएं विकसित करने के लिए अमरिकी कंपनियों को आमंत्रित किया था।

वायू क्षेत्र

मंगलवार के दिन पेट्रोलियममंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ४२ सीएनजी स्टेशन्स का उद्घाटन किया। साथ ही टोरंट गैस कंपनी के तीन सिटी गेट स्टेशन्स का भी उद्घाटन किया। वीडियो कान्फरन्सिंग के माध्यम से यह समारोह आयोजित किया गया था। ४२ सीएनजी स्टेशन्स में से १४ स्टेशन्स उत्तर प्रदेश, ८ महाराष्ट्र में, ६ गुजरात, ४ पंजाब और ५ तेलंगना और ५ राजस्थान में निर्माण किए गए हैं। इसके साथ ही महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और पंजाब में सिटी गेट स्टेशन्स का निर्माण किया गया है।

वर्ष २०१४ में देश में कुल ९३८ ‘सीएनजी स्टेशन्स’ स्थापित हुए थे। वर्ष २०२० में यही संख्या २,३०० तक पहुंची है, इस ओर भी पेट्रोलियममंत्री ने ध्यान आकर्षित किया। अब अगले दिनों में सरकार ने १० हज़ार सीएनजी स्टेशन्स स्थापित करने का उद्देश्‍य तय किया है। भारत ने नैसर्गिक वायु क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं के निर्माण के लिए ६० अरब डॉलर्स यानी ४ लाख करोड़ रुपयों से अधिक निवेश किया। इससे देश गैस इकॉनॉमि की ड़गर पर आगे बढ़ेगा यह विश्‍वास प्रधान ने व्यक्त किया।

इस माध्यम से सिर्फ साफ और कार्यक्षम ईंधन की प्राप्ती नहीं होगी, बल्कि देश की क्रूड़ ऑईल पर बनी निर्भरता भी कम होगी, यह बात प्रधान ने दर्ज़ की। साथ ही सिटी गैस वितरक कंपनियों ने बायोमास पर आधारित प्रकल्पों में निवेश किया है। इस तरह के ५०० प्रकल्प पहले ही शुरू किए गए हैं। ऐसे और पांच हज़ार प्रकल्प स्थापित करने का उद्देश्‍य सरकार ने तय किया है, यह अहम जानकारी भी प्रधान ने इस दौरान साझा की।

‘मोबाईल डिस्पेन्सर’ के ज़रिये सरकार ग्राहकों को उनकी आवश्‍यकता के अनुसार र्इंधन की ‘डोअरस्पेट’ आपूर्ति के लिए तैयार होने की बात धर्मेंद्र प्रधान ने कही। साथ ही बैटरी स्वैपिंग सुविधाओं का विस्तार भी किया गया है। र्इंधन के कारोबार के लिए बड़ी मात्रा में डिजीटल प्लैटफॉर्म के इस्तेमाल की जानकारी भी उन्होंने साझा की। इसी बीच सौर ऊर्जा क्षेत्र में भारत ने पहले ही विश्‍व के सामने आदर्श खड़ा किया है, यह बात भी प्रधान ने कही।

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