तालिबान एवं ‘आयएस’ विरोधी अभियान की पृष्ठभूमि पर अफगानिस्तान में अमरिकी हवाई हमलों की तीव्रता बढ़ी

वॉशिंग्टन, दि. २७ (वृत्तसंस्था)- अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा ने सन २०१४ में, अफगानिस्तान का ‘कॉम्बॅट मिशन’ ख़त्म होने की घोषणा की थी| लेकिन प्रत्यक्ष रूप में अब अफगानिस्तान में अमरीका की कार्रवाई की तीव्रता अधिक बढ गयी है, ऐसी नयी जानकारी सामने आयी है| अफगानिस्तान में तालिबान एवं ‘आयएस’ के खिलाफ अभियान चलानेवाली अमरीका ने, इस वर्ष के पहले १० महीनों के समय में ही ७०० हवाई हमले किये हैं, ऐसी जानकारी दी गयी है| सन २०१५ में अमरीका ने पूरे सालभर में ५०० हवाई हमले किये थे|

तालिबानअमरीका की सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडिअर जनरल चार्ल्स क्लेव्हलँड ने, हमले की तादाद बढ़ने की ख़बर की पुष्टि की| ‘अफगानिस्तान स्थित अमरीका की सेना को कुछ अतिरिक्त अधिकार दिये गये हैं| उसी समय, आक्रामक हमलों के संदर्भ की नीति में भी अमरीका ने बदलाव किये हैं| इन नये अधिकारों के कारण, अफगानिस्तान की कार्रवाई में अमरीका अधिक सक्रिय और आक्रामक तौर पर शामील हुई है| ‘आयएस’ इस आतंकी संगठन के खिलाफ कार्रवाई अधिक तीव्रता से की जा रही है’, ऐसा कहकर क्लेव्हलँड ने हमले बढ़े होने की बात को मान लिया|

‘आतंकवादविरोधी युद्धमुहिम’ के हिस्से के रूप में ‘आयएस’ के खिलाफ़ लगभग २०० हवाईहमले किये गये, ऐसा क्लेव्हलँड ने कहा| अन्य हवाई हमलों में अल कायदा, तालिबान के खिलाफ हमले तथा नाटो के सहयोगी देश एवं अफगानी सेना के लिए किये गये हमलें, इनका समावेश है| तालिबान को ‘लश्कर गाह’ जैसे महत्त्वपूर्ण शहर का कब्ज़ा लेने से रोकने के लिए यह अमरिकी हवाई हमलों की मुहिम उपयुक्त साबित हुई, यह दावा भी उन्होंने किया|

तालिबानएक तरफ अमरीका द्वारा हवाई हमले बढ रहे हैं; वहीं, अफगानिस्तान का लगभग ३५ प्रतिशत से भी अधिक भाग तालिबान और ‘आयएस’ इन आतंकवादी संगठनों के कब्ज़े में है| इसी कारण, अमरीका के बढ़ते हवाई हमलों की पृष्ठभूमि पर, अफगानिस्तान सरकार और सेना की असफलता सामने आ रही है|
इस दौरान, कुछ ही दिन पहले अफगानिस्तान के कुनार प्रांत में हुए हवाई हमलों में, अल-कायदा के प्रमुख दो नेताओं का ख़ात्मा किया होने का दावा पेंटॅगॉन ने किया है| उनके नाम ‘अल कतानी’ और ‘बिलाल अल उताबी’ होने की जानकारी अमरिकी सूत्रों ने दी|

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